इंदौर। दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले मालवा निमाड़ के तमाम उत्पाद अब एयर कार्गो की मदद से चंद घंटों में देश के किसी भी हिस्से में पहुंच सकेंगे. दरअसल इंदौर के देवी अहिल्या एयरपोर्ट से 26 जनवरी को नियमित कार्गो सेवा का शुभारंभ हो रहा है. जिसको लेकर एयरपोर्ट प्रशासन और कार्गो प्रबंधन ने आज तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए तमाम व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया.
इंदौर कार्गो से 1072 मेट्रिक टन सामान भेजा जायेगा विदेश
इंदौर के देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट के कार्गो पर मौजूद इन बक्सों में पैक दवाइयां मशीनों के पार्ट्स, लेदर सामग्री और नमकीन जैसे उत्पाद नए साल से अब नियमित रूप से देश के किसी भी शहर में पहुंच सकेंगे. इंदौर एयरपोर्ट पर स्थापित एयर कार्गो की बदौलत मालवा निमाड़ के तमाम तरह के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार आसानी से मुहैया होने जा रहा है. फिलहाल इंदौर के डॉमेस्टिक कार्गो के जरिए 30 मेट्रिक टन सामान देश के विभिन्न डेस्टिनेशन पर भेजा जा रहा है. जबकि 6 से 10 मेट्रिक टन सामान की बुकिंग इंटरनेशनल कार्गो के जरिए हो रही है. इस साल सितंबर तक इंदौर कार्गो से 1072 मेट्रिक टन सामान भारत के अलावा विदेशों में भेजा गया है.
ऐसे हुई एयर कार्गो की शुरुआत
2007 के पहले तक मध्य प्रदेश में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी कि विमानों के जरिए त्वरित गति से कोई भी सामान भारत के एक शहर से दूसरे शहर में पहुंचाया जा सके. इसी दरमियान इंदौर एयरपोर्ट के विस्तार के चलते सबसे पहले औपचारिक तौर पर गुजरात की कंपनी GSEC ने यहां डॉमेस्टिक कार्गो की शुरुआत की थी. हालांकि 2016 तक इंदौर से देश के विभिन्न हिस्सों के लिए विमानन सेवाओं का विस्तार हुआ तो एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अपनी कार्गो लॉजिस्टिक्स एंड एलाइड सर्विसेज कंपनी के जरिए मध्य प्रदेश में पहली बार इंदौर से ही सबसे पहले इंटरनेशनल कार्गो सेवा की शुरुआत की. इस सेवा के शुरू होने से उत्साहित मालवा निमाड़ में तरह-तरह के उत्पाद तैयार करने वाली कंपनियां और उद्योग कार्गो सेवा की मदद लेने आगे आई. देखते ही देखते आज इंदौर कार्गो हब बनने जा रहा है.
दवाइयों और डायमंड का एक्सपोर्ट इंपोर्ट
इंदौर से दवाइयां, लेदर से बना सामान, मशीनों के पार्ट्स, PPE किट, गारमेंट और तरह-तरह के उपकरण आदि एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं. इसके अलावा अन्य राज्यों और देशों से यहां डायमंड और केमिकल आदि का इंपोर्ट भी किया जा रहा है. फिलहाल इंदौर से एयर इंडिया विस्तारा, एयर एशिया और इंडिगो जैसी विमानन कंपनियों के विमान कार्गो का सामान लेकर प्रतिदिन उड़ान भर रहे हैं. हालांकि कोरोना काल में इंदौर कार्गो से दवाइयां और उपकरण लेकर कई बार इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट भी उड़ान भर चुकी है.
कोरोना काल में इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट
जिस समय दुनिया भर में विमान सेवाएं ठप पड़ी थी. उस समय इंदौर एयरपोर्ट से पहली इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट की शुरुआत हुई. पहली बार यहां साउथ अफ्रीका के जोहांसबर्ग से कार्गो फ्लाइट आई. जो इंदौर से हाइड्रोक्सी क्लोरीन दवाई के अलावा चिकित्सा उपकरण और अन्य सामग्री लेकर साउथ अफ्रीका के लिए रवाना हुई थी. फिलहाल डॉमेस्टिक कार्गो के लिए भारत की चार विमानन कंपनियां इस सेवा से जुड़ी हुई हैं.
ऐसे जाता था अब तक कार्गो से सामान
कार्गो से सामान बुकिंग के बाद डॉमेस्टिक फ्लाइट की बेली और विमान में मौजूद लगेज एरिया में सामान लेकर विमान संबंधित शहर में डिलीवरी देते थे. जो सामान इंटरनेशनल कार्गो के लिए बुक किया जाता है. उसे एयर एशिया और इंडिगो के विमान द्वारा कनेक्टिव फ्लाइट के लिए दिल्ली और मुंबई के जरिए संबंधित देशों की ओर जाने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट में रखकर ले जाया जाता है. जिसकी डिलीवरी संबंधित देश में कार्गो सेवा कंपनी द्वारा दी जाती है. हालांकि अब नियमित कार्गो विमान शुरू होने से डोमेस्टिक फ्लाइट के स्थान पर सामग्री कार्गो विमान के जरिए ही देश के विभिन्न शहरों में भेजी जा सकेगी
देशभर में इस सामग्री की मांग
इंदौर से विभिन्न राज्यों के लिए दवाइयां मेडिकल उपकरण पीथमपुर में तैयार होने वाले मशीनों के पार्ट्स, पीपीई किट और नमकीन आदि एयर कार्गो से कई स्थानों पर भेजे जाते हैं. इसके अलावा यहां से फल सब्जी फूल को भी मुंबई बेंगलुरु आदि स्थानों पर भेजने के लिए कोल्ड स्टोरेज तैयार किया गया है. आज इस कार्गो का प्रचलन शुरू होने के पूर्व कार्गो लॉजिस्टिक कंपनी के क्षेत्रीय निदेशक जी चंद्रमौली और सीईओ के सिल्वर कुमार और कार्गो के एजीएम आदि ने कार्गो की तमाम व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने एयरपोर्ट के कार्गो परिसर में आईटी आधारित कंप्लेंट प्रबंधन प्रणाली का उद्घाटन भी किया.