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हजारों आदिवासी किसान फसल बीमा से वंचित, कांग्रेस-राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

हरदा जिले के आदिवासी क्षेत्र के किसान आज कलेक्ट्रेट पहुंचे. आदिवासियों ने फसल बीमा की तारीख बढ़ाए जाने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से जुड़े कुछ लोगों के बीच जमकर तू-तू मैं-मैं हुई. पढ़िए पूरी खबर..

tribal farmers deprived of crop insurance
हजारों आदिवासी किसान फसल बीमा से वंचित
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Published : Sep 8, 2020, 11:31 PM IST

हरदा। हरदा जिले के आदिवासियों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर फसल बीमा से वंचित रहने के चलते फसल बीमा की तारीख बढ़ाए जाने की मांग की है. कांग्रेसी नेता अभिजीत शाह के नेतृत्व में किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन भी दिया है.

किसानों का कहना है कि शासन के द्वारा उन्हें अपनी फसल का बीमा कराने के लिए केवल 7 सितंबर का 1 दिन ही दिया गया था. जिसके चलते हरदा जिले के 43 वन ग्रामों में रहने वाले करीब 5 हजार से अधिक आदिवासी किसान फसल बीमा कराने से वंचित रह गए हैं.

कांग्रेस का आरोप है कि राजस्व ग्रामों के लिए तो सरकार ने समय दिया, लेकिन वनग्राम में रहने वाले आदिवासी लोगों के लिए केवल 1 दिन का समय दिया गया. जिसके चलते हजारों किसान बीमा कराने से छूट गए हैं. कांग्रेस की मांग है कि वनग्राम में रहने वाले सैकड़ों आदिवासी ऐसे हैं, जिनके खातों में फसल बीमा कराए जाने को लेकर पर्याप्त राशि नहीं है. ऐसे में सरकार इन लोगों के लिए अलग मद से उनके खातों में फसल बीमा की राशि जमा कराए.

कलेक्ट्रेट में जब कांग्रेसी एसडीएम को फसल बीमा की तारीख बढ़ाई जाने के साथ जल्द सर्वे शुरू करने की मांग कर रहे थे. तभी वहां राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से जुड़े कुछ लोगों के द्वारा कांग्रेसियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता उनके द्वारा बनाई गई रोटी को सेकने का काम कर रहे हैं. जिलाध्यक्ष अंकित भाटी का कहना था कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही किसानों के साथ धोखा कर रही हैं.

बदहाल सड़क से परेशान ग्रामीण

वन ग्राम दीदम्दा में रहने वाले सैकड़ों आदिवासी भी अपने गांव में पक्की सड़क नहीं बनने को लेकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन देने आए थे. टिमरनी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोर पानी से राता माटी तक सड़क की हालत खराब होने की चलते यहां रहने वाले लोगों को आने जाने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है. जिसको लेकर यहां रहने वाले 4 गांव के लोगों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर सड़क बनाए जाने की मांग की है.

जनपद सदस्य पति गंगाराम कलम का कहना है कि रोड की हालत इतनी खराब है कि जननी एक्सप्रेस को अस्पताल आने के दौरान 16 किलोमीटर के मार्ग में 2 से 3 घंटे लगते हैं, जिससे कि जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा रहता है.

हरदा। हरदा जिले के आदिवासियों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर फसल बीमा से वंचित रहने के चलते फसल बीमा की तारीख बढ़ाए जाने की मांग की है. कांग्रेसी नेता अभिजीत शाह के नेतृत्व में किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन भी दिया है.

किसानों का कहना है कि शासन के द्वारा उन्हें अपनी फसल का बीमा कराने के लिए केवल 7 सितंबर का 1 दिन ही दिया गया था. जिसके चलते हरदा जिले के 43 वन ग्रामों में रहने वाले करीब 5 हजार से अधिक आदिवासी किसान फसल बीमा कराने से वंचित रह गए हैं.

कांग्रेस का आरोप है कि राजस्व ग्रामों के लिए तो सरकार ने समय दिया, लेकिन वनग्राम में रहने वाले आदिवासी लोगों के लिए केवल 1 दिन का समय दिया गया. जिसके चलते हजारों किसान बीमा कराने से छूट गए हैं. कांग्रेस की मांग है कि वनग्राम में रहने वाले सैकड़ों आदिवासी ऐसे हैं, जिनके खातों में फसल बीमा कराए जाने को लेकर पर्याप्त राशि नहीं है. ऐसे में सरकार इन लोगों के लिए अलग मद से उनके खातों में फसल बीमा की राशि जमा कराए.

कलेक्ट्रेट में जब कांग्रेसी एसडीएम को फसल बीमा की तारीख बढ़ाई जाने के साथ जल्द सर्वे शुरू करने की मांग कर रहे थे. तभी वहां राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से जुड़े कुछ लोगों के द्वारा कांग्रेसियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता उनके द्वारा बनाई गई रोटी को सेकने का काम कर रहे हैं. जिलाध्यक्ष अंकित भाटी का कहना था कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही किसानों के साथ धोखा कर रही हैं.

बदहाल सड़क से परेशान ग्रामीण

वन ग्राम दीदम्दा में रहने वाले सैकड़ों आदिवासी भी अपने गांव में पक्की सड़क नहीं बनने को लेकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन देने आए थे. टिमरनी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोर पानी से राता माटी तक सड़क की हालत खराब होने की चलते यहां रहने वाले लोगों को आने जाने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है. जिसको लेकर यहां रहने वाले 4 गांव के लोगों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर सड़क बनाए जाने की मांग की है.

जनपद सदस्य पति गंगाराम कलम का कहना है कि रोड की हालत इतनी खराब है कि जननी एक्सप्रेस को अस्पताल आने के दौरान 16 किलोमीटर के मार्ग में 2 से 3 घंटे लगते हैं, जिससे कि जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा रहता है.

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