इंदौर। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में विमान सेवाएं बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई हैं. हालांकि ऑनलाक में सरकार ने विमान सेवाएं में थोड़ी छूट दी है. विमान सेवाओं के शुरु होने के बाद टिकट बुकिंग के नाम पर बुकिंग एजेंसी और एयरलाइन कंपनियां यात्रियों के साथ मनमानी कर रही हैं. कोरोना काल में यात्रियों को टिकट बुकिंग के बावजूद समय पर विमान सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. शिकायत करने पर यात्रियों को फ्लाइट शुरू होने पर यात्रा करने की सलाह दी जा रही है, साथ ही बुकिंग एजेंसी रिफंड करने से भी साफ इनकार कर रही है.
सबसे ज्यादा फ्लाइट मूवमेंट वाले इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सूने पड़े एयरलाइन कंपनियों के काउंटर अब महज उन यात्रियों के हेल्पडेस्क काउंटर बनकर रह गए हैं, जो इक्का-दुक्का टिकट लेकर अपने गंतव्य की ओर यात्रा करने के लिए एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं. ये स्थिति ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने वाली उन ट्रैवल एजेंसियों की है, जो फ्लाइट के शेड्यूल नहीं होने के बावजूद यात्रियों के टिकट बुकिंग कर रही हैं. इतना ही नहीं ऐसी तमाम एजेंसियां यात्रियों को ऑनलाइन टिकट भी बेज रही हैं. इसके बाद जब यात्री अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए फ्लाइट के शेड्यूल के बारे में पता कर रहे हैं, तो उन्हें बताया जा रहा है कि, इस रूट की फ्लाइट अभी बंद है.
ठगा हुआ महसूस कर रहा यात्री
इस स्थिति में यात्रियों और एयरलाइंस कंपनियों के बीच विवाद की स्थिति बन रही है. दरअसल ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि टिकट बुकिंग करने वाली ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी एयरपोर्ट के फ्लाइट शेड्यूल से अपडेट नहीं है. ऐसी स्थिति में उन रूटों पर भी बुकिंग ली जा रही है, जहां की उड़ाने कोरोना वायरस के बढ़ते केस की वजह से बंद हैं. जब यात्रियों द्वारा ट्रेवल एजेंसियों से उनके टिकट का रिफंड मांगा जा रहा है, तो ट्रैवल एजेंसी रिफंड करने की बजाए, आगामी दिनों में यात्रा कराने की सलाह दे रही हैं. इन हालातों में टिकट बुकिंग कराने वाले यात्री एयरलाइंस कंपनियां और ऑनलाइन टिकट एजेंसी के चक्कर में पड़ कर परेशान हो रहे हैं.
एयरपोर्ट अथॉरिटी का नहीं है ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों पर नियंत्रण
ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों और एयरलाइंस कंपनियों पर एयरपोर्ट अथॉरिटी का कोई सीधा नियंत्रण नहीं है. सबसे ज्यादा परेशानी उन यात्रियों को है, जिन्हें संबंधित समय पर ही उड़ान भरकर अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंचना है. ऐसी स्थिति में कई यात्रियों की टिकट की राशि ट्रैवल एजेंसियों द्वारा ही हड़प ली जा रही है और संबंधित यात्री को दोबारा टिकट लेकर उड़ान भरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. खास बात यह है कि, इस स्थिति पर बोलने के लिए ना तो ठगे जाने वाले यात्री तैयार हैं, ना ही एयरलाइंस कंपनियां और ट्रैवल एजेंसी के प्रतिनिधि बात करने को तैयार हैं.
कोरोना काल में 92 से 20 हुए फ्लाइट मूवमेंट
मार्च के पहले तक इंदौर देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से देश के विभिन्न शहरों के लिए 92 फ्लाइट का मूवमेंट था, जो अब घटकर 20 हो चुका है. फिलहाल डोमेस्टिक फ्लाइट के जरिए इंदौर से मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलुरु हैदराबाद, कोलकाता के लिए सीधी फ्लाइट है. हाल ही में रायपुर के लिए शेड्यूल जारी किया गया है. इसके अलावा
देवी अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट की डायरेक्टर आर्यमा सान्याल ने बताया कि 1 सितंबर से इंडिगो एयरलाइंस द्वारा नागपुर, जयपुर और लखनऊ समेत अन्य पांच शहर भी जुड़ जाएंगे. फिलहाल एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा माना जा रहा है कि सितंबर माह में फ्लाइट की संख्या 20 से बढ़कर 25 से 30 होने का अनुमान है इसके अलावा डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन द्वारा इंदौर से उड़ानों का जो विंटर शेड्यूल जारी किया है. उसमें 24 अक्टूबर से फ्लाइट की संख्या 100 तक बढ़ने के आसार हैं. हालांकि फ्लाइट की संख्या कोरोना के संक्रमण को देखकर ही तय हो सकेगी.
इंदौर में इन कंपनियों की है विमान सेवाएं
इंदौर के देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट कई विमानन कंपनियों का प्रमुख व्यवसायिक स्त्रोत है. यहां इंडिगो एयरलाइंस, एयर इंडिया, ट्रू जेट, स्टार एयरवेज, गो एयर, एयर एशिया और विस्तारा एयरलाइंस विभिन्न शहरों के लिए अपनी उड़ान सेवाएं प्रदान करती हैं. इनमें अधिकांश यात्री सीधे तौर पर कंपनियों से टिकट बुकिंग कराने की बजाय ऑनलाइन टिकट बुकिंग एजेंसियों के जरिए टिकट बुकिंग कराते हैं. कई बार बुकिंग के समय इन एजेंसियों के प्रतिनिधि एयरपोर्ट अथॉरिटी के शेड्यूल से अपडेट नहीं रहते. जिसके कारण टिकट बुकिंग तो कर ली जाती है, लेकिन संबंधित कंपनी बुकिंग के अनुसार फ्लाइट नहीं होने के कारण यात्रा कराने में ऐन मौके पर असमर्थता जाहिर कर देती है.