होशंगाबाद। स्वच्छता सर्वेक्षण में होशंगाबाद के फिसड्डी साबित होने के महीनों बाद अब प्रशासन ने शहर की सफाई करवाने का फैसला लिया है. शहर में अब सफाई की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी नगर पालिका सीएमओ के अलावा अलग-अलग दिन एसडीएम और तहसीलदारों को सौपी गई है. जिसके तहत सड़कों सहित खाली प्लाटों की सफाई करवाई जा रही है.
कलेक्टर धनंजय सिंह के निर्देश पर स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 को लक्ष्य तयकर मॉनिटरिंग एवं कार्य को सुचारु रूप से चलाने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण के नोडल अधिकारी एसडीएम आदित्य रिछारिया ने अभियान चलाया है. जहां खाली प्लाटों का कचरा हटाया गया, कॉलोनी का सफाई कार्य किया गया एवं नागरिकों द्वारा की जाने वाली गंदगी एवं घरों से निकलने वाले कचरे को दो डस्टबिन में अलग-अलग डालने के लिए समझाइश दी गई. इसके अलावा नागरिक एवं व्यवसाय क्षेत्रों में, खुले में सड़क, खाली प्लाट पर कचरा डालना, सार्वजनिक जगह पर थूकना, खुले में शौच करने पर 200 रुपए का जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया.
वहीं निर्माण एवं विध्वंस से निकलने वाले कचरे के लिए जुर्माने की कार्रवाई की गई. सड़क एवं खाली प्लाटों पर गंदगी करने वाले 10 लोगों पर 500- 500 जुर्माने की कार्रवाई की गई. कुल पांच हजार रुपए की राशि वसूल गई. स्वच्छता सर्वेक्षण के नोडल एसडीम आदित्य रिछारिया ने बताया कि, नगर में किसी भी प्रकार की गंदगी करने पर कार्रवाई की जाएगी.