इंदौर। इंदौर में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं. कृषि क्षेत्र में विकास होगा. शहर और गांव के बीच की खाई खत्म होगी. अमेरिका जैसे गांव हो जाएंगे हमारे. अब गांव-गांव तक सड़क-बिजली की व्यवस्था हो ही गई है. फूड-प्रोसेसिंग जैसी यूनिट के माध्यम से किसानों को फायदा होगा. एपीडा के जरिए किसान वैश्विक स्तर पर अपने उत्पाद बेच सकेंगे. सरकार इसकी गारंटी लेगी.
किसान आंदोलन पर क्या बोले कृषि मंत्री?
किसान आंदोलन को लेकर कहा कि सोए हुए को जगाया जा सकता है. लेकिन सोने का नाटक करने वालों को कैसे जगाएं? अगर कानून किसान विरोधी होते, तो सबसे पहले मैं विरोध करता. हम लोग एक नहीं सौ संशोधन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कोई कानून में कमी गिनाने तो आगे आए.
कृषि आधारित उद्योंगो के लिए किसानों को मिलेगा ऋण
कृषि मंत्री ने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों को खेती और उपकरणों के अलावा कृषि उत्पादों के उद्योगों के लिए ऋण भी मिलेगा. जिसमें उन्हें 40 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी.
भोपाल में खुलेगा एपीडा (APEDA) का कार्यालय
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण का कार्यालय भोपाल में खोला जाएगा. मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान इसका उद्घाटन करेंगे. एपीडा का कार्यालय खुलने से किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए अपनी उपज को वैश्विक बाजार में भेजने का एक बेहतर प्लेटफार्म मिल सकेगा.
किसान एसपी पर नहीं, एमआरपी पर फसल बचेंगे
कांग्रेस पर तंज कसते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने एक सिलेंडर का कनेक्शन तक गांव में नहीं दिया था. अब सरकार का गांव का विकास कर रही है, तो इन्हें दिक्कत हो रही है. पीएम मोदी ने किसानों को अपनी फसल एमएसपी पर नहीं, एमआरपी पर बेचने का अधिकार दिया है. किसान अब केवल अपनी उपज ही नहीं, बल्कि उसके उत्पाद बनाकर भी बेचेगा.
'नौकरशाहों को चेतावनी'
एसडीएम स्तर पर अपील सुनने के प्रावधान पर कृषि मंत्री ने कहा कि इसके पीछे सरकार की मंशा थी कि किसानों को कानूनी झमेलों से बचाया जा सके. नहीं तो किसान जीवन भर कोर्ट में ही केस लड़ता रहेगा. अफसरशाही के भरोसे किसान को छोड़ने के सवाल पर कमल पटेल ने कहा कि यह बीजेपी की सरकार है. कमल पटेल कृषि मंत्री है. यदि किसी अधिकारी ने किसानों के साथ गलत करने की हिम्मत की, तो उसे सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
पूर्व की कमलनाथ सरकार पर साधा निशाना
कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने किसानों को फसल बीमा नहीं दिया. लेकिन हमने सरकार में आते ही 8437 करोड़ की राशि किसानों को दी. रिलायंस के द्वारा कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग ना करने के फैसले पर कृषि मंत्री ने कहा कि अडानी-अंबानी कोई 6 साल में पैदा नहीं हुए हैं, यह लोग नेहरू जी के समय से उद्योगपति हैं.