होशंगाबाद। कोरोना से लड़ाई के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है. इसमें गरीब परेशान ना हो इसके लिए सरकारों ने कई व्यवस्थाएं की. जिसमें जनधन खाते में राशि डालना भी शामिल था. सरकार ने गरीबों के खाते में पैसे डाले भी, लेकिन कुछ बैंकों की लापरवाही के कारण अब इस संकट काल में पैसे नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसा ही कुछ हुआ होशंगाबाद जिले के सिवनी-मालवा तहसील के भिलाड़िया कला गांव में, जहां दर्जनों महिला हितग्राहियों का खाता फ्रीज हो गया है, जिससे वो पैसों के लिए बैंक के चक्कर काट रही हैं.
खाता खुला लेकिन गरीबों को कुछ नहीं मिला
सिवनी-मालवा में एक बैंक ने एक साल पहले जनधन योजना के तहत जीरो बैलेंस पर खोला गया था, लेकिन हितग्राही को ना अकाउंट नंबर दिया गया ना पासबुक, जिसकी वजह से वो अपना खाता चालू नहीं रख पाए. खाता चालू ना होने के कारण बैंक ने इसे फ्रीज कर दिया. जिसकी वजह से अब गरीबों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस बारे में सिवनी-मालवा के अनुविभागीय अधिकारी का कहना है कि अगर किसी हितग्राही का पैसा अकाउंट में आया है और बैंक उसे नहीं निकाल रहा तो वो एक लिखित शिकायत करे और खाते की जांच कराई जाए. जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.
बैंकों की लापरवाही गरीबों के लिए मुसीबत
पिछले दिनों सरकार ने कई सरकारी योजना का पैसा गरीब तबके तक पहुंचे के लिए जनधन खातों में पैसे डाले थे. इन जनधन योजना के नाम से एक साल पहले करोड़ों बचत खाते जीरो बैलेंस पर खुलवाए गए और उनका बहुत प्रचार- प्रसार हुआ. लेकिन हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. जनधन खाता खोलने का आदेश सराकरी बैंकों के साथ-साथ अर्धशासकीय बैंकों को भी दिया गया था लेकिन अर्धशासकीय बैंकों की लीपापोती का खामियाजा अब गरीब तबके को उठाना पड़ रहा है.