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होशंगाबाद मंडी के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, तालाबंदी के साथ कामकाज बंद - Hoshangabad mandi workers strike

होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा के उपनगरी बानापुरा कृषि उपज मंडी अधिकारी, कर्मचारी मण्डी गेट पर तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

होशंगाबाद मंडी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
होशंगाबाद मंडी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
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Published : Sep 26, 2020, 7:51 PM IST

होशंगाबाद। जिले की सिवनी मालवा के उपनगरी बानापुरा कृषि उपज मंडी अधिकारी कर्मचारी मंडी गेट पर तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. उनका कहना है की सरकार ने कृषि उपज मंडी अधिकारी, कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी की है.

मुख्यमंत्री द्वारा 15 दिन का आश्वासन दिया गया था कि प्रदेश के समस्त मंडी कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन भत्ते की सुरक्षा की जाएगी और जो कृषि संचालनालय बनेगा, उसमें शामिल किया जाएगा, लेकिन अब तक इस पर किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया गया.

इसके कारण सभी अधिकारी, कर्मचारी शुक्रवार से मंडियों में तालाबंदी कर केंद्रिय मॉडल एक्ट का विरोध करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. मध्य प्रदेश कृषि उपज मंडी कर्मचारी संघ के बैनर तले मंडी के अधिकारी, कर्मचारी एक बार फिर से धरने पर बैठ गए हैं.

धरना स्थल पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि 6 सितंबर को आश्वासन मिला था कि मंडी कर्मचारियों की मांगों का निराकरण 15 दिन के भीतर कर दिया जाएगा. इस आश्वासन पर हड़ताल को स्थगित किया गया था. इस संबंध में अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने के कारण मप्र मंडी बोर्ड संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर फिर हड़ताल शुरू की गई है.

मंडी कर्मचारियों ने संघ के माध्यम से कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और शासकीय कर्मचारी की भांति वेतन व्यवस्था किए जाने की मांग रखी है. बानापुरा कृषि उपज मंडी सहित प्रदेश की कई मंडियों के कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिल पाया है. वहीं कर्मचारियों का कहना है की अब जब तक सरकार के द्वारा हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तब तक हड़ताल समाप्त नहीं की जाएगी.

होशंगाबाद। जिले की सिवनी मालवा के उपनगरी बानापुरा कृषि उपज मंडी अधिकारी कर्मचारी मंडी गेट पर तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. उनका कहना है की सरकार ने कृषि उपज मंडी अधिकारी, कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी की है.

मुख्यमंत्री द्वारा 15 दिन का आश्वासन दिया गया था कि प्रदेश के समस्त मंडी कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन भत्ते की सुरक्षा की जाएगी और जो कृषि संचालनालय बनेगा, उसमें शामिल किया जाएगा, लेकिन अब तक इस पर किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया गया.

इसके कारण सभी अधिकारी, कर्मचारी शुक्रवार से मंडियों में तालाबंदी कर केंद्रिय मॉडल एक्ट का विरोध करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. मध्य प्रदेश कृषि उपज मंडी कर्मचारी संघ के बैनर तले मंडी के अधिकारी, कर्मचारी एक बार फिर से धरने पर बैठ गए हैं.

धरना स्थल पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि 6 सितंबर को आश्वासन मिला था कि मंडी कर्मचारियों की मांगों का निराकरण 15 दिन के भीतर कर दिया जाएगा. इस आश्वासन पर हड़ताल को स्थगित किया गया था. इस संबंध में अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने के कारण मप्र मंडी बोर्ड संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर फिर हड़ताल शुरू की गई है.

मंडी कर्मचारियों ने संघ के माध्यम से कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और शासकीय कर्मचारी की भांति वेतन व्यवस्था किए जाने की मांग रखी है. बानापुरा कृषि उपज मंडी सहित प्रदेश की कई मंडियों के कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिल पाया है. वहीं कर्मचारियों का कहना है की अब जब तक सरकार के द्वारा हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तब तक हड़ताल समाप्त नहीं की जाएगी.

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