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इटारसी के केसला नेशनल हाइवे किनारे अतिक्रमण हटाने पहुंचा प्रशासन, लोगों ने जताई नाराजगी - Villagers opposed encroachment

इटारसी के केसला में नेशनल हाइवे पर फोरलेन सड़क बनाने का काम शुरू हो गया है. जिसके चलते सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है. जिसे लेकर स्थानीय निवासियों में रोष है. आज सुबह एसडीएम, तहसीलदार सहित राजस्व अमला पुलिस के साथ केसला बाजार में अतिक्रमण हटाने पहुंचा. जहां लोगों ने प्रशासन के सामने नाराजगी जाहिर की है.

Villagers protest against removal of encroachment
इटारसी के केसला नेशनल हाइवे किनारे अतिक्रमण हटाने पहुंचा प्रशासन
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Published : Jun 4, 2020, 5:11 PM IST

होशंगाबाद। इटारसी के केसला में नेशनल हाइवे पर फोरलेन सड़क बनाने का काम शुरू हो गया है. जिसके चलते सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है. जिसे लेकर स्थानीय निवासियों में रोष व्याप्त है. आज सुबह एसडीएम और तहसीलदार सहित राजस्व अमला पुलिस के साथ केसला बाजार में अतिक्रमण हटाने पहुंचा. तो वहां के निवासियों ने प्रशासन के सामने नाराजगी जाहिर की .अतिक्रमण हटाने गए अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से अतिक्रमण स्वयं हटाने के लिए यहां के स्थानीय निवासियों को कहा गया था. लेकिन उन्होंने अभी तक नहीं हटाया. इस वजह से अतिक्रमण प्रशासन द्वारा हटाया जा रहा है.

Villagers protest against removal of encroachment
इटारसी के केसला नेशनल हाइवे किनारे अतिक्रमण हटाने पहुंचा प्रशासन

दरअसल, इटारसी के केसला में नेशनल हाइवे को फोरलेन बनाने का काम शुरू हो गया है. जिसके चलते सड़क किनारे अतिक्रमण को हटाने के लिए एसडीएम सतीश राय, नायब तहसीलदार रितु भार्गव, थानेदार अशोक वरवड़े के साथ प्रशासनिक अमला जेसीबी लेकर केसला पहुंचा. जहां अतिक्रमण की कार्रवाई प्रारंभ की गई. जिसे लेकर स्थानीय निवासियों ने नाराजगी जाहिर की है. केसला निवासी मंजू राठौर का कहना है कि हम खुद अतिक्रमण हटाने का समय मांग रहे थे. लेकिन प्रशासन ने एक भी नहीं सुनी. हमारी दुकान का सामान बर्बाद कर दिया. हम अपनी लेबर बुलाकर खुद अतिक्रमण तोड़ने को कह रहे थे. जिसे अधिकारियों ने दरकिनार कर दिया. इस पूरे मामले में एसडीएम सतीश राय को लगातार फोन किए गए लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया.

अतिक्रमण की कार्रवाई के दौरान बारिश में यहां के निवासियों ने अतिक्रमण हटाने को लेकर विरोध जताया है. इस इलाके में रहने वाले रितेश, सुभाष मालवीय, दिनेश का कहना है कि उनको टीडीएस की राशि नहीं मिली है. केवल आश्वासन दिया जा रहा है. गांव के लोग रोड किनारे बने मंदिर को भी बचाना चाहते हैं. हालांकि ठेकेदार ने उनको एकमुश्त राशि देकर मंदिर को अन्यत्र शिफ्ट करने का भी प्रस्ताव दिया था. लेकिन ग्रामीणों ने पैसे नहीं लिए. हालांकि मंदिर ठेकेदार से ही बनवाने को कहा है.

होशंगाबाद। इटारसी के केसला में नेशनल हाइवे पर फोरलेन सड़क बनाने का काम शुरू हो गया है. जिसके चलते सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है. जिसे लेकर स्थानीय निवासियों में रोष व्याप्त है. आज सुबह एसडीएम और तहसीलदार सहित राजस्व अमला पुलिस के साथ केसला बाजार में अतिक्रमण हटाने पहुंचा. तो वहां के निवासियों ने प्रशासन के सामने नाराजगी जाहिर की .अतिक्रमण हटाने गए अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से अतिक्रमण स्वयं हटाने के लिए यहां के स्थानीय निवासियों को कहा गया था. लेकिन उन्होंने अभी तक नहीं हटाया. इस वजह से अतिक्रमण प्रशासन द्वारा हटाया जा रहा है.

Villagers protest against removal of encroachment
इटारसी के केसला नेशनल हाइवे किनारे अतिक्रमण हटाने पहुंचा प्रशासन

दरअसल, इटारसी के केसला में नेशनल हाइवे को फोरलेन बनाने का काम शुरू हो गया है. जिसके चलते सड़क किनारे अतिक्रमण को हटाने के लिए एसडीएम सतीश राय, नायब तहसीलदार रितु भार्गव, थानेदार अशोक वरवड़े के साथ प्रशासनिक अमला जेसीबी लेकर केसला पहुंचा. जहां अतिक्रमण की कार्रवाई प्रारंभ की गई. जिसे लेकर स्थानीय निवासियों ने नाराजगी जाहिर की है. केसला निवासी मंजू राठौर का कहना है कि हम खुद अतिक्रमण हटाने का समय मांग रहे थे. लेकिन प्रशासन ने एक भी नहीं सुनी. हमारी दुकान का सामान बर्बाद कर दिया. हम अपनी लेबर बुलाकर खुद अतिक्रमण तोड़ने को कह रहे थे. जिसे अधिकारियों ने दरकिनार कर दिया. इस पूरे मामले में एसडीएम सतीश राय को लगातार फोन किए गए लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया.

अतिक्रमण की कार्रवाई के दौरान बारिश में यहां के निवासियों ने अतिक्रमण हटाने को लेकर विरोध जताया है. इस इलाके में रहने वाले रितेश, सुभाष मालवीय, दिनेश का कहना है कि उनको टीडीएस की राशि नहीं मिली है. केवल आश्वासन दिया जा रहा है. गांव के लोग रोड किनारे बने मंदिर को भी बचाना चाहते हैं. हालांकि ठेकेदार ने उनको एकमुश्त राशि देकर मंदिर को अन्यत्र शिफ्ट करने का भी प्रस्ताव दिया था. लेकिन ग्रामीणों ने पैसे नहीं लिए. हालांकि मंदिर ठेकेदार से ही बनवाने को कहा है.

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