इंदौर। सरकार प्रदेश से भ्रष्टाचार खत्म करने के चाहे कितने ही दावे कर ले, लेकिन हकीकत में ये दावे निराधार ही साबित होते हैं. आए दिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहते हैं. अब कलेक्टर ऑफिस का मामला सामने आया है, जहां सामाजिक न्याय विभाग में बाबू के पद पर पदस्थ हेमंत मरमकर को लोकायुक्त पुलिस ने 15 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
दरअसल गांधी बाल भवन स्वैच्छिक संस्था नाम का एक एनजीओ है, जिसमें दिव्यांग बच्चों को पढ़ाया जाता है. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए जो शिक्षक आते हैं, उन्हें शासन की ओर से मानदेय दिया जाता है. इन्हीं शिक्षकों का लगभग 16 लाख 80 हजार का वेतन बाकी था, जिसे देने के लिए एनजीओ के लोग परेशान हो रहे थे और लगातार सामाजिक न्याय विभाग के चक्कर काट रहे थे.
जानकारी के अनुसार बाबू मरमकर ने पहले भी कई बार रिश्वत ली है. एनजीओ के विनय तिवारी ने लिखित में लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी, जिसके आधार पर इंदौर लोकायुक्त ने कार्रवाई की है. इस दौरान आरोपी को पुलिस ने 15 हजार रुपए नगद लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है.