इंदौर। लॉकडाउन के कारण आसपास के प्रदेशों के मजदूरों ने इंदौर से होते हुए अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. पलायन के दौरान इंदौर के कई क्षेत्रों में उन्हें भोजन और तरह की व्यवस्था उपलब्ध करवाई जा रही है. धार रोड स्थित एक गांव के किसानों ने तो खुद की जेब खाली होने के बाद भी इन मजदूरों को अपना सब कुछ दे दिया और अभी भी सेवा कार्य में डटे हुए हैं.
पिछले डेढ़ माह से लॉकडाउन के दौरान कई प्रदेशों के मजदूर इंदौर से होते हुए अपने घरों की ओर गए, लेकिन जब वह इंदौर आए तो उन्हें उनके घर जैसी व्यवस्था यहां के लोगों ने जुटाई. ऐसे ही कुछ किसानों ने पिछले डेढ़ महीनों से इन मजदूरों को खाने और अन्य तरह की व्यवस्थाओं में सहयोग दिया. धार रोड स्थित एक गांव के किसानों ने तकरीबन डेढ़ माह से गुजरात की ओर से आ रहे मजदूरों को भोजन और उनके रहने के साथ ही उनके जरूरत का सामान भी मुहैया कराया. एक किसान के पास मदद करते हुए पैसे की कमी आई तो उसने अपनी सोने की चेन तक को बेच दिया और मजदूरों की मदद की.
अपनी चेन बेटने वाले किसान संजय चौधरी कहना है कि उनसे मजदूरों का दर्द देखा नहीं गया और उनको भोजन और जरूरत का सामान उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने इस तरह के फैसले लिए. जब उनके परिजनों को उनके समर्पण और उनकी भावनाओं को देखा तो वह उनके साथ आए. ये किसान डेढ़ माह से मजदूरों को लगातर भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं. इतना ही नहीं पहले यहां 200 पैकेट भोजन तैयार होता था जो अब 5000 तक पहुंच गया है.
बता दें कि अलग-अलग क्षेत्रों में कई किसान बाहर से आने वाले मजदूरों को इस तरह की व्यवस्था उपलब्ध करवा रहे हैं. लेकिन जिस तरह से धार रोड स्थित किसान ने अपनी जमा पूंजी के साथ ही सोने-चांदी को मजदूरों की सेवा के लिए समर्पण कर दिया वह काबिले तारीफ है. यही कारण है कि आज इन किसानों के कारण इंदौर की एक अलग छवि देश के सामने आई हैं.