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रिश्वत की मांग करने वाली महिला अधिकारी को 5 वर्ष की जेल

3 साल पहले डाकघर बचत की एजेंसी का नवीनीकरण कराने के नाम पर पैसों की मांग करने वाली एक महिला अधिकारी को 5 वर्ष सश्रम कारावास की सजा हुई है. वित्त अधिकारी ने शिकायतकर्ता से 5000 रुपए की मांग की थी.

Accused woman
आरोपी महिला
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Published : Apr 2, 2021, 4:37 AM IST

होशंगाबाद। जिले में गुरुवार को डाकघर बचत की एजेंसी का नवीनीकरण कराने के नाम पर पैसों की मांग करने वाली एक महिला अधिकारी को 5 वर्ष सश्रम कारावास की सजा हुई है. यह मामला 3 वर्ष पुराना है, कोर्ट ने अपराधी रत्नावली वंशवर्ती पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत सश्रम कारावास और 25000 रुपए जुर्माना लगाया है.

यह है पूरा मामला

उप-संचालक/विशेष लोक अभियोजक गोविंद शाह ने बताया कि 14 सितंबर 2017 को सुनील बाथरी नामक व्यक्ति ने एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उसने बताया था कि उसकी पत्नी रचना बाथरी के नाम से डाकघर अल्प बचत की एजेंसी है. जिसका हर 3 वर्ष में नवीनीकरण होता है. उसने कहा कि 6 सितंबर 2017 को कलेक्टर/संस्थागत वित्त अधिकारी द्वारा एजेंसी का नवीनीकरण होना था, लेकिन नवीनीकरण की प्रक्रिया के लिए वित्त अधिकारी ने उनसे 5000 रुपए की मांग की जा रही है.

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पुलिस कार्रवाई में सामने आया मामला

मामले पर पुलिस की जांच से पता चला कि आरोपी वित्त अधिकारी पहले भी शिकायतकर्ता के साथियों से नवीनीकरण के नाम पर पैसा ले चुकी है. वित्त अधिकारी लोगों से पैसे सीधे न लेकर डायरी-रजिस्टर के माध्यम से लेती है. वहीं, पुलिस ने जांच के बाद वित्त अधिकारी को कोर्ट में पेश किया था.

होशंगाबाद। जिले में गुरुवार को डाकघर बचत की एजेंसी का नवीनीकरण कराने के नाम पर पैसों की मांग करने वाली एक महिला अधिकारी को 5 वर्ष सश्रम कारावास की सजा हुई है. यह मामला 3 वर्ष पुराना है, कोर्ट ने अपराधी रत्नावली वंशवर्ती पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत सश्रम कारावास और 25000 रुपए जुर्माना लगाया है.

यह है पूरा मामला

उप-संचालक/विशेष लोक अभियोजक गोविंद शाह ने बताया कि 14 सितंबर 2017 को सुनील बाथरी नामक व्यक्ति ने एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उसने बताया था कि उसकी पत्नी रचना बाथरी के नाम से डाकघर अल्प बचत की एजेंसी है. जिसका हर 3 वर्ष में नवीनीकरण होता है. उसने कहा कि 6 सितंबर 2017 को कलेक्टर/संस्थागत वित्त अधिकारी द्वारा एजेंसी का नवीनीकरण होना था, लेकिन नवीनीकरण की प्रक्रिया के लिए वित्त अधिकारी ने उनसे 5000 रुपए की मांग की जा रही है.

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मामले पर पुलिस की जांच से पता चला कि आरोपी वित्त अधिकारी पहले भी शिकायतकर्ता के साथियों से नवीनीकरण के नाम पर पैसा ले चुकी है. वित्त अधिकारी लोगों से पैसे सीधे न लेकर डायरी-रजिस्टर के माध्यम से लेती है. वहीं, पुलिस ने जांच के बाद वित्त अधिकारी को कोर्ट में पेश किया था.

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