धार। ऑटोमोबाइल हब पीथमपुर में बीते 10 सालों के अथक प्रयासों के बाद, भारी उद्योग मंत्रालय का अत्याधुनिक नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक, अब दुनिया भर की सुपर कारों के लिए टेस्टिंग डेस्टिनेशन बन चुका है, एशिया के पहले सबसे लंबे ऑटो टेस्टिंग ट्रैक को करीब 3000 एकड़ जमीन पर विकसित किया गया है, जहां एक दो नहीं बल्कि दुनिया भर के अलग-अलग तरह के वाहनों की टेस्टिंग के लिए अलग-अलग तरह के 15 टेस्टिंग ट्रैक बनाए गए हैं, जिन्हें अलग-अलग वाहनों के विभिन्न पैरामीटर पर जांच के अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से तैयार किया गया है. हाई स्पीड कार टेस्टिंग ट्रैक के सेंटर हेड डॉ. एन करूप्पैया ने ईटीवी भारत से बात करते हुए इसकी खूबियां गिनाई.
एशियाई देशों में यह ट्रैक भविष्य में बनने वाले तमाम तरह के वाहनों के परीक्षण के हिसाब से सबसे उपयुक्त साबित होगा, यहीं पर दुनिया का सबसे लंबा हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक मौजूद है, जोकि 16 मीटर चौड़ा और 11.3 किलोमीटर लंबा है. इस ट्रैक पर किसी भी सुपर कार को 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अधिकतम 375 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मोड़ा जा सकता है, इसके अलावा इसी ट्रैक पर ब्रेक स्पीड, फ्यूल कंजर्वेशन, स्पीडोमीटर, ध्वनि एवं वाइब्रेशन मेजरमेंट के अलावा माइलेज जैसे तमाम परीक्षण संभव है. यहीं पर 300 मीटर का डायनामिक्स प्लेटफार्म भी मौजूद है, जोकि दुनिया का सबसे बड़ा डायनमिक प्लेटफार्म है, जिस पर लंबे से लंबे ट्रक को 300 मीटर की गोलाई में मोड़ा जा सकता है, जिसकी लंबाई डेढ़ हजार मीटर है, इसके अलावा यहां एक्सीलेटर हैंडलिंग मल्टीफंक्शन ब्रेकिंग ग्रेडियंट ट्रैक ग्रेवल एंड ऑफ रोड सर्किट जैसे तरह तरह के टेस्ट स्कोर परीक्षण की अंतरराष्ट्रीय खूबियों को प्रमाणित करते हैं.
स्पोर्ट्स कार ही नहीं ट्रक-कंटेनर की भी टेस्टिंग
यही नहीं ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए मौके पर ही टेस्टिंग के साथ व्हीकल डायनेमिक लैब क्लाइंट वर्कशॉप बिल्डिंग एक्सेस कंट्रोल बिल्डिंग पावरट्रेन लैब बिल्डिंग कंट्रोल टावर जनरल स्टोरेज एंड मेंटिनेंस वर्कशॉप बिल्डिंग जैसी ऑटोमोटिव सुविधाएं यहां पर मौजूद हैं, जहां प्रशिक्षित स्टाफ की मौजूदगी में टेस्टिंग के लिए आने वाले तमाम तरह के वाहनों और ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े लोगों की जरूरत का पूरा ध्यान रखा जाता है. इसके अलावा यहां व्हीकल इंस्ट्रुमेंटल लैब इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग स्टेशन पावर एनालाइजर वाइब्रेशन चौका और व्हीकल टेस्ट सेल के साथ दुपहिया और चार पहिया वाहनों के अलावा बड़े ट्रक और कंटेनरों के तमाम टेस्टिंग संसाधन और सुविधाएं मौजूद हैं, जो इसे ऑटोमोबाइल सेक्टर के सबसे ज्यादा सुरक्षित और विशाल ऑटो टेस्टिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करते हैं.
वर्ल्ड क्लास सुपर कारों की टेस्टिंग
एशिया के सबसे लंबे ऑटो टेस्टिंग ट्रैक पर अब तक 308 किलोमीटर प्रति घंटे से लैंबॉर्गिनी कार दौड़ चुकी है, इसके अलावा Mercedes-Benz की स्पोर्ट्स मॉडल कार 308 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैक पर फर्राटे भर चुकी है. इसके अलावा एक अन्य कार 330 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यहां दौड़ाई जा चुकी है, ऑटो टेस्टिंग ट्रैक के सेंटर हेड डॉ. एन करूप्पाह के मुताबिक भारत में टेस्टिंग के लिए यूरोप जर्मनी और अमेरिका में जो सुपर कारें 400 से 500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने योग्य होंगी, उनकी भी टेस्टिंग यहां हो सकेगी, इसके अलावा भारत में मौजूद मल्टीनेशनल कार कंपनियां रेनो, वॉल्वो, निशान, स्कोडा, वॉल्स वैगन आदि कार निर्माता कंपनी भी अपनी अत्याधुनिक सुपर कारों की टेस्टिंग यही कर रही हैं, भारतीय कार कंपनियां महिंद्रा एंड महिंद्रा और आयशर के वाहनों के अलावा कारों में उपयोग किए जाने वाले सिएट जेके टायर समेत अन्य टायर कंपनियां भी यहां अपने उत्पादों की टेस्टिंग कर रही हैं.
इंदौर के करीब इसलिए बना टेस्टिंग ट्रैक
देश का प्रमुख ऑटोमोबाइल हब पीथमपुर में मौजूद है, जहां टाटा मोटर्स, फोर्ड, आयशर हुंडई की यूनिट लगी है, इन कंपनियों के उत्पाद टेस्टिंग के लिए सबसे करीब यही ऑटो टेस्टिंग ट्रैक है, इसके अलावा इंदौर से मुंबई नेशनल हाई-वे के अलावा गुजरात-राजस्थान और महाराष्ट्र तक सड़क मार्ग से सीधा जुड़ाव है, ऑटो सेक्टर के हिसाब से पीथमपुर सबसे उपयुक्त जगह है, जहां एक विशाल क्षेत्र में यह टेस्टिंग ट्रैक तैयार किया गया है.
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10 साल में आकार ले पाया प्रोजेक्ट
केंद्र के भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा स्थापित नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक के निर्माण का काम 2010 में शुरू हुआ था, उसके बाद कुछ निर्माण संबंधी प्रावधान के बाद इस प्रोजेक्ट का टेंडर दोबारा बुलाना पड़ा, लिहाजा 2014 में काम शुरू हुआ. 2017 तक तेजी से काम होने के कारण वाहनों के लिए 13 ट्रैक बनकर तैयार हो चुके थे, इसके बाद 2018 में सभी ट्रैक का उद्घाटन तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो द्वारा किया गया था, इसके बाद हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण 2017 से 2020 के बीच हुआ. इस बीच परिसर से एक गांव के विस्थापन के बाद हाल ही में 29 जून को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऑटो टेस्टिंग ट्रैक का विधिवत शुभारंभ किया था.