इंदौर। कंप्यूटर बाबा की एक बार फिर मुसीबत बढ़ने वाली है. जिस कार में कंप्यूटर बाबा घूमते थे वह किराए की कार थी और उसका 9 माह का किराया कंप्यूटर बाबा ने नहीं कहा था. इसी बात को लेकर कार के मालिक ने इंदौर डीआईजी कार्यालय पर एक शिकायती आवेदन दिया है और कार्रवाई की मांग की है. वहीं जिस व्यक्ति ने कंप्यूटर बाबा के खिलाफ शिकायत की है वह पूर्व में कंप्यूटर बाबा के साथ ही घूमता था और पिछले दिनों जब जिला प्रशासन व पुलिस विभाग ने कंप्यूटर बाबा पर शिकंजा कसा था तो उसपर भी पुलिस ने कार्रवाई की थी. उसपर भी कई अपराध दर्ज हैं. फिलहाल अब जिस तरह से उसने पूरे मामले में यू-टर्न लिया है, तो निश्चित तौर पर कंप्यूटर बाबा की मुसीबतें बढ़ सकती है.
कंप्यूटर बाबा पर आरोप
इंदौर डीआईजी कार्यालय पर रमेश तोमर नामक व्यक्ति ने एक शिकायती आवेदन कंप्यूटर बाबा के खिलाफ दिया है. रमेश तोमर ने अपने शिकायती आवेदन में लिखा है कि कंप्यूटर बाबा ने उससे 40 हजार रुपये प्रति माह में कार किराए पर ले रखी थी. 2019 के बाद कंप्यूटर बाबा ने किराया देना बंद कर दिया था. वही कंप्यूटर बाबा पर तीन लाख 60 हजार रुपये किराया बाकी है. उनसे कई बार संपर्क किया लेकिन वह किराया नहीं दे रहे हैं. इन्हीं सब बातों को लेकर उसने डीआईजी कार्यालय पर कार्रवाई को लेकर आवेदन दिया है.शिकायतकर्ता रमेश तोमर ने यह भी लिखा है कि कंप्यूटर बाबा के कार का किराया नहीं देने के कारण वह कार की बैंक किस्त भी नहीं भर पा रहा है.
कम्प्यूटर बाबा के खास समर्थकों में से एक था शिकायतकर्ता
रमेश तोमर कंप्यूटर बाबा का खास हुआ करता था और हर समय कंप्यूटर बाबा के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों में भी शिरकत करता था. जिस समय कंप्यूटर बाबा पर पुलिस ने कार्रवाई की उस समय उनके कट्टर समर्थकों के रूप में रमेश तोमर के भी विभिन्न ठिकानों पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उस पर कई प्रकरण भी दर्ज किए थे. लेकिन अब जिस तरह से रमेश तोमर ने कंप्यूटर बाबा के खिलाफ मोर्चा खोला है, तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में कंप्यूटर बाबा की मुसीबतें बढ़ सकती है.
समर्थक ने खोला कंप्यूटर बाबा के कई राज
रमेश तोमर ने आवेदन पत्र में कंप्यूटर बाबा का लेखा-जोखा का भी जिक्र किया है. रमेश तोमर ने अपने शिकायती आवेदन में इस बात का जिक्र किया है कि कंप्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी नहीं, बल्कि रमाशंकर पटेल है और वह अविवाहित शिक्षक है. उसके चार भाई हैं. वह एक दिन अचानक घर से भाग गया और 8 साल बाद बाबा बनकर लौटा. उसके पास अब तक 20 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है. जिसमें से अपने चेले राजा यादव के नाम पर दो करोड़, गोविंद पटेल के नाम 5 करोड़ कर रखी है. वही रमेश तोमर ने पत्र के माध्यम से यह भी दावा किया कि कंप्यूटर बाबा ने अपने तीन खास चेले राजा यादव, रामबाबू यादव और गोविंद पटेल को सेटिंग के माध्यम से कलेक्ट्रेट कार्यालय से बंदूक के लाइसेंस भी दिलवाए थे.
शिकायतकर्ता पर है 17 प्रकरण दर्ज
रमेश तोमर पर भी तकरीबन 17 से अधिक प्रकरण दर्ज है, लेकिन उसने पत्र के माध्यम से यह दावा किया है कि वह अधिकांश मामलों में बरी हो चुका है, लेकिन पिछले दिनों जब कंप्यूटर बाबा पर पुलिस विभाग और प्रशासन ने शिकंजा कसा था. उस समय भी रमेश तोमर के अवैध अतिक्रमण पर प्रशासन ने कार्रवाई की थी और उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण भी दर्ज करवाया था और रमेश तोमर उसके बाद से ही लगातार फरार चल रहा था.
कार का किराया नहीं चुकाने पर फिर मुश्किल में कंप्यूटर बाबा
कंप्यूटर बाबा के एक समर्थक रमेश तोमर ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि जिस कार में बाबा घूमता था वह उसकी है और बाबा ने 2019 के बाद किराया नहीं दिया है. इसके साथ ही उसने कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए है.
इंदौर। कंप्यूटर बाबा की एक बार फिर मुसीबत बढ़ने वाली है. जिस कार में कंप्यूटर बाबा घूमते थे वह किराए की कार थी और उसका 9 माह का किराया कंप्यूटर बाबा ने नहीं कहा था. इसी बात को लेकर कार के मालिक ने इंदौर डीआईजी कार्यालय पर एक शिकायती आवेदन दिया है और कार्रवाई की मांग की है. वहीं जिस व्यक्ति ने कंप्यूटर बाबा के खिलाफ शिकायत की है वह पूर्व में कंप्यूटर बाबा के साथ ही घूमता था और पिछले दिनों जब जिला प्रशासन व पुलिस विभाग ने कंप्यूटर बाबा पर शिकंजा कसा था तो उसपर भी पुलिस ने कार्रवाई की थी. उसपर भी कई अपराध दर्ज हैं. फिलहाल अब जिस तरह से उसने पूरे मामले में यू-टर्न लिया है, तो निश्चित तौर पर कंप्यूटर बाबा की मुसीबतें बढ़ सकती है.
कंप्यूटर बाबा पर आरोप
इंदौर डीआईजी कार्यालय पर रमेश तोमर नामक व्यक्ति ने एक शिकायती आवेदन कंप्यूटर बाबा के खिलाफ दिया है. रमेश तोमर ने अपने शिकायती आवेदन में लिखा है कि कंप्यूटर बाबा ने उससे 40 हजार रुपये प्रति माह में कार किराए पर ले रखी थी. 2019 के बाद कंप्यूटर बाबा ने किराया देना बंद कर दिया था. वही कंप्यूटर बाबा पर तीन लाख 60 हजार रुपये किराया बाकी है. उनसे कई बार संपर्क किया लेकिन वह किराया नहीं दे रहे हैं. इन्हीं सब बातों को लेकर उसने डीआईजी कार्यालय पर कार्रवाई को लेकर आवेदन दिया है.शिकायतकर्ता रमेश तोमर ने यह भी लिखा है कि कंप्यूटर बाबा के कार का किराया नहीं देने के कारण वह कार की बैंक किस्त भी नहीं भर पा रहा है.
कम्प्यूटर बाबा के खास समर्थकों में से एक था शिकायतकर्ता
रमेश तोमर कंप्यूटर बाबा का खास हुआ करता था और हर समय कंप्यूटर बाबा के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों में भी शिरकत करता था. जिस समय कंप्यूटर बाबा पर पुलिस ने कार्रवाई की उस समय उनके कट्टर समर्थकों के रूप में रमेश तोमर के भी विभिन्न ठिकानों पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उस पर कई प्रकरण भी दर्ज किए थे. लेकिन अब जिस तरह से रमेश तोमर ने कंप्यूटर बाबा के खिलाफ मोर्चा खोला है, तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में कंप्यूटर बाबा की मुसीबतें बढ़ सकती है.
समर्थक ने खोला कंप्यूटर बाबा के कई राज
रमेश तोमर ने आवेदन पत्र में कंप्यूटर बाबा का लेखा-जोखा का भी जिक्र किया है. रमेश तोमर ने अपने शिकायती आवेदन में इस बात का जिक्र किया है कि कंप्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी नहीं, बल्कि रमाशंकर पटेल है और वह अविवाहित शिक्षक है. उसके चार भाई हैं. वह एक दिन अचानक घर से भाग गया और 8 साल बाद बाबा बनकर लौटा. उसके पास अब तक 20 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है. जिसमें से अपने चेले राजा यादव के नाम पर दो करोड़, गोविंद पटेल के नाम 5 करोड़ कर रखी है. वही रमेश तोमर ने पत्र के माध्यम से यह भी दावा किया कि कंप्यूटर बाबा ने अपने तीन खास चेले राजा यादव, रामबाबू यादव और गोविंद पटेल को सेटिंग के माध्यम से कलेक्ट्रेट कार्यालय से बंदूक के लाइसेंस भी दिलवाए थे.
शिकायतकर्ता पर है 17 प्रकरण दर्ज
रमेश तोमर पर भी तकरीबन 17 से अधिक प्रकरण दर्ज है, लेकिन उसने पत्र के माध्यम से यह दावा किया है कि वह अधिकांश मामलों में बरी हो चुका है, लेकिन पिछले दिनों जब कंप्यूटर बाबा पर पुलिस विभाग और प्रशासन ने शिकंजा कसा था. उस समय भी रमेश तोमर के अवैध अतिक्रमण पर प्रशासन ने कार्रवाई की थी और उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण भी दर्ज करवाया था और रमेश तोमर उसके बाद से ही लगातार फरार चल रहा था.