हरदा। जिला अस्पताल में गत 13 मार्च को जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में दोषियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है. जिस समय प्रसूता और उसके बच्चे की मौत हुई, उस समय एक महिला चिकित्सक सहित दो डॉक्टर और चार नर्सें मौजूद थी, जिनमें से एक नर्स की सेवा समाप्त कर दी गयी है, जबकि बाकी सभी को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है. इस मामले में परिजनों की शिकायत पर जिला स्तरीय जांच समिति ने हर पहलू की जांच की थी.
⦁ ऑपरेशन थियेटर में शराब पीकर पहुंचे थे निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ राजेश मिथोरिया
⦁ गर्भवती महिला को गलत इंजेक्शन लगाने की बात सामने आयी
⦁ डॉ. मिथोरिया को जिला अस्पताल राजगढ़ एवं महिला चिकित्सक डॉ शिवहरे को रायसेन भेजा गया है
⦁ स्वास्थ्य आयुक्त नीतेश व्यास ने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भारती शिवहरे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
⦁ ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स वंदना मसीह, चित्रा चौरे, नीता टीकारे को भी निलंबित किया गया है.
⦁ संविदा स्टाफ नर्स मनीषा सुजाने को पद से पृथक करने की कार्रवाई की गई है.
ये है मामला
हरदा जिला मुख्यालय की शुक्ला कॉलोनी निवासी सुनीता चौरसिया को उसके परिजन प्रसव पीड़ा होने पर गत 13 मार्च 19 की शाम जिला अस्पताल ले गये थे. वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने लापरवाही से उपचार किया था. जिसके चलते सुनीता एवं उसके बच्चे की मौत हो गई थी. मृतका के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर डॉक्टरों और नर्सों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी. इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था.
वैसे तो हरदा का जिला अस्पताल डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर आये दिन सुर्खियों में रहता है, लेकिन एक सामान्य परिवार की महिला की लापरवाही से इलाज के दौरान मौत होने पर पहली बार इस प्रकार की कार्रवाई की गई है.