ETV Bharat / state

खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों का अधिग्रहण शुरू, देशभर में मौजूद प्रापर्टी की होगी जांच - Acquisition of properties of Khasgi Trust

इंदौर हाई कोर्ट के फैसले के बाद खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो गई है. संभाग आयुक्त कार्यालय के अधीन पब्लिक न्यास शाखा में उपलब्ध ट्रस्ट के दस्तावेजों के अनुसार संपत्तियों के अधिग्रहण की प्रक्रिया सबसे पहले अहिल्याबाई के महेश्वर स्थित किले से शुरू हुई है.

Special scam
खासगी घोटाला
author img

By

Published : Oct 9, 2020, 11:32 PM IST

Updated : Oct 10, 2020, 2:32 PM IST

इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के आदेश के बाद देवी अहिल्याबाई होलकर की धार्मिक विरासत यानी खासगी ट्रस्ट की देशभर में मौजूद अरबों की संपत्तियों को सरकार ने अपने कब्जे में लेने की शुरुआत हो गई है. इस कड़ी में सबसे पहले अहिल्याबाई के महेश्वर किले में मौजूद आलीशान होटल पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है. ओंकारेश्वर में मंदिरों और धार्मिक प्रकल्प की तमाम व्यवस्थाएं भी राज्य शासन की टीमों द्वारा अपने हाथ में ली जा रही हैं. हालांकि खासगी ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि जो संपत्तियां बेची गई हैं, वे धार्मिक महत्व की नहीं थी. ट्रस्ट का खर्च चलाने के लिए संपत्तियों को बेचने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया था, जिसमें सरकार के प्रतिनिधियों की भी सहमति थी.

खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों का अधिग्रहण शुरू

महेश्वर से शुरू हुआ संपत्तियों का अधिग्रहण

इंदौर खंडपीठ के फैसले के बाद इंदौर संभाग आयुक्त कार्यालय के अधीन पब्लिक न्यास शाखा में उपलब्ध ट्रस्ट के दस्तावेजों के अनुसार संपत्तियों का अधिग्रहण शुरू हो गया है. संभाग आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक संपत्तियों के अधिपत्य की प्रक्रिया सबसे पहले अहिल्याबाई के महेश्वर स्थित किले से शुरू हुई है. जहां होलकर वंशज रिचर्ड होलकर द्वारा संचालित की जा रही होटल अहिल्या फोर्ट और हेरिटेज होटल का अधिग्रहण किया गया है. इसके अलावा महेश्वर में आर्थिक गतिविधियों के लिए संचालित रेवा सोसाइटी की संपत्तियों की भी सूची बनाकर, अधिपत्य स्थानीय प्रशासन महेश्वर द्वारा किया गया है.

होटल बुकिंग बंद

होटल में बुकिंग को भी बंद कर दिया गया है. फिलहाल जो यात्री होटल में ठहरे हुए हैं. उन्हें भी इस मामले की सूचना दे दी गई है. इसके अलावा मंडलेश्वर में धर्मशाला और मंदिरों की व्यवस्थाएं भी मंडलेश्वर के स्थानीय प्रशासन द्वारा अपने हाथ में ली गईं हैं. इधर संभाग आयुक्त कार्यालय से सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मंदिरों और धार्मिक प्रकल्प में पूजा-पाठ और अन्य तमाम व्यवस्थाएं यथावत जारी रहेंगी. जो संपत्तियां किराए पर हैं या लीज पर दी गई हैं, उनका संचालन स्थानीय प्रशासन द्वारा अपने हाथ में लिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें:- खासगी ट्रस्ट ने नहीं दिए EOW को संपत्तियों के दस्तावेज, संभाग आयुक्त कार्यालय से ली गई जानकारी

खासगी ट्र्स्ट की सफाई

खरगोन में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भेजे जाने के बाद संभाग आयुक्त कार्यालय ने भी स्पष्ट किया है कि धार्मिक मंदिरों और धार्मिक गतिविधियों से जुड़ी हुई तमाम संपत्तियों की व्यवस्था वैसी ही रहेगी. जबकि व्यवसायिक गतिविधियां और व्यवस्थाएं अब प्रशासन के अधीन ही संपादित होंगी. हालांकि इसके पूर्व एक बार सभी संपत्तियों का सामूहिक अधिग्रहण किया जाना तय किया गया है. इधर इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर खासगी ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि जो भी संपत्तियां बेची गई हैं, उन्हें बेचने में सरकार के प्रतिनिधियों की भी पूरी सहमति थी. साथ ही उनका धार्मिक महत्व नहीं था.

इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के आदेश के बाद देवी अहिल्याबाई होलकर की धार्मिक विरासत यानी खासगी ट्रस्ट की देशभर में मौजूद अरबों की संपत्तियों को सरकार ने अपने कब्जे में लेने की शुरुआत हो गई है. इस कड़ी में सबसे पहले अहिल्याबाई के महेश्वर किले में मौजूद आलीशान होटल पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है. ओंकारेश्वर में मंदिरों और धार्मिक प्रकल्प की तमाम व्यवस्थाएं भी राज्य शासन की टीमों द्वारा अपने हाथ में ली जा रही हैं. हालांकि खासगी ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि जो संपत्तियां बेची गई हैं, वे धार्मिक महत्व की नहीं थी. ट्रस्ट का खर्च चलाने के लिए संपत्तियों को बेचने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया था, जिसमें सरकार के प्रतिनिधियों की भी सहमति थी.

खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों का अधिग्रहण शुरू

महेश्वर से शुरू हुआ संपत्तियों का अधिग्रहण

इंदौर खंडपीठ के फैसले के बाद इंदौर संभाग आयुक्त कार्यालय के अधीन पब्लिक न्यास शाखा में उपलब्ध ट्रस्ट के दस्तावेजों के अनुसार संपत्तियों का अधिग्रहण शुरू हो गया है. संभाग आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक संपत्तियों के अधिपत्य की प्रक्रिया सबसे पहले अहिल्याबाई के महेश्वर स्थित किले से शुरू हुई है. जहां होलकर वंशज रिचर्ड होलकर द्वारा संचालित की जा रही होटल अहिल्या फोर्ट और हेरिटेज होटल का अधिग्रहण किया गया है. इसके अलावा महेश्वर में आर्थिक गतिविधियों के लिए संचालित रेवा सोसाइटी की संपत्तियों की भी सूची बनाकर, अधिपत्य स्थानीय प्रशासन महेश्वर द्वारा किया गया है.

होटल बुकिंग बंद

होटल में बुकिंग को भी बंद कर दिया गया है. फिलहाल जो यात्री होटल में ठहरे हुए हैं. उन्हें भी इस मामले की सूचना दे दी गई है. इसके अलावा मंडलेश्वर में धर्मशाला और मंदिरों की व्यवस्थाएं भी मंडलेश्वर के स्थानीय प्रशासन द्वारा अपने हाथ में ली गईं हैं. इधर संभाग आयुक्त कार्यालय से सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मंदिरों और धार्मिक प्रकल्प में पूजा-पाठ और अन्य तमाम व्यवस्थाएं यथावत जारी रहेंगी. जो संपत्तियां किराए पर हैं या लीज पर दी गई हैं, उनका संचालन स्थानीय प्रशासन द्वारा अपने हाथ में लिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें:- खासगी ट्रस्ट ने नहीं दिए EOW को संपत्तियों के दस्तावेज, संभाग आयुक्त कार्यालय से ली गई जानकारी

खासगी ट्र्स्ट की सफाई

खरगोन में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भेजे जाने के बाद संभाग आयुक्त कार्यालय ने भी स्पष्ट किया है कि धार्मिक मंदिरों और धार्मिक गतिविधियों से जुड़ी हुई तमाम संपत्तियों की व्यवस्था वैसी ही रहेगी. जबकि व्यवसायिक गतिविधियां और व्यवस्थाएं अब प्रशासन के अधीन ही संपादित होंगी. हालांकि इसके पूर्व एक बार सभी संपत्तियों का सामूहिक अधिग्रहण किया जाना तय किया गया है. इधर इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर खासगी ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि जो भी संपत्तियां बेची गई हैं, उन्हें बेचने में सरकार के प्रतिनिधियों की भी पूरी सहमति थी. साथ ही उनका धार्मिक महत्व नहीं था.

Last Updated : Oct 10, 2020, 2:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.