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खराब फसल से परेशान किसान पहुंचे तहसील कार्यालय, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

होशंगाबाद में बारिश एवं फसलों में लग रही बीमारी के चलते परेशान किसान तहसीलदार कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार नीलेश पटेल को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही मुआवजे के साथ ही कई अन्य मांग भी की हैं.

farmers reached to tehsildar office
किसान पहुंचे तहसीलदार कार्यालय
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Published : Aug 26, 2020, 5:26 PM IST

होशंगाबाद। बारिश एवं फसलों में लग रही बीमारी के चलते अब किसान उग्र होते जा रहे हैं. जिले की सिवनी मालवा में बुधवार को किसान परिवार कल्याण संगठन और क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन के नेतृत्व में किसानों के द्वारा एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार नीलेश पटेल को सौंपा गया. ज्ञापन में बताया की किसानों की चौपट हुई फसल का तत्काल प्रभाव से सर्वे कराकर किसानों को 40 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर राहत राशि और बीमा राशि किसानों को तत्काल दिलाई जाए. उन्होंने बताया की अज्ञात बीमारी के चलते फसल पूरी तरह चौपट हो गई है.

किसानों ने मांग की है कि सोयाबीन, उड़द, मूंग का शीघ्र सर्वे कराया जाए. जाे ओलावृष्टि और तेज हवा के कारण मक्का की फसल गिर गई है और टूट गई है. उनका भी जल्द ही सर्वे कराया जाए. केंद्र सरकार द्वारा लाए गये किसान विरोधी तीन कृषि अध्यादेश वापस लिये जाये. C2+50 के आधार पर फसल खरीदने की गारंटी का कानून बनाया जाये. समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदने पर अपराध की श्रेणी में लाया जाए. कोरोना महामारी के चलते किसानों ने देशवासियों के लिए दुग्ध आपूर्ति को ध्यान में रखा. लेकिन अभी दूध पर प्रति लीटर 5.40 रूपये लीटर भाव कम कर दिये हैं. जिसमें दुग्ध उत्पादक किसानों को नुकसान हो रहा है. किसानों का कहना है कि दूध के दाम 8 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाये जायें. वर्तमान में खरीफ की फसल जैसे धान, मक्का का रजिस्ट्रेशन कराकर समर्थन मूल्य पर खरीदी जाए.

वर्ष 2017, 18 में आपके द्वारा सोयाबीन, मक्का की भावान्तर राशि के 500 रूपये प्रति क्विंटल एवं पूर्व की सरकार द्वारा घोषित गेहूं का बोनस के 180 रुपये प्रति क्विंटल शीघ्र ही दी जाए. किसान परिवार कल्याण संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री ने बताया की जल्द ही यदि उक्त मांग सरकार ने नहीं मानी तो अगले माह सभी किसान सड़कों पर उतरकर आन्दोलन करेंगे जिसकी रूपरेखा संगठन के द्वारा तैयार की जा रही है.

होशंगाबाद। बारिश एवं फसलों में लग रही बीमारी के चलते अब किसान उग्र होते जा रहे हैं. जिले की सिवनी मालवा में बुधवार को किसान परिवार कल्याण संगठन और क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन के नेतृत्व में किसानों के द्वारा एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार नीलेश पटेल को सौंपा गया. ज्ञापन में बताया की किसानों की चौपट हुई फसल का तत्काल प्रभाव से सर्वे कराकर किसानों को 40 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर राहत राशि और बीमा राशि किसानों को तत्काल दिलाई जाए. उन्होंने बताया की अज्ञात बीमारी के चलते फसल पूरी तरह चौपट हो गई है.

किसानों ने मांग की है कि सोयाबीन, उड़द, मूंग का शीघ्र सर्वे कराया जाए. जाे ओलावृष्टि और तेज हवा के कारण मक्का की फसल गिर गई है और टूट गई है. उनका भी जल्द ही सर्वे कराया जाए. केंद्र सरकार द्वारा लाए गये किसान विरोधी तीन कृषि अध्यादेश वापस लिये जाये. C2+50 के आधार पर फसल खरीदने की गारंटी का कानून बनाया जाये. समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदने पर अपराध की श्रेणी में लाया जाए. कोरोना महामारी के चलते किसानों ने देशवासियों के लिए दुग्ध आपूर्ति को ध्यान में रखा. लेकिन अभी दूध पर प्रति लीटर 5.40 रूपये लीटर भाव कम कर दिये हैं. जिसमें दुग्ध उत्पादक किसानों को नुकसान हो रहा है. किसानों का कहना है कि दूध के दाम 8 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाये जायें. वर्तमान में खरीफ की फसल जैसे धान, मक्का का रजिस्ट्रेशन कराकर समर्थन मूल्य पर खरीदी जाए.

वर्ष 2017, 18 में आपके द्वारा सोयाबीन, मक्का की भावान्तर राशि के 500 रूपये प्रति क्विंटल एवं पूर्व की सरकार द्वारा घोषित गेहूं का बोनस के 180 रुपये प्रति क्विंटल शीघ्र ही दी जाए. किसान परिवार कल्याण संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री ने बताया की जल्द ही यदि उक्त मांग सरकार ने नहीं मानी तो अगले माह सभी किसान सड़कों पर उतरकर आन्दोलन करेंगे जिसकी रूपरेखा संगठन के द्वारा तैयार की जा रही है.

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