ETV Bharat / state

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बढ़ रहा बाघों का कुनबा, यहां की खूबसूरती के दीवाने हैं पर्यटक

दुनियाभर में 29 जनवरी यानी आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर ईटीवी भारत आपको होशंगाबाद में मौजूद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की खूबसूरती से रू-ब-रू करा रहे हैं. यहां लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. पढ़िए पूरी खबर...

Satpura Tiger Reserve
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
author img

By

Published : Jul 29, 2020, 10:11 PM IST

होशंगाबाद। 29 जुलाई यानी आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जा रहा है.टाइगर स्टेट का खिताब अपने नाम करने वाले मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 526 टाइगर हैं. मध्य प्रदेश में तीन बड़े टाइगर रिजर्व हैं. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, कान्हा और बांधवगढ़ इन तीनों पार्कों में टाइगर का दीदार करने को मिलता है. आज हम आपको सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की खासियत और यहां की पहचान, बाघों का दीदार करा रहे हैं.

क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 2 साल में बाघों का मूवमेंट बढ़ा है. बाघ अब ऐसी जगहों से भी निकल कर आ रहे हैं, जहां कभी गांव हुआ करते थे. बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए पिछले 10 सालों के दौरान 46 गांव का विस्थापन किया गया और जानवरों के लिए 10 हजार 331 हेक्टेयर जमीन मिली है. लिहाजा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों को विचरण करने की ज्यादा जगह मिल गई है.

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बढ़ रहा बाघों का कुनबा

2020 में 50 से ज्यादा बाघ

चार साल में होने वाली जनगणना के हिसाब से 2016 में सिर्फ 26 बाघ थे, जो 2020 में 50 से ज्यादा हो चुके हैं. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के गांवों का विस्थापन होने से यहां का पर्यावरण भी बदल गया है. यहां 85 प्रकार की घास को वैज्ञानिक तरीके से लगाया गया था, जो अब वन्य प्राणियों के लिए रहने और खाने के लिए अनुकूल हो गई यही वजह है कि अब यहां जंगली जानवरों ने अपना आशियाना बना लिया है.

Satpura Tiger Reserve
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व

पार्क का इलाका अत्यंत दुर्गम

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व 524 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व मध्य भू-भाग के हाईलेंड ईको सिस्टम का उत्कृष्ठ उदाहरण है. पार्क का इलाका अत्यंत दुर्गम है, इसके अंतर्गत बलुआ पत्थर की चोटियां घने जंगलों के इलाके हैं. राष्ट्रीय पार्क में ही प्रदेश की सबसे बड़ी 1350 मीटर ऊंची धूपगढ़ चोटी है, जहां हर साल 4 लाख पर्यटक पहुंचते हैं. हालांकि कोरोना के चलते इस बार असर देखने को मिला है.

Satpura Tiger Reserve
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बढ़ रहा बाघों का कुनवा

टाइगर रिजर्व से कुछ गांव और खाली होंगे

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में खाली हुए गांव में शाकाहार जानवरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लिहाजा बाघों ने यहां डेरा जमाया हुआ है. टाइगर रिजर्व से कुछ गांव और खाली होना है. इसके लिए बाघ सहित अन्य प्राणियों को सुरक्षित माहौल मिल सकेगा.

होशंगाबाद। 29 जुलाई यानी आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जा रहा है.टाइगर स्टेट का खिताब अपने नाम करने वाले मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 526 टाइगर हैं. मध्य प्रदेश में तीन बड़े टाइगर रिजर्व हैं. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, कान्हा और बांधवगढ़ इन तीनों पार्कों में टाइगर का दीदार करने को मिलता है. आज हम आपको सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की खासियत और यहां की पहचान, बाघों का दीदार करा रहे हैं.

क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 2 साल में बाघों का मूवमेंट बढ़ा है. बाघ अब ऐसी जगहों से भी निकल कर आ रहे हैं, जहां कभी गांव हुआ करते थे. बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए पिछले 10 सालों के दौरान 46 गांव का विस्थापन किया गया और जानवरों के लिए 10 हजार 331 हेक्टेयर जमीन मिली है. लिहाजा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों को विचरण करने की ज्यादा जगह मिल गई है.

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बढ़ रहा बाघों का कुनबा

2020 में 50 से ज्यादा बाघ

चार साल में होने वाली जनगणना के हिसाब से 2016 में सिर्फ 26 बाघ थे, जो 2020 में 50 से ज्यादा हो चुके हैं. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के गांवों का विस्थापन होने से यहां का पर्यावरण भी बदल गया है. यहां 85 प्रकार की घास को वैज्ञानिक तरीके से लगाया गया था, जो अब वन्य प्राणियों के लिए रहने और खाने के लिए अनुकूल हो गई यही वजह है कि अब यहां जंगली जानवरों ने अपना आशियाना बना लिया है.

Satpura Tiger Reserve
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व

पार्क का इलाका अत्यंत दुर्गम

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व 524 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व मध्य भू-भाग के हाईलेंड ईको सिस्टम का उत्कृष्ठ उदाहरण है. पार्क का इलाका अत्यंत दुर्गम है, इसके अंतर्गत बलुआ पत्थर की चोटियां घने जंगलों के इलाके हैं. राष्ट्रीय पार्क में ही प्रदेश की सबसे बड़ी 1350 मीटर ऊंची धूपगढ़ चोटी है, जहां हर साल 4 लाख पर्यटक पहुंचते हैं. हालांकि कोरोना के चलते इस बार असर देखने को मिला है.

Satpura Tiger Reserve
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बढ़ रहा बाघों का कुनवा

टाइगर रिजर्व से कुछ गांव और खाली होंगे

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में खाली हुए गांव में शाकाहार जानवरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लिहाजा बाघों ने यहां डेरा जमाया हुआ है. टाइगर रिजर्व से कुछ गांव और खाली होना है. इसके लिए बाघ सहित अन्य प्राणियों को सुरक्षित माहौल मिल सकेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.