इंदौर। क्वॉरेंटाइन सेंटर में पतंजलि की दवाई और काढ़ा वितरण करने को लेकर मामला गरमा गया है. इस मामले के सामने आते ही कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस के बहाने से मरीजों पर दवाइयों का मेडिकल ड्रग ट्रायल किया जा रहा है, जो कि नियमों के विरुद्ध है. जिसके बाद अब कलेक्टर ने इस आदेश को वापस ले लिया है.
इस मामले में कलेक्टर मनीष सिंह ने सफाई दी है कि यह किसी तरह का कोई ड्रग ट्रायल नहीं है. आयुर्वेदिक और होम्योपैथी दवाइयों में ड्रग ट्रायल नहीं होता है, लेकिन फिलहाल इन दवाइयों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में वितरण करने पर रोक लगा दी है. कलेक्टर के मुताबिक इस मामले में केंद्र सरकार की कोई गाइडलाइन नहीं थी ओर अब जब गाइडलाइन आएगी उसी के बाद आयुर्वेदिक दवाइयों को लेकर निर्णय लिया जाएगा. उनका कहना है कि पतंजलि की दवाइयों को सिर्फ एक दिन बांटा गया था.
वहीं मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट करते हुए पतंजलि आयुर्वेदिक दवाइयों के ट्रायल को लेकर निशाना साधा है. अपने ट्वीट में लिखा है कि पतंजलि के ड्रग ट्रायल को लेकर मध्यप्रदेश में किसी प्रकार की परमिशन नहीं है. उसके बावजूद इंदौर कलेक्टर ने पतंजलि की दवाइयां कोरोना पेशेंट को देने की अनुमति प्रदान की है.