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42 डिग्री तापमान मे हाई-वे किनारे सब्जी बेचने को मजबूर किसान

लॉकडाउन के चलते सब्जी मंडी बंद होने से जिले के सब्जी किसानों पर संकट गहराता जा रहा है. तपती गर्मी में मेहनत कर उगाई गई सब्जी को अब किसान हाई-वे के किनारे बैठकर सस्ते दामों में बेचने को मजबूर है.

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Published : May 13, 2020, 8:52 PM IST

Farmers forced to sell vegetables along highway at 42 degree temperature in Hoshangabad
42 डिग्री तापमान मे हाईवे किनारे सब्जी बेचने को मजबूर किसान

होशंगाबाद। जिले में कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन में परेशानी उठाने वाला वर्ग मजदूर और किसान है. किसान में भी वो किसान जो रोज सब्जियों को मंडियों में बेचकर घर चलाता है. लेकिन अब मंडी बंद होने के चलते, उसे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इस समय सब्जी खेतों मे पक चुकी है. अब मंडी नहीं खुलने पर हाई-वे पर सब्जी बेचने को मजबूर हो रहे हैं ये सब्जी किसान.

एक तो लॉकडाउन, ऊपर से 42 डिग्री तापमान

बढ़ता पारा बढ़ा रहा परेशानी

दरअसल छोटा सब्जी किसान खेतों के बाहर ही 40 डिग्री तापमान में हाई-वे किनारे सब्जी बेचने को मजबूर हो रहे हैं. प्रशासन द्वारा मंडियों को बंद करा दिया गया है. जिसका परिणाम छोटे किसानों को भुगतना पड़ रहा है. खेतों में खड़ी हुई सब्जी को बेचना किसान की मजबूरी है. ऐसे में किसान सब्जियों को सस्ते दामों पर बेच रहे हैं.

गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है. होशंगाबाद जिले का तापमान 42 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. सूरज देव आग बरसा रहे हैं, ऐसे में खुले में किसान तेज धूप में लॉकडाउन के चलते सब्जी बेचने को मजबूर हो रहे हैं. ऐसे में कई किसान डिहाइड्रेशन का शिकार होकर हॉस्पिटल में भर्ती भी हो रहे हैं.

सस्ते दामों पर सब्जी बेचने को मजबूर किसान

मंडियां बंद होने के कारण सब्जियों के दाम में भारी कमी आई है. खेतों में बड़ी तादाद में सब्जियां लग रही हैं लेकिन खरीदार नहीं मिलने के कारण किसान पर दो तरफा मार पड़ रही है. साथ ही शहरों में सब्जी विक्रेता नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिसका असर सब्जी के दामों पर देखने को मिल रहा है. सब्जी के दामों में भारी गिरावट देखने को मिली है. टमाटर, भिंडी, गिलकी, लौकी ₹5 किलो बेचने को किसान मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि खरीदार नहीं मिलने के कारण लागत भी नहीं निकल पा रही है.

होशंगाबाद। जिले में कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन में परेशानी उठाने वाला वर्ग मजदूर और किसान है. किसान में भी वो किसान जो रोज सब्जियों को मंडियों में बेचकर घर चलाता है. लेकिन अब मंडी बंद होने के चलते, उसे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इस समय सब्जी खेतों मे पक चुकी है. अब मंडी नहीं खुलने पर हाई-वे पर सब्जी बेचने को मजबूर हो रहे हैं ये सब्जी किसान.

एक तो लॉकडाउन, ऊपर से 42 डिग्री तापमान

बढ़ता पारा बढ़ा रहा परेशानी

दरअसल छोटा सब्जी किसान खेतों के बाहर ही 40 डिग्री तापमान में हाई-वे किनारे सब्जी बेचने को मजबूर हो रहे हैं. प्रशासन द्वारा मंडियों को बंद करा दिया गया है. जिसका परिणाम छोटे किसानों को भुगतना पड़ रहा है. खेतों में खड़ी हुई सब्जी को बेचना किसान की मजबूरी है. ऐसे में किसान सब्जियों को सस्ते दामों पर बेच रहे हैं.

गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है. होशंगाबाद जिले का तापमान 42 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. सूरज देव आग बरसा रहे हैं, ऐसे में खुले में किसान तेज धूप में लॉकडाउन के चलते सब्जी बेचने को मजबूर हो रहे हैं. ऐसे में कई किसान डिहाइड्रेशन का शिकार होकर हॉस्पिटल में भर्ती भी हो रहे हैं.

सस्ते दामों पर सब्जी बेचने को मजबूर किसान

मंडियां बंद होने के कारण सब्जियों के दाम में भारी कमी आई है. खेतों में बड़ी तादाद में सब्जियां लग रही हैं लेकिन खरीदार नहीं मिलने के कारण किसान पर दो तरफा मार पड़ रही है. साथ ही शहरों में सब्जी विक्रेता नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिसका असर सब्जी के दामों पर देखने को मिल रहा है. सब्जी के दामों में भारी गिरावट देखने को मिली है. टमाटर, भिंडी, गिलकी, लौकी ₹5 किलो बेचने को किसान मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि खरीदार नहीं मिलने के कारण लागत भी नहीं निकल पा रही है.

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