होशंगाबाद। सिवनी-मालवा में सभी शासकीय कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम तहसील कार्यालय में ज्ञापन सौंपा. जिसमें बताया गया है कि जनवरी 2005 के बाद नियुक्त किए गए अधिकारी-कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ न देते हुए नई पेंशन स्कीम के तहत लाभ दिया जा रहा है. नई स्कीम के तहत सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों को पेंशन के रूप में 800 से लेकर 1200 रुपये तक प्रतिमाह पेंशन बन रही है. जो कि इस महंगाई के युग में पर्याप्त नहीं है.
कर्मचारियों ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम 7750 रुपए प्रतिमाह पेंशन सरकार ने निर्धारित की थी. पुरानी पेंशन योजना के तहत परिवार पेंशन की पात्रता की गई है जबकि नई पेंशन स्कीम के तहत परिवार पेंशन की कोई पात्रता नहीं है. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत अभी तक मध्य प्रदेश सरकार और प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों की हिस्सेदारी के रूप में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए की राशि NPS में जमा की गई है. जिसका उपयोग शेयर बाज़ार आदि में किया जा रहा है.
कर्मचारियों ने कहा कि हमारी मांग है कि मध्य प्रदेश शासन अपने वचन पत्र का पालन कते हुए पुरानी पेंशन प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों के लिये लागू करे. पुरानी पेंशन लागू किए जाने पर वर्तमान समय पर सरकार के ऊपर कोई वित्तीय भार भी नहीं आएगा और NPS प्रणाली में प्रदेश शासन की हिस्सेदारी की राशि 15 हजार करोड़ रुपए वापस लेकर प्रदेश के विकास कार्यो में लगाकर प्रदेश का विकास करे.