इंदौर। एक तरफ प्रदेश में जहां रोजाना कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं, लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा जा रहा है, वहीं भारतीय जनता पार्टी लोगों की जान से खिलवाड़ करने में पीछे नहीं हट रही है. नेता या कार्यकर्ता तक तो ठीक है, लेकिन जब ऐसा खुद शिवराज के मंत्री करें तो ये बात गले से नहीं उतरती. कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट के विधानसभा क्षेत्र में कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को देखने को मिला. जहां हजारों महिलाएं कलश यात्रा निकालती हुई नजर आईं. इस दौरान कथित तौर पर बीजेपी नेताओं द्वारा महिलाओं को साड़ी का वितरण किया. जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज की है. कांग्रेस ने मामले की शिकायत कलेक्टर से करने की बात कही है.
कैबिनेट मंत्री की सफाई
सांवेर विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होने के कारण अब मतदाताओं को रिझाने का खेल शुरू हो गया है. भाजपा ने यहां जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के जरिए विकास कार्यों को तेज करते हुए मतदाताओं को हर कीमत में मनाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है.
इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र के करीब ढाई सौ गांवों में नर्मदा कलश यात्रा की घोषणा की गई है. यात्रा को लेकर वीडियो वायरल हो रहे हैं. कांग्रेस इन वीडियो के जरिए बीजेपी पर निशाना साध रही है. इस मामले में कैबिनेट मंत्री और भाजपा के संभावित प्रत्याशी तुलसीराम सिलावट का कहना है कि ये पूरा मसला आस्था से जुड़ा हुआ है, लेकिन कोशिश की जाएगी कि कोरोना संक्रमण के लिहाज से यात्राएं कम से कम निकाली जाएं.
उपचुनाव की तैयारी
दरअसल, आने वाले दिनों में प्रदेश में उपचुनाव हैं. सांवेर की सीट पर भी उपचुनाव होने हैं, जिसके लिए बीजेपी 5 सितंबर से 9 सितंबर के बीच सांवेर विधानसभा के हर गांव में कलश यात्रा निकाल रही है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. कलश यात्रा को बकायदा बैंड-बाजे के साथ निकाला जा रहा है. इस कलश यात्रा के कर्ता-धर्ता मंत्री तुलसीराम सिलावट ही हैं.
जनता की जान से बढ़कर सियासत
इंदौर में कोरोना के अब तक करीब 15 हजार मामले आ चुके हैं. 400 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है. बावजूद इसके भाजपा चुनावी कलश यात्रा को सफल बनाने के लिए जनता की जान से खिलवाड़ कर रही है. जहां कोरोना संक्रमण पूरे प्रदेश में इतना भयावह रूप ले रहा है, वहीं सरकार संक्रमण से लड़ने के बजाय सत्ता हासिल करने के पीछे परेशान है.
नोट- ईटीवी भारत वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है