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MP के जंगलों में हो रही है बेशकीमती पेड़ों की अवैध कटाई, वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप

मध्य प्रदेश के जंगलों में लगातार पेड़ों की अवैध कटाई हो रही है, वहीं वन विभाग के अधिकारी ने मामले की जानकारी होने से ही इनकार किया है. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों पर तस्करों से मिलीभगत के गंभीर आरोप लग रहे हैं.

लकड़ी तस्कर
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Published : Jul 24, 2019, 1:17 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के जंगलों में लगातार अवैध कटाई के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला इंदौर के पास स्थित चोरल के जंगल में सामने आया है. यह जंगल 100 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है. इस जंगल में कई कीमती लकड़ियों के पेड़ हैं, लेकिन लगातार इन पेड़ों की अवैध कटाई जारी है और इसमें वन विभाग के ही अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं.


गौरतलब है कि चोरल में राजपुर, नयापुरा, कुल थाना, बेका के साथ ही कई वन क्षेत्र हैं, जहां जंगल फैला हुआ है. इन जंगलों में कई बेशकीमती पेड़ लगे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा पेड़ सागौन के हैं. यहां लगातार सागौन के पेड़ की अवैध कटाई हो रही है. वन विभाग के कैमरों में सागौन की लकड़ी ले जाते हुए तस्कर कैद हुए हैं. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि तस्करों ने हरे-भरे पेड़ों को काटकर एक जगह रखा है. लकड़ियों की संख्या देखकर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसकी कीमत 5-7 करोड़ रुपए होगी. बाद में रात के अंधेरे में तस्करों ने ट्रक से इन लकड़ियों को शहर में पहुंचाया. इतनी बड़ी संख्या में लकड़ियों की तस्करी के पीछे वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत बताई जा रही है.

तस्करों के हौसले बुलंद, धड़ल्ले से वनों की अवैध कटाई जारी


इधर अधिकारियों ने मामले की जानकारी होने से इनकार किया है. वहीं एक RTI एक्टिविस्ट ने भी इस पूरे मामले की शिकायत वन विभाग के अधिकारियों से की है, जिसका नतीजा कुछ नहीं निकला है. बता दें कि ये पूरा वन क्षेत्र एकमात्र रेंजर के भरोसे है और जब इस पूरे मामले पर जवाब लेने मीडियाकर्मी पहुंचे, तो रेंजर वहां से नदारद मिले.

इंदौर। मध्य प्रदेश के जंगलों में लगातार अवैध कटाई के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला इंदौर के पास स्थित चोरल के जंगल में सामने आया है. यह जंगल 100 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है. इस जंगल में कई कीमती लकड़ियों के पेड़ हैं, लेकिन लगातार इन पेड़ों की अवैध कटाई जारी है और इसमें वन विभाग के ही अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं.


गौरतलब है कि चोरल में राजपुर, नयापुरा, कुल थाना, बेका के साथ ही कई वन क्षेत्र हैं, जहां जंगल फैला हुआ है. इन जंगलों में कई बेशकीमती पेड़ लगे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा पेड़ सागौन के हैं. यहां लगातार सागौन के पेड़ की अवैध कटाई हो रही है. वन विभाग के कैमरों में सागौन की लकड़ी ले जाते हुए तस्कर कैद हुए हैं. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि तस्करों ने हरे-भरे पेड़ों को काटकर एक जगह रखा है. लकड़ियों की संख्या देखकर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसकी कीमत 5-7 करोड़ रुपए होगी. बाद में रात के अंधेरे में तस्करों ने ट्रक से इन लकड़ियों को शहर में पहुंचाया. इतनी बड़ी संख्या में लकड़ियों की तस्करी के पीछे वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत बताई जा रही है.

तस्करों के हौसले बुलंद, धड़ल्ले से वनों की अवैध कटाई जारी


इधर अधिकारियों ने मामले की जानकारी होने से इनकार किया है. वहीं एक RTI एक्टिविस्ट ने भी इस पूरे मामले की शिकायत वन विभाग के अधिकारियों से की है, जिसका नतीजा कुछ नहीं निकला है. बता दें कि ये पूरा वन क्षेत्र एकमात्र रेंजर के भरोसे है और जब इस पूरे मामले पर जवाब लेने मीडियाकर्मी पहुंचे, तो रेंजर वहां से नदारद मिले.

Intro:एंकर - मध्यप्रदेश के जंगलों में लगातार अवैध कटाई के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे ही एक मामला सामने आया इंदौर के पास स्थित चोरल के जंगलों में चोरल का जंगल तकरीबन 100 हेक्टर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और वहां पर कई कीमती लकड़ियों के पेड़ वन विभाग के द्वारा रोपे गए हैं लेकिन उन दोनों को वन विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ कर काटकर तस्करों के द्वारा ले जाया जा रहा है।


Body:वीओ - पिछले कई दिनों से मध्य प्रदेश के जंगलों में लकड़ी तस्कर सक्रिय है ऐसा ही एक मामला सामने आया इंदौर के चोरल के जंगलों में चोरल का जंगल तकरीबन 100 हेक्टेयर भूमि में फैला हुआ है इन जंगलों में राजपुर , नयापुरा, कुल थाना, बेका के साथ ही कई वन क्षेत्र है जहां पर वन विभाग का जंगल फैला हुआ है लेकिन इन जंगलों में लगातार अवैध कटाई सामने आ रही है इन जंगलों में तकरीबन कई कीमती पेड़ लगे हुए हैं । जिनमें प्रमुख रूप से सागौन है सागौन के पेड़ों की लगातार इन वन क्षेत्रों में कटाई हो रही है जिसके कुछ नजारे भी कैमरे में कैद हुए हैं जहां पर लकड़ी तस्करों के द्वारा हरे भरे पेड़ों को काटकर ले जाया जा रहा है इसी के साथ एक दृश्य यह भी सामने आया कि जो लकड़ी काटी जा रही है उन्हें एक जगह इकट्ठा भी किया जा रहा है इससे यहां अंदेशा लगाया जा सकता है कि रात के अंधेरे में इन्हें ट्रकों के माध्यम से शहर में पहुंचा दिया जाएगा । एक अंदेशा यह भी अंदेशा लगाया जा सकता है कि वन विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी इन लकड़ी तस्करों के साथ मिले हुए हैं जिसके कारण पूरे जंगल क्षेत्र में सागौन की लकड़ियों को काटा जा रहा है और बड़ी आसानी से उसे बाले बाले शहर में पहुंचा दिया जा रहा है यदि अंदेशा लगाया जाए तो 5 से 7 करोड रुपए की यह लकड़िया शहर में वन विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ के माध्यम से भेज दी जाएगी लेकिन वन विभाग के आला अधिकारियों को इस पूरे मामले में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है वही एक आईटीआई स्पेशलिस्ट ने इस पूरे मामले की शिकायत भी वन विभाग के अधिकारियों को की है लेकिन वन विभाग के अधिकारी अभी भी कुम्भकर्णीय नींद में सोए हुए हैं जिसके कारण यहां पर लगातार जंगलों में सागौन की लकड़ी की अवैध कटाई हो रही है और इन वन क्षेत्रों में नही कभी वन विभाग के अधिकारी दोरा करते है पूरा वन क्षेत्र एक मात्र रेंजर के भरोसे रहता है।वही जब चोरल वन विभाग के अधिकारियों से इस पूरे मामले पर जवाब लेने पहुंचे तो वन विभाग के रेंजर वहां से नदारद मिले, वही जिन क्षेत्रों में इन पेड़ों की कटाई हो रही है। उस क्षेत्र की गिजती काफी खतरनाक क्षेत्रों में होती है वहां पर कोई भी व्यक्ति आसानी से जा नहीं सकता यदि लकड़ी तस्करों को जरा भी अंदेशा हो जाए तो वह बाहरी व्यक्ति पर पथराव कर देते हैं वही पूरा मामला सामने आने के बाद वन विभाग के अधिकारी लकड़ी तस्करों पर आने वाले दिनों में किस तरह की कार्रवाई करते हैं यह देखने लायक रहेगा।

बाइट - संजय सिंह , आईटीआई स्पेसलिस्ट, इंदौर




Conclusion:वीओ - वहीं वन विभाग के आला अधिकारी अब पूरा मामले के सामने आने के बाद विभाग के अधिकारियों पर किस तरह की कार्रवाई करेंगे यह देखने लायक रहेगा लेकिन जिस तरह से वन विभाग के अधिकारी पेड़ों की अवैध कटाई रोकने के लिए किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं उससे एक अंदेशा यह भी लगता है कि विभाग के कई अधिकारी भी लकड़ी तस्करों से मिले हुए हैं वहीं वन विभाग एनजीटी के नियमों की अवहेलना भी कर रहा है क्योंकि एनजीटी ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आदेश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति यदि एक पेड़ काटता है तो उसकी जगह पर चार पेड़ लगाएं लेकिन उस आदेश की यहां पर अवेहलना होती नजर आ रही है फिलहाल अब देखना होगा कि पूरा मामला सामने आने के बाद वन विभाग इस पूरी व्यवस्था को किस तरह से दुरुस्त करता है।
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