होशंगाबाद। आजादी के पूर्व जब देश की राजधानी नागपुर हुआ करती थी. उस समय देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 2 दिसंबर 1933 को इटारसी दौरे पर आए थे. इटारसी रेलवे स्टेशन के सामने बनी गोठी धर्मशाला में वह एक रात रूके थे.
आज देश बापू की 150 वी जयंती मना रहा है. वहीं इटारसी में जिस धर्मशाला के कक्ष में महात्मा गांधी रुके थे, उस कक्ष को बापू प्रवास स्मृति कक्ष बनाया गया हैं. कक्ष में बापू के बचपन, जवानी समेत आजादी के लिए किए गए उनके आंदोलन, सत्याग्रह आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन सहित डाक टिकट, नोट और सिक्कों की प्रदर्शनी लगाई गई है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग इटारसी पहुंच रहे हैं.
महात्मा गांधी को जब इस बात का पता चला कि इस धर्मशाला में हरिजन लोगों को भी आश्रय दिया जाता है, तो इसकी प्रशंसा उन्होंने रजिस्टर में की थी. बापू यहां से माखनलाल चतुर्वेदी से मिलने बाबई भी पहुंचे थे.