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ट्रक ऑनर्स की हड़ताल शुरू, सरकार के सामने रखी ये मांग

सरकार की नीतियों से नाराज ट्रक ऑनर्स हड़ताल पर चले गए हैं. आल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार से हड़ताल शुरु हुई है, वहीं ट्रक ऑनर्स की सरकार से कुछ मांगें हैं जिसके बाद ही हड़ताल खत्म होगी.

Truck owners strike
ट्रक ऑनर्स की हड़ताल
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Published : Aug 11, 2020, 8:55 AM IST

होशंगाबाद। कोरोना संकटकाल में सरकार की नीतियों से नाराज बस ऑपरेटर्स पहले ही हड़ताल पर हैं, वहीं अब ट्रक ऑनर्स भी हड़ताल पर चले गए हैं. आल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार से शुरु हुई हड़ताल में इटारसी के ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन भी शामिल हैं. हालांकि अतिआवश्यक सेवाओं में ट्रक चलाए जा रहे हैं.

रोड टैक्स सहित अन्य में कमी..

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में ट्रक ऑपरेटर्स और बस ऑपरेटर्स, कोरोना के इस संकटकाल को देखते हुए डीजल पर लगने वाले करों में कमी और रोड टैक्स सहित अन्य करों में राहत की मांग निरंतर करते आ रहे हैं. लेकिन सरकार से मांगों पर उचित आश्वासन या राहत नहीं मिलने से बसें नहीं चलाई जा रही हैं, अब ट्रकों के पहिए भी थम गए हैं. हालांकि संगठन में कहीं-कहीं आपसी तालमेल नहीं होने से हड़ताल को सौ फीसदी सफलता मिलने की उम्मीद कम नजर आ रही है.

एक दिन में 80 लाख का नुकसान

ट्रक ऑनर एसोसिएशन की हड़ताल से एक दिन में ही करीब 80 लाख के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. संगठन के अध्यक्ष अजय मिश्रा का कहना है कि जिले में करीब सात हजार ट्रक हैं, जो अलग-अलग परिवहन के कार्यों में लगे रहते हैं. इसके अलावा लगभग पांच सौ ट्रक हर दिन जिले के बाहर से माल लेकर आते हैं और इतने ही लगभग जिले से बाहर जाते हैं, जिससे यह सारा कारोबार हड़ताल के कारण प्रभावित हो रहा है.

एसोसिएशन की मांगें...

ट्रक ऑनर्स की मांग है कि लॉकडाउन के दौरान ट्रक परिवहन पूरी तरह से ठप था, बावाजूद इसके सरकार ने टैक्स माफ नहीं किए. जिसके बाद उनकी मांग है कि सरकार को 6 माह का टैक्स माफ करना चाहिए, डीजल-पेट्रोल पर मप्र सरकार ने टैक्स लगाया है जिससे दाम बढ़े हैं, वह वापस लिया जाएं, साथ ही जो वाहन बाहर जाते हैं, यदि वाहन चालक को कोरोना हो गया तो उनके लिए बीमा कराया जाए, आरटीओ को अवैध रोकने के लिए खड़ा किया गया है, वह ट्रकों से अवैध वसूली कर रहे हैं उसे रोका जाए.

सीमावर्ती ट्रकों को फायदा

प्रदेश की सीमा के ट्रक वालों को फायदा हो जाता है ग्वालियर, भिंड, मुरैना आदि के ट्रक मालिक दिल्ली सीमा में जाकर पेट्रोल-डीजल ले आते हैं. क्योंकि वहां यहां से 9 रुपए कम में डीजल मिल रहा है, यहां के ट्रक मालिक दिल्ली सीमा में जाकर डीजल ले रहे हैं जिससे प्रदेश को भी नुकसान हो रहा है. यहां के ट्रक ऑनर्स की मांग है कि मध्यप्रदेश में भी डीजल की कीमतों में 9 रुपए की गिरावट की जाए.

होशंगाबाद। कोरोना संकटकाल में सरकार की नीतियों से नाराज बस ऑपरेटर्स पहले ही हड़ताल पर हैं, वहीं अब ट्रक ऑनर्स भी हड़ताल पर चले गए हैं. आल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार से शुरु हुई हड़ताल में इटारसी के ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन भी शामिल हैं. हालांकि अतिआवश्यक सेवाओं में ट्रक चलाए जा रहे हैं.

रोड टैक्स सहित अन्य में कमी..

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में ट्रक ऑपरेटर्स और बस ऑपरेटर्स, कोरोना के इस संकटकाल को देखते हुए डीजल पर लगने वाले करों में कमी और रोड टैक्स सहित अन्य करों में राहत की मांग निरंतर करते आ रहे हैं. लेकिन सरकार से मांगों पर उचित आश्वासन या राहत नहीं मिलने से बसें नहीं चलाई जा रही हैं, अब ट्रकों के पहिए भी थम गए हैं. हालांकि संगठन में कहीं-कहीं आपसी तालमेल नहीं होने से हड़ताल को सौ फीसदी सफलता मिलने की उम्मीद कम नजर आ रही है.

एक दिन में 80 लाख का नुकसान

ट्रक ऑनर एसोसिएशन की हड़ताल से एक दिन में ही करीब 80 लाख के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. संगठन के अध्यक्ष अजय मिश्रा का कहना है कि जिले में करीब सात हजार ट्रक हैं, जो अलग-अलग परिवहन के कार्यों में लगे रहते हैं. इसके अलावा लगभग पांच सौ ट्रक हर दिन जिले के बाहर से माल लेकर आते हैं और इतने ही लगभग जिले से बाहर जाते हैं, जिससे यह सारा कारोबार हड़ताल के कारण प्रभावित हो रहा है.

एसोसिएशन की मांगें...

ट्रक ऑनर्स की मांग है कि लॉकडाउन के दौरान ट्रक परिवहन पूरी तरह से ठप था, बावाजूद इसके सरकार ने टैक्स माफ नहीं किए. जिसके बाद उनकी मांग है कि सरकार को 6 माह का टैक्स माफ करना चाहिए, डीजल-पेट्रोल पर मप्र सरकार ने टैक्स लगाया है जिससे दाम बढ़े हैं, वह वापस लिया जाएं, साथ ही जो वाहन बाहर जाते हैं, यदि वाहन चालक को कोरोना हो गया तो उनके लिए बीमा कराया जाए, आरटीओ को अवैध रोकने के लिए खड़ा किया गया है, वह ट्रकों से अवैध वसूली कर रहे हैं उसे रोका जाए.

सीमावर्ती ट्रकों को फायदा

प्रदेश की सीमा के ट्रक वालों को फायदा हो जाता है ग्वालियर, भिंड, मुरैना आदि के ट्रक मालिक दिल्ली सीमा में जाकर पेट्रोल-डीजल ले आते हैं. क्योंकि वहां यहां से 9 रुपए कम में डीजल मिल रहा है, यहां के ट्रक मालिक दिल्ली सीमा में जाकर डीजल ले रहे हैं जिससे प्रदेश को भी नुकसान हो रहा है. यहां के ट्रक ऑनर्स की मांग है कि मध्यप्रदेश में भी डीजल की कीमतों में 9 रुपए की गिरावट की जाए.

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