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आत्मनिर्भर भारत: इंदौर बनेगा देश का खिलौना मैन्युफैक्चरिंग हब

इंदौर में देश का पहला टॉय क्लस्टर बनने जा रहा है. इस टॉय क्लस्टर आत्मनिर्भर भारत योजना में देश का बड़ा कदम होगा. अभी तक पूरे विश्व में खिलौना का सबसे बड़ा निर्यातक देश चीन था. भारत हर साल चीन से 85 लाख करोड़ के खिलौने आयात करता था. इंदौर में इस क्लस्टर के बनने से भारत में खिलौने की आपूर्ती इंदौर में बने खिलौनों से हो जाएगी. भारत की आपूर्ती करने के बाद इंदौर में बने खिलौने पूरे विश्व में भी निर्यात होंगे.

The world will depend on India for indigenous toys
स्वदेशी खिलौनों के लिए भारत पर निर्भर रहेगी दुनिया
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Published : Feb 28, 2021, 10:43 PM IST

Updated : Mar 1, 2021, 8:54 AM IST

इंदौर। अब तक दुनिया खिलौनों के लिए चीनी पर निर्भर रहता था, लेकिन अब भारत का खिलौना बाजार जल्द ही देश और दुनिया में स्वदेशी खिलौने की सप्लाई कर सकेगा. इसके लिए प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के राऊ में पहले टॉय क्लस्टर के लिए 30 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है. जहां अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बड़े पैमाने पर स्वदेशी खिलौनों का निर्माण किया जाएगा. इंदौर जिला प्रशासन और खिलौना उद्यमियों की बैठक के बाद जल्द ही इस क्लस्टर को विकसित कर आधारशिला रखने का काम भी शुरू होगा.

इंदौर बनेगा देश का खिलौना मैन्युफैक्चरिंग हब
  • इंदौर में बनने वाले खिलौने विश्व में होंगे निर्यात

भारत पड़ोसी देश चीन से हर साल करीब 85 लाख करोड़ रुपए के खिलौने का आयात करता है. लेकिन अब भारत खिलौनों के लिए किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं रहेगा. देश का पहला खिलौना बाजार जल्द ही भारत में विकसित होगा. भारत में बनने वाला खिलौना बाजार पूरे विश्व में खिलौने निर्यात करने की स्थिति में होगा. इसके लिए मध्य प्रदेश शासन के एमएसएमई विभाग ने प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बड़े पैमाने पर टॉय क्लस्टर स्थापित करने का निर्णय लिया है. राज्य शासन के निर्देश पर इंदौर जिला प्रशासन ने जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में इंदौर के राऊ क्षेत्र में 30 एकड़ जमीन चिन्हित की है.

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  • 35 खिलौना उद्यमियों जताई उद्योग स्थापित करने की इच्छा

प्रदेश के खिलौना सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग में काम करने वाले उद्यमियों को 30 एकड़ जमीन पर अपने व्यवसाय स्थापित करने की अनुमति होगी. फिलहाल मध्य प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र के करीब 35 खिलौना उद्यमियों ने इंदौर में अपने उद्योग स्थापित करने की इच्छा जताई है. निर्धारित की गई जमीन पर जन सुविधाएं विकसित करने के साथ ही जमीन को औद्योगिक केंद्र विकास निगम को सौंपा जाएगा. इसके बाद राज्य शासन की दरों पर उक्त जमीन इंडस्ट्रियल प्लॉट के रूप में उद्यमियों को रियायती दरों पर सौंपी जाएगी.

  • फिलहाल लेदर टॉयज का निर्यातक है इंदौर

इंदौर में लेदर से बनने वाले खिलौनों को जियो टैगिंग प्राप्त हुई है. यहां पर लेदर से बनने वाले खिलौने निजी स्तर पर स्थापित की गई औद्योगिक इकाइयों में तैयार होते हैं. जिन्हें अन्य राज्यों के अलावा विभिन्न देशों में भेजा जाता है. फिलहाल इस उद्योग की भी कोई संगठित इकाई नहीं है. इंदौर में लेदर खिलौने बनाने के जितने भी कारखाने हैं वह अपने-अपने स्तर पर प्रोडक्शन मार्केटिंग के बाद बिक्री करते हैं. अब जबकि खिलौना क्लस्टर स्थापित हो रहा है, तो लेदर टॉयज के खरीदारों को भी तरह-तरह के उत्पाद खरीदने के लिए एक व्यवस्थित स्थान मुहैया होगा.

इंदौर। अब तक दुनिया खिलौनों के लिए चीनी पर निर्भर रहता था, लेकिन अब भारत का खिलौना बाजार जल्द ही देश और दुनिया में स्वदेशी खिलौने की सप्लाई कर सकेगा. इसके लिए प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के राऊ में पहले टॉय क्लस्टर के लिए 30 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है. जहां अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बड़े पैमाने पर स्वदेशी खिलौनों का निर्माण किया जाएगा. इंदौर जिला प्रशासन और खिलौना उद्यमियों की बैठक के बाद जल्द ही इस क्लस्टर को विकसित कर आधारशिला रखने का काम भी शुरू होगा.

इंदौर बनेगा देश का खिलौना मैन्युफैक्चरिंग हब
  • इंदौर में बनने वाले खिलौने विश्व में होंगे निर्यात

भारत पड़ोसी देश चीन से हर साल करीब 85 लाख करोड़ रुपए के खिलौने का आयात करता है. लेकिन अब भारत खिलौनों के लिए किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं रहेगा. देश का पहला खिलौना बाजार जल्द ही भारत में विकसित होगा. भारत में बनने वाला खिलौना बाजार पूरे विश्व में खिलौने निर्यात करने की स्थिति में होगा. इसके लिए मध्य प्रदेश शासन के एमएसएमई विभाग ने प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बड़े पैमाने पर टॉय क्लस्टर स्थापित करने का निर्णय लिया है. राज्य शासन के निर्देश पर इंदौर जिला प्रशासन ने जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में इंदौर के राऊ क्षेत्र में 30 एकड़ जमीन चिन्हित की है.

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  • 35 खिलौना उद्यमियों जताई उद्योग स्थापित करने की इच्छा

प्रदेश के खिलौना सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग में काम करने वाले उद्यमियों को 30 एकड़ जमीन पर अपने व्यवसाय स्थापित करने की अनुमति होगी. फिलहाल मध्य प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र के करीब 35 खिलौना उद्यमियों ने इंदौर में अपने उद्योग स्थापित करने की इच्छा जताई है. निर्धारित की गई जमीन पर जन सुविधाएं विकसित करने के साथ ही जमीन को औद्योगिक केंद्र विकास निगम को सौंपा जाएगा. इसके बाद राज्य शासन की दरों पर उक्त जमीन इंडस्ट्रियल प्लॉट के रूप में उद्यमियों को रियायती दरों पर सौंपी जाएगी.

  • फिलहाल लेदर टॉयज का निर्यातक है इंदौर

इंदौर में लेदर से बनने वाले खिलौनों को जियो टैगिंग प्राप्त हुई है. यहां पर लेदर से बनने वाले खिलौने निजी स्तर पर स्थापित की गई औद्योगिक इकाइयों में तैयार होते हैं. जिन्हें अन्य राज्यों के अलावा विभिन्न देशों में भेजा जाता है. फिलहाल इस उद्योग की भी कोई संगठित इकाई नहीं है. इंदौर में लेदर खिलौने बनाने के जितने भी कारखाने हैं वह अपने-अपने स्तर पर प्रोडक्शन मार्केटिंग के बाद बिक्री करते हैं. अब जबकि खिलौना क्लस्टर स्थापित हो रहा है, तो लेदर टॉयज के खरीदारों को भी तरह-तरह के उत्पाद खरीदने के लिए एक व्यवस्थित स्थान मुहैया होगा.

Last Updated : Mar 1, 2021, 8:54 AM IST
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