होशंगाबाद। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर जिले में रेत की सभी खदानों में खनन पर 30 सितंबर तक के लिए रोक लगा दी गई है. इसी के साथ जिले भर में रेत के उत्खनन और भंडारण पर प्रतिबंध लग गया है. अब किसी भी खदान पर रेत उत्खनन को लेकर ना तो किसी प्रकार की अनुमति मिलेगी और ना ही इसकी रायल्टी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से काटी जा सकेगी.
जिला प्रशासन द्वारा 15 जून 2020 तक रोक के बाद एक बार फिर से 23 जून तक रेत खनन का मौका दिया गया था. अब यह रोक फिर लगा दी गई है. छूट के दौरान जिले में रेत की 9 खदान चालू थी, जो अब पूरी तरह बंद रहेंगी. जिला खनिज अधिकारी महेंद्र पटेल ने बताया कि जिले में 24 जून से एनजीटी के आदेश के बाद खदानों पर रोक लगा दी गई है. अब रेत का खनन नहीं हो सकेगा.
रेत के दाम बढ़ने की संभावना
जिले में पूर्ण रूप से खनन पर प्रशासन द्वारा रोक लगा दी गई है. लॉकडाउन और समय से पहले हुई बारिश के चलते रेत का स्टॉक भी नहीं हो सका है. ऐसे में निर्माण कार्यों के लिए रेत की आपूर्ति करना आसान नहीं होगा. जिले में रेत नहीं मिलने से लोगों को बाहर से रेत लाना पड़ेगी, जिससे छोटे काम करने वालों को या तो चोरी की रेत लेनी होगी या फिर महंगी रेत के लिए अन्य जिलों पर निर्भर रहना होगा.
बढ़ सकता है अवैध उत्खनन और कर चोरी
प्रशासन द्वारा वैध रूप से खनन पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब अवैध रूप से रेत का परिवहन होने की संभावना बढ़ेगी. ऐसे में प्रशासन को अवैध रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. हालांकि रेत का अवैध परिवहन रोकना एक बहुत बड़ी चुनौती होगी. आस-पास के जिलों में फिलहाल रोक नहीं लगाई गई है, ऐसे में होशंगाबाद से भी डंपर मालिक रेत चोरी कर अन्य जिलों की अवैध ईटीपीबी जारी करवा सकते हैं.