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पेंशन योजना के लिए शासकीय कर्मचारियों ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

होशंगाबाद के सिवनी-मालवा में पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग के लिए सभी शासकीय कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

Government employees submitted memorandum
पेंशन योजना के लिए शासकीय कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Dec 30, 2019, 11:40 PM IST

होशंगाबाद। सिवनी-मालवा में सभी शासकीय कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम तहसील कार्यालय में ज्ञापन सौंपा. जिसमें बताया गया है कि जनवरी 2005 के बाद नियुक्त किए गए अधिकारी-कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ न देते हुए नई पेंशन स्कीम के तहत लाभ दिया जा रहा है. नई स्कीम के तहत सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों को पेंशन के रूप में 800 से लेकर 1200 रुपये तक प्रतिमाह पेंशन बन रही है. जो कि इस महंगाई के युग में पर्याप्त नहीं है.

पेंशन योजना के लिए शासकीय कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन

कर्मचारियों ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम 7750 रुपए प्रतिमाह पेंशन सरकार ने निर्धारित की थी. पुरानी पेंशन योजना के तहत परिवार पेंशन की पात्रता की गई है जबकि नई पेंशन स्कीम के तहत परिवार पेंशन की कोई पात्रता नहीं है. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत अभी तक मध्य प्रदेश सरकार और प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों की हिस्सेदारी के रूप में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए की राशि NPS में जमा की गई है. जिसका उपयोग शेयर बाज़ार आदि में किया जा रहा है.


कर्मचारियों ने कहा कि हमारी मांग है कि मध्य प्रदेश शासन अपने वचन पत्र का पालन कते हुए पुरानी पेंशन प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों के लिये लागू करे. पुरानी पेंशन लागू किए जाने पर वर्तमान समय पर सरकार के ऊपर कोई वित्तीय भार भी नहीं आएगा और NPS प्रणाली में प्रदेश शासन की हिस्सेदारी की राशि 15 हजार करोड़ रुपए वापस लेकर प्रदेश के विकास कार्यो में लगाकर प्रदेश का विकास करे.

होशंगाबाद। सिवनी-मालवा में सभी शासकीय कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम तहसील कार्यालय में ज्ञापन सौंपा. जिसमें बताया गया है कि जनवरी 2005 के बाद नियुक्त किए गए अधिकारी-कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ न देते हुए नई पेंशन स्कीम के तहत लाभ दिया जा रहा है. नई स्कीम के तहत सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों को पेंशन के रूप में 800 से लेकर 1200 रुपये तक प्रतिमाह पेंशन बन रही है. जो कि इस महंगाई के युग में पर्याप्त नहीं है.

पेंशन योजना के लिए शासकीय कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन

कर्मचारियों ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम 7750 रुपए प्रतिमाह पेंशन सरकार ने निर्धारित की थी. पुरानी पेंशन योजना के तहत परिवार पेंशन की पात्रता की गई है जबकि नई पेंशन स्कीम के तहत परिवार पेंशन की कोई पात्रता नहीं है. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत अभी तक मध्य प्रदेश सरकार और प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों की हिस्सेदारी के रूप में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए की राशि NPS में जमा की गई है. जिसका उपयोग शेयर बाज़ार आदि में किया जा रहा है.


कर्मचारियों ने कहा कि हमारी मांग है कि मध्य प्रदेश शासन अपने वचन पत्र का पालन कते हुए पुरानी पेंशन प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों के लिये लागू करे. पुरानी पेंशन लागू किए जाने पर वर्तमान समय पर सरकार के ऊपर कोई वित्तीय भार भी नहीं आएगा और NPS प्रणाली में प्रदेश शासन की हिस्सेदारी की राशि 15 हजार करोड़ रुपए वापस लेकर प्रदेश के विकास कार्यो में लगाकर प्रदेश का विकास करे.

Intro:होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा मैं समस्त शासकीय कर्मचारियों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन कानुन गो को तहसील कार्यालय जाकर सोपा। जिसमे उल्लेख किया कि जनवरी 2005 के पश्चात नियक्त किए गए अधिकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ न देते हुए नई पेशन स्कीम के तहत लाभ दिया जा रहा है।Body:फल स्वरूप नई स्कीम के तहत सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों को पेंशन के रूप में 800 से लेकर 1200 रुपये तक प्रतिमाह पेंशन बन रही है। जो कि इस महंगाई के युग में पर्याप्त नहीं है। जबकि पुरानी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम 7750 रुपये प्रतिमाह पेंशन मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्धारित की गई थी एवं पुरानी पेंशन में इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। पुरानी पेंशन के तहत परिवार पेंशन की पात्रता की गई है जबकि नई पेंशन स्कीम के तहत परिवार पेंशन की कोई पात्रता नहीं है राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एन.पी.एस) के तहत अभी तक मध्य प्रदेश सरकार एवं प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों की हिस्सेदारी के रूप में लगभग 30,000 करोड़ रुपए की राशि एन.पी एस प्रणाली में जमा की गई है जिसका उपयोग शेयर बाज़ार आदि में किया जा रहा है।Conclusion:हमारी मांग है कि मध्य प्रदेश शासन अपने बचन पत्र का पालन कते हुए पुरानी पेंशन प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों के लिये लागु करे, पुरानी पेंशन लागु किये जाने पर वर्तमान समय पर सरकार के उपर कोई वितीय भार भी नहीं आवेगा एवं एनपी.एस प्रणाली में प्रदेश शासन की हिस्सेदारी की राशि 15000 करोड़ रुपए वापस लेकर प्रदेश के विकास कार्यो में लगाकर प्रदेश का विकास करे। आपको बता दे कि इस अवसर पर सभी विभागों के शाशकीय कर्मचारी उपस्थित थे।

बाइट-विजय सिंह राजपूत शिक्षक
बाइट-विजय यादव ग्राम पंचायत सचिव
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