हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा जिले का अन्नदाता केवल फसल के उत्पादन में ही अग्रणी नहीं है. बल्कि ग्रेन आर्ट में भी आगे हैं. युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद का युवाओं को दिया संदेश भी हरदा जिले के युवा कलाकारों के द्वारा चरितार्थ करके दिखाया गया है. उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए. यह मूल मंत्र स्वामी विवेकानंद भारतीय युवाओं को दिया था. उन्हीं के लिए इस मंत्र को हरदा के एक छोटे से गांव में रहने वाले किसान के बेटे ने अपनी टीम के साथ आत्मसात करते हुए 3 दिन की कड़ी मेहनत से स्वामी विवेकानंद के चित्र को ग्रेन आर्ट के माध्यम से तैयार किया है. जिसे अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड यूके में सम्मिलित किया जा रहा है. हरदा डिग्री कॉलेज के मैदान पर युवाओं ने 8000 स्क्वायर फीट में 55 क्विंटल अनाज के माध्यम से स्वामी विवेकानंद के चित्र को तैयार किया है.
स्वामी विवेकानंद को समर्पित
हरदा जिले के ग्राम कुकरावद में रहने वाले एक साधारण से किसान के बेटे सतीश गुर्जर ने हरदा जिले के 60 युवाओं के साथ मिलकर स्वामी विवेकानंद के चित्र को तैयार किया है. आर्टिस्ट सतीश गुर्जर ने काली तिल, सोयाबीन, चना, उड़द, मसूर की दाल, मक्का एवं चावल के द्वारा स्वामी विवेकानंद की 151वीं जयंती के अवसर पर हरदा के युवाओं की ओर से स्वामी विवेकानंद को यह कलाकृति समर्पित की है.
महान व्यक्तियों के बना चुके हैं पोर्ट्रेट
इसके पूर्व भी ग्रेन आर्टिस्ट सतीश गुर्जर के द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के पोर्टेड बना चुके हैं. उनके द्वारा इंदौर में रहने के दौरान जींस से इंदौर की पहचान राजवाड़ा की कलाकृति बनाई थी. पूर्वकाल के दौरान भी सतीश गुर्जर ने पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा किसानों के और आम लोगों के लिए की गई व्यवस्थाओं को लेकर अपनी कलाकृति के माध्यम से उनका आभार व्यक्त किया था.
अनाज से बनी कलाकृति
आर्टिस्ट सतीश का मानना है कि वह खुद एक किसान का बेटा है. आज किसान की कड़ी मेहनत से तैयार किया अनाज के माध्यम से वाह अपनी कलाकृति बनाकर हरदा जिले का नाम पूरे देश में रोशन करना चाहता है. वहीं सतीश गुर्जर टीम की सदस्य ऐश्वर्या चाचरे का कहना है कि उनके द्वारा बनाई गई है कलाकृति विश्व की सबसे बड़ी अनाज से बनी कलाकृति है, जो युवाओं को स्वामी विवेकानंद के संदेश देने के लिए बनाई गई है.
टीम को प्रोविजनल सर्टिफिकेट
हरदा डिग्री कॉलेज के परिसर में बनी कलाकृति को देखने आए शीलू बंसल का कहना है कि उनके द्वारा विभिन्न तरह की कलाकृतियां अपने जीवन में देखिए लेकिन हरदा जैसे एक छोटे से शहर के युवाओं के द्वारा अनाज के माध्यम से बनाई गई है. कलाकृति अद्भुत है जिसे देखकर भाव विभोर हो गई हैं. वहीं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड यूके के सेक्रेटरी संजय पंजवानी का कहना है कि सतीश गुर्जर और उनकी टीम के द्वारा 8000 स्क्वायर फीट में 55 क्विंटल अनाज से तैयार की गई है. हमारे द्वारा सतीश गुर्जर और उनकी टीम को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में आने के लिए प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है.