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पुराने इंजन को बदलकर रेलवे एसी शेड ने 116.6 करोड़ रुपये की बचत की

विद्युत लोको शेड इटारसी के रेल कर्मियों ने शेड के पुराने इंजन को बदलकर 116.6 करोड़ रुपये की बचत की है.

Electric loco shed itarsi
विद्युत लोको शेड इटारसी
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Published : Sep 11, 2020, 9:14 PM IST

होशंगाबाद। कोविड-19 की विषम परिस्थिति में वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (टीआरएस) वांछित खरे के नेतृत्व में विद्युत लोको शेड, इटारसी के रेल कर्मियों ने शेड के सभी 47 टाओ लोको (इंजन) को सफलतापूर्वक टाओ-चि लोको में परिवर्तित कर दिया है, जिससे लगभग 116.6 करोड़ रुपए की बचत हुई है.

इटारसी लोको शेड ने इस साल भी महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा दिए गए लक्ष्य को समय से पूरा कर लिया है. इस कार्य से लाइन फेल्योर, शेड में अनावश्यक लोको लिफ्टिंग से मैनपॉवर की बचत एवं लाइन में लोको की विश्वसनीयता में सुधार होगा.

एसी शेड द्वारा किए गए इस कार्य की महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेल, शैलेन्द्र कुमार सिंह एवं मंडल रेल प्रबंधक उदय बोरवणकर ने सराहना की है, साथ ही 50000 रूपए का नगद समूह पुरस्कार देने की घोषणा की है.


क्या है टाओ और टाओचि
एसी शेड के टीआरएस वांछित खरे ने बताया कि पुराने इंजन की मोटर को बदलकर जापानी मोटर लगा दी है. अब इन इंजन का मेटेनेंस डेढ साल में करना पड़ता है वह अब दो साल में होगा. साथ ही इंजन में चक्काजाम (हार्ट एक्सल) की दिक्कतें आती थीं वह कम होगी.

होशंगाबाद। कोविड-19 की विषम परिस्थिति में वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (टीआरएस) वांछित खरे के नेतृत्व में विद्युत लोको शेड, इटारसी के रेल कर्मियों ने शेड के सभी 47 टाओ लोको (इंजन) को सफलतापूर्वक टाओ-चि लोको में परिवर्तित कर दिया है, जिससे लगभग 116.6 करोड़ रुपए की बचत हुई है.

इटारसी लोको शेड ने इस साल भी महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा दिए गए लक्ष्य को समय से पूरा कर लिया है. इस कार्य से लाइन फेल्योर, शेड में अनावश्यक लोको लिफ्टिंग से मैनपॉवर की बचत एवं लाइन में लोको की विश्वसनीयता में सुधार होगा.

एसी शेड द्वारा किए गए इस कार्य की महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेल, शैलेन्द्र कुमार सिंह एवं मंडल रेल प्रबंधक उदय बोरवणकर ने सराहना की है, साथ ही 50000 रूपए का नगद समूह पुरस्कार देने की घोषणा की है.


क्या है टाओ और टाओचि
एसी शेड के टीआरएस वांछित खरे ने बताया कि पुराने इंजन की मोटर को बदलकर जापानी मोटर लगा दी है. अब इन इंजन का मेटेनेंस डेढ साल में करना पड़ता है वह अब दो साल में होगा. साथ ही इंजन में चक्काजाम (हार्ट एक्सल) की दिक्कतें आती थीं वह कम होगी.

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