होशंगाबाद। कोरोना वायरस को लेकर भारत सरकार बचाव के लिये तरह तरह के जतन कर रही है. आम यात्रियों सहित रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा के लिये ट्रेन का परिचालन तक बन्द कर दिया गया है, लेकिन होशंगाबाद मे रेलवे कर्मचारियों के स्वास्थ्य के साथ भारी लापरवाही बरती जा रही है. रेलवे ट्रैक पर काम करने वाले डी ग्रेड कर्मचारियों के साथ डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है.
होशंगाबाद रेलवे स्टेशन पर सुबह 7 बजे बिना सोशल डिस्टेंस के बैठे लगभग 30 से 40 रेलवे कर्मियों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें ड्यूटी पर मिड़घाट बुलाया गया है. जबकि पहले से निर्देश है कि एक दिन छोड़कर डयूटी जाना है. वहीं उन लोगों को ड्यूटी के दौरान ना तो सेनिटाइजर उपलब्ध कराया है, न ही साबुन दी गई है. ट्रैकमैन भूपेंद्र ने बताया कि 30 से 40 लोगों के बीच में 50ml सेनिटाइजर दिया गया है. साथ ही जो साबुन हाथ धोने के लिए दिया गया है उसकी दो साल पहले 2017 मे ही एक्सपायरी डेट निकल चुकी है. उन्होंने बताया कि ड्यूटी के दौरान एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए उन्हें मालगाड़ी का सहारा लेना पड़ता है., मालगाड़ी में इंजन में बिठाकर ले जाया जाता है. जबकि इंजन में चार से पांच लोग बैठ पाते हैं, इतनी ही जगह में बैठकर सबको जाना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के चलते हुए सोशल डिस्टेंस बनाने की बात कही है, लेकिन यहां हमारी सुरक्षा व्यवस्था के लिए बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. साथ ही इंजन के डिब्बे में 30 से 40 लोगों को लेकर साथ में जाना होता है. जिसमें हमें भेड़-बकरी की तरह भरकर ले जाया जाता है. अगर किसी को भी संक्रमण होता है तो हम सभी लोग संक्रमित हो सकते हैं. मामले मे होशंगाबाद एसडीएम ने जिम्मेदार अधिकारी से बात कर इसमे परिवर्तन करने का आग्रह किया है.