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न बीमा न फिटनेस, टैक्सी बनी एंबुलेंस !

स्वास्थ्य विभाग और प्राइवेट अस्पताल की एंबुलेंस मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है. अधिकांश एंबुलेंस नियम विरुद्ध सड़कों पर दौड़ रही हैं. स्थिति यह है कि सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा टैक्सी कोटे के वाहन को भी एंबुलेंस बना दिया गया है.

Taxi becomes an ambulance
टैक्सी बनी एंबुलेंस
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Published : Feb 16, 2021, 8:24 PM IST

होशंगाबाद। जिले में परिवहन विभाग एंबुलेंस को डीबी सीरीज से रजिस्टर्ड करता है. लेकिन शहर में अवैध रूप से संचालित टैक्सी धड़ल्ले से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. इसमें निजी अस्पतालों के साथ स्वास्थ विभाग के सरकारी वाहन भी शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग के सरकारी और अनुबंधित वाहनों का तो ये हाल है कि उनका सालों से फिटनेस टेस्ट और बीमा नहीं हुआ है. इन अवैध वाहनों से मरीजों की जान आफत में है, तो वहीं सरकार को भी टैक्स के रूप में राजस्व का नुकसान हो रहा है.

  • विभाग ने की एंबुलेंस के दस्तावेजों की जांच

जिला परिवहन अधिकारी मनोज तेंगुरिया के साथ विभाग की टीम ने जिला अस्पताल पहुंच कर वहां खड़ी 8 सरकारी और निजी अस्पतालों की एंबुलेंस के दस्तावेजों की जांच पड़ताल की. इसमें कई एंबुलेंस गाड़ियों में कमी मिली. मौके पर एक एंबुलेंस टैक्सी कोटा के नंबर की मिली. तो एक एंबुलेंस के दस्तावेज अधूरे मिले. वहीं जांच के बाद एक ही एंबुलेंस पर एक लाख रुपए का टैक्स बकाया मिला. फिलहाल परिवहन विभाग ने सभी वाहन को जब्त कर लिया है.

सांठगांठ का ध्यान, नियमों की नहीं परवाह !

जिले भर में इमरजेंसी सुविधा के नाम पर करीब 55 वाहन संचालित हो रहे हैं. जिला अस्पताल में करीब 15 वाहन इमरजेंसी सुविधा के रूप में संचालित हैं. जिनमें से अधिकांश वाहनों का सालों से फिटनेस और बीमा नहीं हुआ है. एक हफ्ता पहले जिला परिवहन विभाग ने एंबुलेंस गड़बड़ियों की शिकायत पर जिला स्वास्थ विभाग से एंबुलेंस के फिटनेस बीमा सहित अन्य दस्तावेज मांगे थे, लेकिन यहां अधिकारी, डॉक्टर और बाबुओं को इसके संचालन के नियम तक नहीं पता हैं.

अवैध वाहनों की होगी धरपकड़

इस मामले में परिवहन अधिकारी मनोज तेंगुरिया ने बताया कि जिले में सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर करीब 50 से 60 वाहन इमरजेंसी सुविधा के नाम पर एंबुलेंस की सुविधा दे रहे हैं. इसमें से अधिकांश के पास सालों से फिटनेस, बीमा तक नहीं है. एंबुलेंस संचालक फिटनेस सहित अन्य टैक्स जल्द से जल्द नहीं चुकाएंगे, तो इनकी धरपकड़ की जाएगी और कड़ी कार्रवाई होगी.

होशंगाबाद। जिले में परिवहन विभाग एंबुलेंस को डीबी सीरीज से रजिस्टर्ड करता है. लेकिन शहर में अवैध रूप से संचालित टैक्सी धड़ल्ले से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. इसमें निजी अस्पतालों के साथ स्वास्थ विभाग के सरकारी वाहन भी शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग के सरकारी और अनुबंधित वाहनों का तो ये हाल है कि उनका सालों से फिटनेस टेस्ट और बीमा नहीं हुआ है. इन अवैध वाहनों से मरीजों की जान आफत में है, तो वहीं सरकार को भी टैक्स के रूप में राजस्व का नुकसान हो रहा है.

  • विभाग ने की एंबुलेंस के दस्तावेजों की जांच

जिला परिवहन अधिकारी मनोज तेंगुरिया के साथ विभाग की टीम ने जिला अस्पताल पहुंच कर वहां खड़ी 8 सरकारी और निजी अस्पतालों की एंबुलेंस के दस्तावेजों की जांच पड़ताल की. इसमें कई एंबुलेंस गाड़ियों में कमी मिली. मौके पर एक एंबुलेंस टैक्सी कोटा के नंबर की मिली. तो एक एंबुलेंस के दस्तावेज अधूरे मिले. वहीं जांच के बाद एक ही एंबुलेंस पर एक लाख रुपए का टैक्स बकाया मिला. फिलहाल परिवहन विभाग ने सभी वाहन को जब्त कर लिया है.

सांठगांठ का ध्यान, नियमों की नहीं परवाह !

जिले भर में इमरजेंसी सुविधा के नाम पर करीब 55 वाहन संचालित हो रहे हैं. जिला अस्पताल में करीब 15 वाहन इमरजेंसी सुविधा के रूप में संचालित हैं. जिनमें से अधिकांश वाहनों का सालों से फिटनेस और बीमा नहीं हुआ है. एक हफ्ता पहले जिला परिवहन विभाग ने एंबुलेंस गड़बड़ियों की शिकायत पर जिला स्वास्थ विभाग से एंबुलेंस के फिटनेस बीमा सहित अन्य दस्तावेज मांगे थे, लेकिन यहां अधिकारी, डॉक्टर और बाबुओं को इसके संचालन के नियम तक नहीं पता हैं.

अवैध वाहनों की होगी धरपकड़

इस मामले में परिवहन अधिकारी मनोज तेंगुरिया ने बताया कि जिले में सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर करीब 50 से 60 वाहन इमरजेंसी सुविधा के नाम पर एंबुलेंस की सुविधा दे रहे हैं. इसमें से अधिकांश के पास सालों से फिटनेस, बीमा तक नहीं है. एंबुलेंस संचालक फिटनेस सहित अन्य टैक्स जल्द से जल्द नहीं चुकाएंगे, तो इनकी धरपकड़ की जाएगी और कड़ी कार्रवाई होगी.

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