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27 जुलाई से जारी भारतीय किसान संघ के धरने को मिला पूर्व विधायक डॉ. दोगने का समर्थन - कृषि मंत्री कमल पटेल

हरदा में भारतीय किसान संघ पिछले 12 दिनों से किसानों की मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं, अब तक ना तो सरकार की ओर से ना ही प्रशासन की ओर से कोई इनसे मिलने आया है. किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जल्द ही किसानों की मूंग को समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए.

Strike of Indian Farmers Union
भारतीय किसान संघ का धरना
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Published : Aug 7, 2020, 7:14 PM IST

Updated : Aug 7, 2020, 7:37 PM IST

हरदा। कृषि उपज मंडी समिति परिसर में बने कृषक विश्राम गृह के सामने भारतीय किसान संघ पिछले 12 दिनों से किसानों की मांगों को लेकर अनिश्चतकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. प्रदेश सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था. भारतीय किसान संघ का कहना है कि प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदेश में समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी शुरू किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार ने समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी शुरू नहीं की गई.

भारतीय किसान संघ का धरना

किसानों को प्रति क्विंटल तीन हजार का नुकसान हुआ है. किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कृषि मंत्री से भोपाल जाकर मुलाकात की है. समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद शुरू करने की मांग की गई है. धरने के 12 दिन पहले कांग्रेसी विधायक डॉक्टर आरके दोगने ने धरना स्थल पहुंचकर भारतीय किसान संघ को अपना समर्थन देते हुए शिवराज सरकार को किसान विरोधी बताया था. किसान संघ के सदस्य हरिओम गौर का कहना है कि जिले के किसानों ने ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में अच्छी पैदावार की है.

कृषि मंत्री ने मूंग को समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा की थी, जो अब तक शुरु नहीं हुई है. पूर्व विधायक डॉक्टर आरके दोगने का कहना है कि भारतीय किसान संघ बीजेपी का अनुषंगिक संगठन माना जाता है. वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री जिले के विधायक है. अब तक इन किसानों से मिलने सरकार और प्रशासन की ओर से कोई भी धरना स्थल पर नहीं आया है. फिलहाल देखना होगा कि आगे कब तक इस तरह के हालात बने रहते हैं.

हरदा। कृषि उपज मंडी समिति परिसर में बने कृषक विश्राम गृह के सामने भारतीय किसान संघ पिछले 12 दिनों से किसानों की मांगों को लेकर अनिश्चतकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. प्रदेश सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था. भारतीय किसान संघ का कहना है कि प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदेश में समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी शुरू किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार ने समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी शुरू नहीं की गई.

भारतीय किसान संघ का धरना

किसानों को प्रति क्विंटल तीन हजार का नुकसान हुआ है. किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कृषि मंत्री से भोपाल जाकर मुलाकात की है. समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद शुरू करने की मांग की गई है. धरने के 12 दिन पहले कांग्रेसी विधायक डॉक्टर आरके दोगने ने धरना स्थल पहुंचकर भारतीय किसान संघ को अपना समर्थन देते हुए शिवराज सरकार को किसान विरोधी बताया था. किसान संघ के सदस्य हरिओम गौर का कहना है कि जिले के किसानों ने ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में अच्छी पैदावार की है.

कृषि मंत्री ने मूंग को समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा की थी, जो अब तक शुरु नहीं हुई है. पूर्व विधायक डॉक्टर आरके दोगने का कहना है कि भारतीय किसान संघ बीजेपी का अनुषंगिक संगठन माना जाता है. वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री जिले के विधायक है. अब तक इन किसानों से मिलने सरकार और प्रशासन की ओर से कोई भी धरना स्थल पर नहीं आया है. फिलहाल देखना होगा कि आगे कब तक इस तरह के हालात बने रहते हैं.

Last Updated : Aug 7, 2020, 7:37 PM IST
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