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होशंगाबाद में उड़ा राजकीय शोक का माखौल,  खुले रहे कार्यालय

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निधन पर प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. गौर के निधन के बाद प्रदेश सरकार द्वारा 21 अगस्त को सभी कार्यलयों में अवकाश की सूचना दे दी गई थी, बावजूद इसके जिले में कई जगह सरकारी दफ्तर खुले रहे.

राजकीय शोक का उड़ा मखौल, आदेश के बावजूद खुले रहे कार्यालय
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Published : Aug 21, 2019, 10:11 PM IST

होशंगाबाद। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निधन के बाद प्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. लेकिन इस आदेश के बाद भी होशंगाबाद जिले में कई सरकारी ऑफिस दिन भर खुले रहे. जिस पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.

राजकीय शोक का उड़ा मखौल, आदेश के बावजूद खुले रहे कार्यालय

जिले में प्रशासकीय अमला राजकीय शोक और सरकार के आदेश का मखौल उड़ाता नजर आया. अवकाश का आदेश सुबह10.30 बजे ही सोशल मीडिया के माध्यम से सभी विभागों को भेज दिया था, जिसमें साफ उल्लेखित था की लंच के बाद सभी कार्यालय बंद कर दिए जाये.

आदेश के बाद भी सिवनी-मालवा में जनपद पंचायत कार्यालय में जनपद अध्यक्ष पति सुधीर पटेल कर्मचारियों के साथ बैठक ले रहे थे. आरईएस कार्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें किसी ने नहीं बताया. पीएचई विभाग, तहसील कार्यालय, बानापुरा वन परिक्षेत्र कार्यालय और एसडीओ फारेस्ट, सिंचाई विभाग सहित कई विभाग खुले रहे कर्मचारियों का कहना था कि छुट्टी किस बात की है उसकी जानकारी नहीं है, हम तो सुबह से ही आए है.

होशंगाबाद। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निधन के बाद प्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. लेकिन इस आदेश के बाद भी होशंगाबाद जिले में कई सरकारी ऑफिस दिन भर खुले रहे. जिस पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.

राजकीय शोक का उड़ा मखौल, आदेश के बावजूद खुले रहे कार्यालय

जिले में प्रशासकीय अमला राजकीय शोक और सरकार के आदेश का मखौल उड़ाता नजर आया. अवकाश का आदेश सुबह10.30 बजे ही सोशल मीडिया के माध्यम से सभी विभागों को भेज दिया था, जिसमें साफ उल्लेखित था की लंच के बाद सभी कार्यालय बंद कर दिए जाये.

आदेश के बाद भी सिवनी-मालवा में जनपद पंचायत कार्यालय में जनपद अध्यक्ष पति सुधीर पटेल कर्मचारियों के साथ बैठक ले रहे थे. आरईएस कार्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें किसी ने नहीं बताया. पीएचई विभाग, तहसील कार्यालय, बानापुरा वन परिक्षेत्र कार्यालय और एसडीओ फारेस्ट, सिंचाई विभाग सहित कई विभाग खुले रहे कर्मचारियों का कहना था कि छुट्टी किस बात की है उसकी जानकारी नहीं है, हम तो सुबह से ही आए है.

Intro:कौन सा शासकीय शोक, क्या हो गया ऑफिस खुल्ला है तो, क्या हो जाएगा हमे तो पता ही नही, साहब ने बताया ही नही यह बहाने उन कार्यालयों और स्कूल कॉलेज के जिम्मेदार लोगों के है, जिन्होंने राजकीय शोक घोषित होने और आदेश आने के बाद भी अपने कार्यालय बंद नही किए थे। और जैसा अन्य दिनों मै कार्य चलता रहता है वैसा सभी कार्यालयों और स्कुल कालेजो मैं कर्मचारी कार्य करते रहे।

आपको बता दे की प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के देहांत के बाद, जहां कांग्रेस ने दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए, मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की, लेकिन वही दूसरी तरफ कमलनाथ सरकार का ही प्रशासकीय अमला, राजकीय शोक का मखौल उड़ाता हुआ नज़र आया। प्रदेश सरकार ने 21 अगस्त को ही सभी कार्यालयों के अवकाश का आदेश प्रातः 10.30 बजे ही सोशल मीडिया के माध्यम से सभी विभागों मैं भेज दिया था जिसमे साफ उल्लेखित था की लंच के बाद सभी कार्यालय बंद कर दिए जाये। Body:लेकिन इसके बावजूद सिवनी मालवा तहसील के कई शासकीय कार्यालय व स्कूल कॉलेज, सरकारी आदेश का मखौल उड़ाते नज़र आए। न तो दोपहर बाद कार्यालय बंद किए गए न ही. आदेश का कोई सम्मान किया गया। अब आपको हम दिखाते है, सिवनी मालवा के वो कार्यालय, जो शासन के आदेशो का भी पालन नहीं करते है, क्योकि यह नजारा देख अब यह कहना गलत नहीं होगा की यहाँ के जिम्मेदार अधिकारियो को नियमो का पालन करवाना अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से नहीं आता है।

सबसे पहले हमारी टीम पहुची लंच के बाद जनपद पंचायत, यहाँ जनपद पंचायत कार्यालय खुला हुआ था और जनपद अध्यक्ष पति सुधीर पटेल कर्मचारियों के साथ बैठक ले रहे थे। जहां कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने राजकीय शोक घोषित किया था, वही कांग्रेस के ही नेता सुधीर पटेल राजकीय शोक से अनभिज्ञता जताते हुए नजर आये, और मीडिया को देख तुरंत, आनन फानन में कार्यालय में ताले लगना शुरू हुए और अध्यक्ष पति कार्यालय के बाहर निकल गए।

जनपद पंचायत के बाद हमारी टीम पहुची आरईएस कार्यालय, यहां दो कमरों में कर्मचारी बैठकर काम कर रहे थे, राजकीय शोक के कारण हुए अवकाश को लेकर उनका कहना था, कि हमे साहब ने नही बताया कि कोई अवकाश है। वही दूसरे कमरे मै बैठे एक अधिकारी ने मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
Conclusion:उसके बाद टीम पहुची पीएचई विभाग, तहसील कार्यालय परिसर में ही स्थित पीएचई विभाग में, रोजाना की तरह ही काम होता रहा। जहां राजकीय शोक होने का यहां के अधिकारी और कर्मचारियों पर कोई असर नज़र नही आया। लेकिन जैसे ही मीडियाकर्मियों को देखा तो आनन फानन में ताला लगाया दिया गया।

उसके बाद जब बानापुरा वन परिक्षेत्र कार्यालय और एसडीओ फारेस्ट के कार्यालय हमारी टीम पहुची तो, यहां भी राजकीय शोक को धता बताते हुए, कार्यालय में पहले की तरह की बदस्तूर काम करते कर्मचारी नज़र आए। वहां बैठे कर्मचारियों का कहना है कि क्या आदेश हुए है हमे इसकी जानकारी नही है। वही सिवनी मालवा के वन परिक्षेत्र कार्यालय में भी राजकीय शोक के दौरान कर्मचारी काम करते ही नज़र आए। मीडिया को देखते, पहले तो कर्मचारियों ने क्या हुआ कहा, लेकिन कैमरा देख कर्मचारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

सिंचाई विभाग कार्यालय में भी कर्मचारी काम करते नज़र आए, मीडिया को देखते ही, पहले तो कहने लगे, कि क्या हो गया तो राजकीय शोक है वही एक कर्मचारी का कहना था, कि मैं तो यहां काम नही करता हु, आप मेरी फ़ोटो मत खींचो। वही तवा नहर के एक अधिकारी ने अपना नाम नही बताया, लेकिन कहने लगे, हमे छुट्टी की कोई जानकारी नही है। वैसे ही अब हम जाने वाले है।

वही निजी महाविद्यालय एसडी एएम् में प्राचार्य और शिक्षक राजकीय शोक होने के बाद भी काम करते नज़र आए। कुछ कर्मचारियों का कहना था कि छुट्टी किस बात की है उसकी जानकारी नही है, हम तो सुबह से ही आए है। वही गार्ड का कहना था कि कॉलेज तो लगा था। प्राचार्य का कहना था कि शिक्षक और हम तो महाविद्यालय का काम कर रहे है।


बाइट-1 एन.के. मीणा प्रभारी सीईओ जनपद पंचायत
बाइट-2 अरुण चौरे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
बाइट-3 कर्मचारी वन परिक्षेत्र बानापुरा
बाइट-4 कर्मचारी वन परिक्षेत्र सिवनी मालवा
बाइट-5 तवा परियोजना प्रभारी
बाइट-6 राजेश कुशवाहा प्राचार्य एसडीएएम कॉलेज
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