नर्मदापुरम। जिले की होशंगाबाद विधानसभा अनारक्षित है. पिछले तीन विधानसभाओं के नतीजे देख जाएं तो यहां पर बीजेपी ने ही जीत दर्ज की है. खास बात यह रही है कि यहां से ब्राह्मण प्रत्याशी ही चुनाव जीता है. होशंगाबाद विधानसभा सीट में 2023 के विधानसभा के लिए 2 लाख से मतदाताओं का नाम सूची में सम्मिलित किया गया है. जिसमें 1,19270 पुरुष तो वहीं ही 104159 महिला मतदाता हैं. होशंगाबाद विधानसभा में 238 मतदान बूथ बनाए गए हैं.
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भाजपा का लगातार तीन बार से कब्जा: होशंगाबाद विधानसभा में अगर 2008 के चुनाव से 2018 तक देखा जाए तो यहां भाजपा का ही कब्जा रहा है. 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के गिरिजा शंकर शर्मा ने कांग्रेस के विजय दुबे को 25320 वोटो से चुनाव हराया. उसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने डॉ. सीता शरण शर्मा को मैदान में उतारा उन्होंने कांग्रेस की रवि जायसवाल को 49296 वोटो के लंबे अंतराल हराया. 2018 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने डॉ. सीताशरण शर्मा को टिकट दिया और कांग्रेस ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सरताज सिंह को मैदान में उतारा, यहां पर फिर डॉ. सीता शरण शर्मा ने 15217 वोटों से कांग्रेस को हराया.
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गिरिजा शंकर शर्मा पर दांव लगा सकती है कांग्रेस: 2008 में भाजपा से होशंगाबाद में विधायक रहे गिरिजा शंकर शर्मा ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस का दामन थाम लिया है. राजनीतिक सूत्रों की मानना है कि इस बार होशंगाबाद विधानसभा से कांग्रेस गिरिजा शंकर शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाएगी, ताकि भाजपा को चुनौती दी जा सके. हालांकि भाजपा के सबसे प्रबल उम्मीदवार डॉ. सीताशरण शर्मा ही माने जा रहे हैं.
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सवर्ण वोट ही होते हैं निर्णायक: अनारक्षित विधानसभा सीट होशंगाबाद में 2008 के बाद ब्राह्मण सामाज से ही विधायक बना है. इसका सबसे बड़ा कारण इलाके में सवर्ण वोटों की अधिकता के कारण है. बीजेपी ने इसी रणनीति के तहत अब तक होशंगाबाद से ब्राह्मण को टिकट दिया. हालांकि कांग्रेस ने अन्य पिछड़ा वर्ग से भी मैदान में प्रत्याशी उतारे थे लेकिन सफलता नहीं मिली.
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शहर का नाम बदला, मां नर्मदा से विशेष पहचान: बीजेपी सरकार ने होशंगाबाद का नाम बदलकर अब नर्मदापुरम कर दिया है. शहर की विशेष पहचान नर्मदा नदी से है. नर्मदा नदी के सेठानी घाट में हर दिन देश भर से लोग डुबकी लगाने पहुंचते हैं. इतना ही नहीं यहां के व्यापार के लिए भी नर्मदा नदी विशेष महत्व रखती है. नर्मदा नदी की रेत मालवा में भी सप्लाई की जाती है. हालांकि इस विधानसभा का निर्वाचन आयोग में अभी भी नाम होशंगाबाद ही है.