इंदौर। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं 40 दिनों से धरने पर बैठी हैं और वे मोदी सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रही हैं. मध्यप्रदेश में भी इस कानून पर सियासी बवाल मचा हुआ है. कमलनाथ सरकार पहले ही इस कानून को राज्य में लागू करने से साफ इन्कार कर चुकी है तो वहीं अब बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा इस कानून के खिलाफ में उतर आया है.
शहर में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के 80 पदाधिकारियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की है. इस्तीफा देने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि नागरिकता संशोध कानून (सीएए) के जरिए देश को धार्मिक आधार पर बांटने का काम केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. ऐसे में वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा देंगे.
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता राजिक फर्शीवाला ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस कानून को लागू करके असंवैधानिक कदम उठाया है. इसलिए सभी सदस्य अपना इस्तीफा पार्टी के अध्यक्ष को प्रेषित कर रहे हैं. राजिक फर्शीवाला को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का खास समर्थक माना जाता है. इस्तीफा देने वाले सदस्यों ने किसी अन्य पार्टी का साथ देने से फिलहाल इनकार कर दिया है.