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उपचुनाव 2020 : चुनावी प्रचार पर चढ़ा मालवी रंग, लोकगीत और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बता रहे कांग्रेस की उपलब्धियां

मध्यप्रदेश के उपचुनाव में इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट सबसे चर्चित सीट है. यहां दोनों ही प्रत्याशी दल बदलकर चुनावी समर में उतरे हैं. ऐसे में यह सीट दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ. चुनाव में जनता से संपर्क साधने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू ने मतदाताओं से संपर्क साधने के लिए मालवी तरीका अपना रहे हैं. मालवा गीत और नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों से प्रेमचंद गुड्डू को वोट करने के लिए अपील की जा रही है.

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चुनावी प्रचार पर चढ़ा मालवी रंग
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Published : Oct 25, 2020, 6:48 AM IST

इंदौर। मध्यप्रदेश के 28 विधानसभा पर उपचुनाव होना है, लेकिन सभी की निगाहें इंदौर की सांवरे विधानसभा सीट पर टीकी हुई है. क्योंकि यहां से बीजेपी की तरफ से तुलसी राम सिलावट चुनावी मैदान में जो ज्योतिरादित्या सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू हैं, जो बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं. दोनों की प्रत्याशी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है. सीट को जीतने के लिए प्रत्याशियों ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं और चुनाव प्रचार भी अगल अलग तरीके से कर रहे हैं.

चुनावी प्रचार पर चढ़ा मालवी रंग

उपचुनाव में सांवेर विधानसभा सीट मालवा निमाड़ की सबसे चर्चित सीट है. यही वजह से की सबकी निगाहें यही टीकी हुई है. सांवेर विधानसभा का 70 प्रतिशत से अधिक इलाका ग्रामीण है, जहां पर मालवी भाषा बोली जाती है. यही कारण है कि कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू ने आम जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए अब मालवी लोक गीतों का सहारा लिया है. इसके लिए मालवा के कलाकारों को भी बुलाया गया है, जो गांव-गांव जाकर नुक्कड़ नाटक और मालवी लोक गीत गाकर जनता से प्रेमचंद गुड्डू को वोट देने की अपील कर रहे हैं.

प्रेमचंद गुड्डू का कहना है कि हमारा ग्रामीण परवेश मालवी लोक गीतों और मार्च मंडली पर रचा बसा है. आने वाले दिनों में नुक्कड़ नाटक और मालवी लोक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा ताकि ग्रामीणों और बाकि लोगों तक हम अपनी बात सरलता और सहेजता से पहुंचा सकें.

बीजेपी ने साधा निशाना

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा चुनाव प्रचार के लिए मालवी कार्यक्रमों का सहारा लेने पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. बीजेपी प्रवक्ता उमेश शर्मा का कहना है कि अगर प्रेमचंड गुड्डू ने सीधा नाता सांवेर की जनता से रखा होता तो इस तरह के किसी भी कार्यक्रम की जरूरत नहीं पड़ती. न उनको नाचने वाले बुलाना पड़ते, न गाने वाले बुलाने पड़ते, और न ही बजाने वाले बुलाना पड़ते. क्योकि सांवेर से प्रेमचंद गुड्डू का 20-22 साल से संबंध नहीं रहा. नया मतदाता प्रेमचंद गुड्डू को पहचानता नहीं है, इसलिए उनकों इस तरह के क्रियाकलापों का सहारा लेना पड़ रहा है.

कलाकारों को भी मिला रोजगार

मालवा इलाके के कलाकारों को 9 महीने से बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा था. सभी कलाकार अपना गुजारा केवल कला और रंगमंच के माध्यम से करते थे, लेकिन कोरोना वायरस की वजह कामकाज बंद हो गया था, लेकिन उपचुनाव में क्षेत्रीय कलाकारों को प्रचार प्रसार के लिए मिले अवसर में एक बार फिर उनके रोजगार में तेजी ला दी है. इंदौर शहर और उसके आसपास में रहने वाले कलाकारों को बड़ी संख्या में उपचुनाव से रोजगार प्राप्त हो रहा है, इन कलाकारों की मंडली गांव-गांव घूमकर प्रत्याशियों के समर्थन में वोट देने की अपील अपने ही अंदाज में कर रही है.

पुराने ट्रेंड पर हो रहा प्रचार

विधानसभा उपचुनाव में एक ओर जहां कांग्रेस ने प्रचार-प्रसार के पुराने तरीके को अपनाया है, तो वहीं बीजेपी के द्वारा सोशल मीडिया के जरिए जनता को लुभाने के प्रयास किए जा रहे हैं. सांवेर विधानसभा में ग्रामीण इलाका अधिक होने के कारण सोशल मीडिया के साथ ही कांग्रेस ने यहां पर मालवीय कलाकारों को मैदान में उतारा है. यह मालवीय कलाकार अपनी लोक गीतों के माध्यम से आम जनता तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं बीजेपी के द्वारा सोशल मीडिया पर लोगों को तैनात किया गया है और चुनाव प्रचार के माध्यम को मजबूत बनाया जा रहा है.

इंदौर। मध्यप्रदेश के 28 विधानसभा पर उपचुनाव होना है, लेकिन सभी की निगाहें इंदौर की सांवरे विधानसभा सीट पर टीकी हुई है. क्योंकि यहां से बीजेपी की तरफ से तुलसी राम सिलावट चुनावी मैदान में जो ज्योतिरादित्या सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू हैं, जो बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं. दोनों की प्रत्याशी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है. सीट को जीतने के लिए प्रत्याशियों ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं और चुनाव प्रचार भी अगल अलग तरीके से कर रहे हैं.

चुनावी प्रचार पर चढ़ा मालवी रंग

उपचुनाव में सांवेर विधानसभा सीट मालवा निमाड़ की सबसे चर्चित सीट है. यही वजह से की सबकी निगाहें यही टीकी हुई है. सांवेर विधानसभा का 70 प्रतिशत से अधिक इलाका ग्रामीण है, जहां पर मालवी भाषा बोली जाती है. यही कारण है कि कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू ने आम जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए अब मालवी लोक गीतों का सहारा लिया है. इसके लिए मालवा के कलाकारों को भी बुलाया गया है, जो गांव-गांव जाकर नुक्कड़ नाटक और मालवी लोक गीत गाकर जनता से प्रेमचंद गुड्डू को वोट देने की अपील कर रहे हैं.

प्रेमचंद गुड्डू का कहना है कि हमारा ग्रामीण परवेश मालवी लोक गीतों और मार्च मंडली पर रचा बसा है. आने वाले दिनों में नुक्कड़ नाटक और मालवी लोक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा ताकि ग्रामीणों और बाकि लोगों तक हम अपनी बात सरलता और सहेजता से पहुंचा सकें.

बीजेपी ने साधा निशाना

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा चुनाव प्रचार के लिए मालवी कार्यक्रमों का सहारा लेने पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. बीजेपी प्रवक्ता उमेश शर्मा का कहना है कि अगर प्रेमचंड गुड्डू ने सीधा नाता सांवेर की जनता से रखा होता तो इस तरह के किसी भी कार्यक्रम की जरूरत नहीं पड़ती. न उनको नाचने वाले बुलाना पड़ते, न गाने वाले बुलाने पड़ते, और न ही बजाने वाले बुलाना पड़ते. क्योकि सांवेर से प्रेमचंद गुड्डू का 20-22 साल से संबंध नहीं रहा. नया मतदाता प्रेमचंद गुड्डू को पहचानता नहीं है, इसलिए उनकों इस तरह के क्रियाकलापों का सहारा लेना पड़ रहा है.

कलाकारों को भी मिला रोजगार

मालवा इलाके के कलाकारों को 9 महीने से बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा था. सभी कलाकार अपना गुजारा केवल कला और रंगमंच के माध्यम से करते थे, लेकिन कोरोना वायरस की वजह कामकाज बंद हो गया था, लेकिन उपचुनाव में क्षेत्रीय कलाकारों को प्रचार प्रसार के लिए मिले अवसर में एक बार फिर उनके रोजगार में तेजी ला दी है. इंदौर शहर और उसके आसपास में रहने वाले कलाकारों को बड़ी संख्या में उपचुनाव से रोजगार प्राप्त हो रहा है, इन कलाकारों की मंडली गांव-गांव घूमकर प्रत्याशियों के समर्थन में वोट देने की अपील अपने ही अंदाज में कर रही है.

पुराने ट्रेंड पर हो रहा प्रचार

विधानसभा उपचुनाव में एक ओर जहां कांग्रेस ने प्रचार-प्रसार के पुराने तरीके को अपनाया है, तो वहीं बीजेपी के द्वारा सोशल मीडिया के जरिए जनता को लुभाने के प्रयास किए जा रहे हैं. सांवेर विधानसभा में ग्रामीण इलाका अधिक होने के कारण सोशल मीडिया के साथ ही कांग्रेस ने यहां पर मालवीय कलाकारों को मैदान में उतारा है. यह मालवीय कलाकार अपनी लोक गीतों के माध्यम से आम जनता तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं बीजेपी के द्वारा सोशल मीडिया पर लोगों को तैनात किया गया है और चुनाव प्रचार के माध्यम को मजबूत बनाया जा रहा है.

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