हरदा। प्रदेश सरकार ने मध्यप्रदेश में किसानों से सरसों, चना और मूंग की खरीदी 15 मार्च से शुरू करने का फैसला लिया था. आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के चलते सरकार द्वारा 22 मार्च से खरीदी शुरू करने का प्लान तैयार किया था, लेकिन फिर से मौसम के बदलने से सरकार को डेट आगे बढ़ानी पड़ी थी. कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा की प्रदेश में अब चना मसूर और सरसों की फसल की खरीदी समर्थन मूल्य पर 27 मार्च से शुरू की जा रही है. उन्होंने बताया कि बीते साल प्रदेश में इन फसलों के लिए 904 खरीदी केंद्र बनाए गए थे, जो इस बार बढ़ाकर 1085 कर दिए गए हैं.
किसानों को मिलने जा रहा 1600 करोड़ ज्यादा
हरदा कृषि विभाग के कार्यालय में बने नवीन भवन का लोकार्पण करने पहुंचे मंत्री पटेल कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों की सरकार है. सरकार द्वारा किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, इस साल गेहूं से पहले चना मसूर और सरसों की फसल की खेती शुरू करने का का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि गेहूं से पहले चना ,मसूर, सरसो की फसल पक कर तैयार हो जाती है, लेकिन पूर्व की सरकारों द्वारा इनकी खरीदी बाद में शुरू की जाती है. जिसके चलते प्रदेश के 86% सीमांत व लघु किसान अपनी फसल को औने पौने दामों पर बेच देते हैं, लेकिन सरकार के इस निर्णय से अब प्रदेश की छोटे किसानों को 1600 करोड़ ज्यादा मिलने जा रहा है.
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स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को किया गया लागू
मंत्री पटेल ने कहा कि खरीदी केंद्र पर किसानों को मिलने वाली सुविधा का ख्याल जा रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया गया है. जिससे कि फसलों का दाम बढ़ा है, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा इस रिपोर्ट को 9 साल तक दबाकर रखा था. मंत्री पटेल ने कहा कि इस वर्ष सबसे पहले सरकारी वेयर हाउस पर उसके बाद निजी वेयर हाउस पर खरीदी की जा रही है. वहीं 25 किलोमीटर के दायरे में किसान को खरीदी केंद्र की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि वह अपने नजदीक के खरीदी केंद्र पर जाकर अपनी उपज बेच सकें.