हरदा। उत्तर प्रदेश और बिहार से रोजी रोटी की तलाश में महाराष्ट्र गए मजदूर पैदल ही अपने घरों की तरफ लौट रहे हैं. लॉकडाउन में काम काज बंद होने और राशन की समस्या की वजह से मजदूरों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा.
मध्यप्रदेश के रीवा, सतना, दमोह, जबलपुर सहित अन्य जिलों के अलावा उत्तरप्रदेश, बिहार और झारखंड के मजदूरों ने सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर घर की राह पकड़ ली. महाराष्ट्र के मुंबई जलगांव और नासिक सहित अन्य महानगरों के उद्योग में काम करने वाले सैकड़ों मजदूर हरदा पहुंच रहे हैं.
2 दिनों पहले आधी रात को खंडवा जिले से करीब 60 मजदूरों को बस स्टैंड पर छोड़कर बस चालक भाग गया था, जिसके बाद हरदा जिला प्रशासन के द्वारा इन मजदूरों को नगर के शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में बने रिलीफ कैंप में ठहरा कर उनकी भोजन और पानी की व्यवस्था कराई.
नहीं है कैंप में कोई व्यवस्था
जहां पर करीब डेढ़ सौ से अधिक मजदूर ठहरे हुए हैं, जो कि किसी भी हाल में अपने गांव पहुंचना चाहते हैं. मंगलवार को इन मजदूरों ने रिलीफ कैंप से भागने का प्रयास किया, लेकिन वहां से कुछ आगे ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मियों के द्वारा उन्हें वापस रिलीफ कैंप में छोड़ दिया गया. इन मजदूरों का कहना है कि, प्रशासन ने उन्हें बीते 3 दिनों से रोक रखा है, इस दौरान उन्हें अच्छा भोजन नहीं दिया जा रहा है. साथ ही जिस स्थान पर ठहराया गया वहां साफ-सफाई भी नहीं है.
कैंप में है कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा
इतना ही नहीं, यहां पर बिना जांच किए एक साथ कई मजदूरों को ठहराया जा रहा है, जिसके चलते सभी में डर बना हुआ है. मजदूरों का कहना है कि, हमें प्रशासन के द्वारा आज-कल कहकर घर भेजने की बात की गई है, लेकिन अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई. जिसके चलते हम रिलीफ कैंप से पैदल घर जाने की ओर निकल पड़े.
हरदा जिला प्रशासन ने कही घर भेजने की बात
हालांकि हरदा जिला प्रशासन के द्वारा मध्य प्रदेश के रीवा, सतना, कटनी और जबलपुर जिलों के133 मजदूरों को बस के माध्यम से उनकी जिले में भेज दिया गया है. साथ ही अन्य जिलों के लोगों को भी भेजने के लिए व्यवस्था की जा रही है. एसडीएम एचएस चौधरी ने बताया कि, हमारे द्वारा उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों के मजदूरों को बुधवार से भेजना शुरू कर दिया जाएगा.