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Sartaj Singh Ashes Immersed: मां नर्मदा के तट के जिस आवली घाट का किया था निर्माण कार्य शुरु, वहीं विसर्जित की गई सरताज सिंह की अस्थियां

Sartaj Singh Ashes Immersed: मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता सरताज सिंह का आज मां नर्मदा तट के आवली घाट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह की अस्थियों का विसर्जन किया गया. इस दौरान उनके भाई ने सरताज सिंह की अंतिम इच्छा भी साझा की. सरताज चाहते थे, कि उनकी अस्थियों को आवली घाट में विसर्जित की जाए. आइए जानते हैं...

Sartaj Singh Ashes Immersed
सरताज सिंह की अस्थि विसर्जित की गईं
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 14, 2023, 9:29 PM IST

नर्मदापुरम: शनिवार को नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा के प्रसिद्ध मां नर्मदा तट आवली घाट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह की अस्थियों का विसर्जन किया गया. सरताज के भाई सुरिन्दर पाल ने बताया कि सरताज सिंह जी की अंतिम इच्छा थी, "उनकी अस्थियों को मां नर्मदा के पावन तट आवली घाट में ही विसर्जित किया जाए. इसलिए हम पूरे परिवार के साथ यहाँ अस्थियों का विसर्जन करने आए हैं."

इसके अलावा उन्होंने बताया, "आवली घाट पर सरताज जी की आत्मा बसती थी. अंतिम समय तक उनके मन में आवली घाट ही चल रहा था."

उन्होंने प्राण त्यागने से पहले कहा था कि आवली घाट का विकास नहीं कर पाया, इस बात का मुझे हमेशा असंतोष रहेगा. कोशिश करना कि आगे आवली घाट का अधूरा काम पूरा हो. उन्हें काम से इतना लगाव था की वो घर के जरुरी कार्यक्रम भी छोड़ देते थे"

श्रद्धांजलि देकर किया नमन: सरताज सिंह की अस्थियां आवली घाट लाई गईं, जहां भाजपा नेताओ ने उनका पूजन कर श्रद्धांजलि दी, इसके बाद परिजनों की तरफ से माँ नर्मदा के बीच में अस्थियाँ प्रवाहित की गई.

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CM ने घर पहुंचकर दी श्रद्धांजलि: सरताज सिंह के भाई ने बताया, "सरताज सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी पहुंचे थे. मेरे द्वारा उन्हें भी बताया गया था की सरताज सिंह जी की अंतिम इच्छा थी की आवली घाट के अधूरे कार्य पूर्ण हो. इस पर शिवराज सिंह के द्वारा आश्वासन भी दिया गया है. सरताज सिंह जी की अंतिम इच्छा पूरी की जाएगी और आवली घाट को विकसित किया जाएगा.

आपको बता दें की सरताज सिंह जब लोकनिर्माण मंत्री थे तब उनके द्वारा मां नर्मदा तट आवली घाट को विकसित करने का कार्य शुरू कराया गया था. आवली घाट सरताज सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता था. उनके द्वारा हरिद्वार की तर्ज पर नर्मदा में स्नान करने के लिए नहर बनाई गई थी इसमे व्यक्ति अपनी उंचाई के हिसाब से स्नान कर सकता था. इसमें डूबने का डर नहीं रहता. परन्तु उसके बाद के चुनाव में सरताज सिंह को भाजपा के द्वारा टिकट नहीं दी गई थी. उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. वही विधायक नहीं होने के बाद भी सरताज सिंह आवली घाट का विकास कार्य देखने के लिए जाया करते थे.

नर्मदापुरम: शनिवार को नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा के प्रसिद्ध मां नर्मदा तट आवली घाट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह की अस्थियों का विसर्जन किया गया. सरताज के भाई सुरिन्दर पाल ने बताया कि सरताज सिंह जी की अंतिम इच्छा थी, "उनकी अस्थियों को मां नर्मदा के पावन तट आवली घाट में ही विसर्जित किया जाए. इसलिए हम पूरे परिवार के साथ यहाँ अस्थियों का विसर्जन करने आए हैं."

इसके अलावा उन्होंने बताया, "आवली घाट पर सरताज जी की आत्मा बसती थी. अंतिम समय तक उनके मन में आवली घाट ही चल रहा था."

उन्होंने प्राण त्यागने से पहले कहा था कि आवली घाट का विकास नहीं कर पाया, इस बात का मुझे हमेशा असंतोष रहेगा. कोशिश करना कि आगे आवली घाट का अधूरा काम पूरा हो. उन्हें काम से इतना लगाव था की वो घर के जरुरी कार्यक्रम भी छोड़ देते थे"

श्रद्धांजलि देकर किया नमन: सरताज सिंह की अस्थियां आवली घाट लाई गईं, जहां भाजपा नेताओ ने उनका पूजन कर श्रद्धांजलि दी, इसके बाद परिजनों की तरफ से माँ नर्मदा के बीच में अस्थियाँ प्रवाहित की गई.

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CM ने घर पहुंचकर दी श्रद्धांजलि: सरताज सिंह के भाई ने बताया, "सरताज सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी पहुंचे थे. मेरे द्वारा उन्हें भी बताया गया था की सरताज सिंह जी की अंतिम इच्छा थी की आवली घाट के अधूरे कार्य पूर्ण हो. इस पर शिवराज सिंह के द्वारा आश्वासन भी दिया गया है. सरताज सिंह जी की अंतिम इच्छा पूरी की जाएगी और आवली घाट को विकसित किया जाएगा.

आपको बता दें की सरताज सिंह जब लोकनिर्माण मंत्री थे तब उनके द्वारा मां नर्मदा तट आवली घाट को विकसित करने का कार्य शुरू कराया गया था. आवली घाट सरताज सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता था. उनके द्वारा हरिद्वार की तर्ज पर नर्मदा में स्नान करने के लिए नहर बनाई गई थी इसमे व्यक्ति अपनी उंचाई के हिसाब से स्नान कर सकता था. इसमें डूबने का डर नहीं रहता. परन्तु उसके बाद के चुनाव में सरताज सिंह को भाजपा के द्वारा टिकट नहीं दी गई थी. उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. वही विधायक नहीं होने के बाद भी सरताज सिंह आवली घाट का विकास कार्य देखने के लिए जाया करते थे.

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