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तेज बारिश के बाद निकली धूप से फसलें बर्बाद, कृषि वैज्ञानिकों ने किया गांवों का दौरा

जोरदार बारिश से किसानों की लाखों हेक्टेयर की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है. सोयाबीन की फसल के पत्ते मुरझाकर गिरने लगे हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान होने लगा है. कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों ने गांवों में जाकर फसलों का जायजा लिया और बताया किसानों को फसल बचाने के लिए सुझाव दिए हैं. पढ़िए पूरी खबर...

Rain damage
बारिश से नुकसान
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Published : Aug 27, 2020, 7:17 PM IST

हरदा। तेज बारिश से किसानों की सोयाबीन की फसल खराब हो गई है. तेज बारिश के बाद धूप निकलने के साथ ही खेतों में खड़ी फसल भी मुरझाने लगी है, जिससे किसानों के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. किसानों को सोयाबीन की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद थी, लेकिन तेज बारिश के बाद बीच में 2 दिन निकली धूप से खड़ी फसल के पत्ते मुरझा गए और अब तीखी धूप होने से फसल के पत्ते सूखकर गिरने लगे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है.

आज जिले के कुकरा गांव में एक किसान के खेत में खराब हुई फसल को गांव के सभी लोगों ने मिलकर उखाड़ फेंका. किसानों का कहना है कि उन्हें इस फसल से लागत भी नहीं मिल पाएगी, जिसके चलते उन्होंने खराब हुई फसल को उखाड़ना शुरू कर दिया है. खेतों में लगी सोयाबीन की फसल के पत्ते मुरझाने के साथ-साथ उसके तने में भी रोग लग गया है, जिसके चलते खड़ी फसल मुरझा गई है.

जिले में सोयाबीन की फसल के खराब होने की जानकारी लगने के बाद कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों ने गांव में जाकर फसलों का जायजा लिया है.

कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि किसानों ने चलन से बाहर हुई किस्म के सोयाबीन का बीज बोया है, जिससे इस बार ज्यादा नुकसान हुआ है. किसानों को इस दौरान बचाव के लिए किए जाने वाले उपाय भी बताए जा रहे हैं.

इस बार हरदा जिले में सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक, तना छेदक, एरियल वाइट, रात रूट जैसी बीमारी लग गई है, जिससे कि फसल पूरी तरह से नष्ट होती नजर आ रही है.

कुकरावद के किसान आनंद का कहना है कि उसने दो बार सोयाबीन की बोवनी की थी, जिससे कि उसे अच्छी फसल की उम्मीद थी, लेकिन बीमारी लगने से उसके खेत में लगी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है.

राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत टाले और प्रदेश महासचिव मोहन विश्नोई ने किसानों के साथ खेतों का जायजा किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से किसानों के इस संकट में उन्हें तत्काल मदद दिए जाने की भी मांग की है.

हरदा। तेज बारिश से किसानों की सोयाबीन की फसल खराब हो गई है. तेज बारिश के बाद धूप निकलने के साथ ही खेतों में खड़ी फसल भी मुरझाने लगी है, जिससे किसानों के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. किसानों को सोयाबीन की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद थी, लेकिन तेज बारिश के बाद बीच में 2 दिन निकली धूप से खड़ी फसल के पत्ते मुरझा गए और अब तीखी धूप होने से फसल के पत्ते सूखकर गिरने लगे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है.

आज जिले के कुकरा गांव में एक किसान के खेत में खराब हुई फसल को गांव के सभी लोगों ने मिलकर उखाड़ फेंका. किसानों का कहना है कि उन्हें इस फसल से लागत भी नहीं मिल पाएगी, जिसके चलते उन्होंने खराब हुई फसल को उखाड़ना शुरू कर दिया है. खेतों में लगी सोयाबीन की फसल के पत्ते मुरझाने के साथ-साथ उसके तने में भी रोग लग गया है, जिसके चलते खड़ी फसल मुरझा गई है.

जिले में सोयाबीन की फसल के खराब होने की जानकारी लगने के बाद कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों ने गांव में जाकर फसलों का जायजा लिया है.

कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि किसानों ने चलन से बाहर हुई किस्म के सोयाबीन का बीज बोया है, जिससे इस बार ज्यादा नुकसान हुआ है. किसानों को इस दौरान बचाव के लिए किए जाने वाले उपाय भी बताए जा रहे हैं.

इस बार हरदा जिले में सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक, तना छेदक, एरियल वाइट, रात रूट जैसी बीमारी लग गई है, जिससे कि फसल पूरी तरह से नष्ट होती नजर आ रही है.

कुकरावद के किसान आनंद का कहना है कि उसने दो बार सोयाबीन की बोवनी की थी, जिससे कि उसे अच्छी फसल की उम्मीद थी, लेकिन बीमारी लगने से उसके खेत में लगी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है.

राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत टाले और प्रदेश महासचिव मोहन विश्नोई ने किसानों के साथ खेतों का जायजा किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से किसानों के इस संकट में उन्हें तत्काल मदद दिए जाने की भी मांग की है.

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