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मवेशियों को रेल पटरी पर आने से रोकने के लिए रेलवे ने चलाया अभियान

रेल पटरी पर आने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए पूरे भोपाल मण्डल पर व्यापक जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत मण्डल के सभी आउट पोस्टों के प्रभारियों तथा रेल पथ निरीक्षकों के नेतृत्व में रेल सुरक्षा बल कर्मी समझा रहे हैं.

rail track
रेल पटरी
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Published : May 31, 2021, 5:16 PM IST

होशंगाबाद। मवेशियों के मालिकों के गैर जिम्मेदाराना रवैया के कारण जानवरों के रेल पटरी पर आने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए पूरे भोपाल मण्डल पर व्यापक जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत मण्डल के सभी आउट पोस्टों के प्रभारियों तथा रेल पथ निरीक्षकों के नेतृत्व में रेल सुरक्षा बल कार्मियों द्वारा अपने कार्य क्षेत्र में रेल पटरी के किनारे मवेशियों को चराने वाले लोगों से मिलकर उनको समझाया जा रहा है कि पटरी पर जानवर आकर ट्रेन से टकराने से उनकी जान तो जाती ही है, साथ ही यह संरक्षा के लिए घातक भी है. यह रेलवे ट्रैक पर ट्रेस पासिंग (trespassing ) में आता है, और गुनाह दर्ज किया जा सकता है.

ट्रेन से टकरा जाते हैं जानवर
इसी कड़ी में रेल सुरक्षा बल आउटपोस्ट पवारखेड़ा के मध्य क्षेत्राधिकार में रेल लाइन के किनारे बसे गांव बुधवाडन, आगरा, ब्यावरा एवं आदमगढ़ के लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें समाझाइश दी गई कि वे रेलवे ट्रेक पर अपने जानवरों को नहीं आने दें. इससे ट्रेन से टकराकर बेजुबान जानवर की जान जाती है.

छह महीने तक हो सकती है सजा
वहीं समझाने पर भी न समझने और जानवर को पटरी पर छोड़ देने तथा उसकी जान और रेल परिचालन को खतरा पैदा करने वालों के खिलाफ रेलवे प्रशासन रेल अधिनियम की धारा 147 के तहत कार्रवाई करेगा, जिसमें छह माह तक की जेल अथवा 500 रुपये से 1000 रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों की सजा हो सकती है.

गहरे कुएं में गिरी नीलगाय का ऐसे किया गया रेस्क्यू

मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि पशु हमारे पर्यावरण के महत्वपूर्ण अंग हैं. रेल गाड़ी से टकराकर इनका कट जाना हम सब के लिये एक बहुत बड़ी क्षति है. सभी को चाहिये कि पशुओं को पटरी पर आने से रोकें और उनका सही पालन पोषण करें, साथ ही रेल संरक्षा बनाये रखने में मदद करें.

होशंगाबाद। मवेशियों के मालिकों के गैर जिम्मेदाराना रवैया के कारण जानवरों के रेल पटरी पर आने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए पूरे भोपाल मण्डल पर व्यापक जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत मण्डल के सभी आउट पोस्टों के प्रभारियों तथा रेल पथ निरीक्षकों के नेतृत्व में रेल सुरक्षा बल कार्मियों द्वारा अपने कार्य क्षेत्र में रेल पटरी के किनारे मवेशियों को चराने वाले लोगों से मिलकर उनको समझाया जा रहा है कि पटरी पर जानवर आकर ट्रेन से टकराने से उनकी जान तो जाती ही है, साथ ही यह संरक्षा के लिए घातक भी है. यह रेलवे ट्रैक पर ट्रेस पासिंग (trespassing ) में आता है, और गुनाह दर्ज किया जा सकता है.

ट्रेन से टकरा जाते हैं जानवर
इसी कड़ी में रेल सुरक्षा बल आउटपोस्ट पवारखेड़ा के मध्य क्षेत्राधिकार में रेल लाइन के किनारे बसे गांव बुधवाडन, आगरा, ब्यावरा एवं आदमगढ़ के लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें समाझाइश दी गई कि वे रेलवे ट्रेक पर अपने जानवरों को नहीं आने दें. इससे ट्रेन से टकराकर बेजुबान जानवर की जान जाती है.

छह महीने तक हो सकती है सजा
वहीं समझाने पर भी न समझने और जानवर को पटरी पर छोड़ देने तथा उसकी जान और रेल परिचालन को खतरा पैदा करने वालों के खिलाफ रेलवे प्रशासन रेल अधिनियम की धारा 147 के तहत कार्रवाई करेगा, जिसमें छह माह तक की जेल अथवा 500 रुपये से 1000 रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों की सजा हो सकती है.

गहरे कुएं में गिरी नीलगाय का ऐसे किया गया रेस्क्यू

मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि पशु हमारे पर्यावरण के महत्वपूर्ण अंग हैं. रेल गाड़ी से टकराकर इनका कट जाना हम सब के लिये एक बहुत बड़ी क्षति है. सभी को चाहिये कि पशुओं को पटरी पर आने से रोकें और उनका सही पालन पोषण करें, साथ ही रेल संरक्षा बनाये रखने में मदद करें.

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