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ऑनलाइन पढ़ाई बन रही मुसीबत, पालकों को सता रही बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता

लॉकडाउन में स्कूल शिक्षा विभाग ने छात्रों का कोर्स पूरा कराने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध करवाई है, लेकिन अब यही सुविधा छात्रों-अभिभावकों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है.

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ऑनलाइन पढ़ाई
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Published : Jun 18, 2020, 4:22 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 4:41 PM IST

हरदा। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन में स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों को शिक्षा से जुड़े रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने की व्यवस्था की है, लेकिन अब ये व्यवस्था पालकों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. पहले बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए पालकों से कहा जाता था. अब पढ़ाई और कोर्स पूरा करने के लिए बच्चों के हाथ में पूरा दिन एंड्रायड मोबाइल रहने से उनकी आंखों की रोशनी कम हो रही है, साथ ही मोबाइल के दुरुपयोग की चिंता भी अभिभावकों को सताने लगी है.

लॉकडाउन खुलने के बाद अब अभिभावकों को अपने दैनिक कार्यों से बाहर जाना पड़ रहा है, ऐसे में कई छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन क्लास से दूर रहना पड़ रहा है. लॉकडाउन खुलने के बाद अभिभावक अपने साथ मोबाइल ले जाते हैं. जिसके चलते कई छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह जा रहे हैं, जबकि बच्चों के लगातार मोबाइल के सामने रहने से उनकी आंखों का पानी सूखने लगा है, साथ ही आंखों में जलन, थकान, सिर दर्द और दृष्टि दोष की संभावना बढ़ने लगी है.

पालकों को अब अपने बच्चों को पढ़ाई करने के दौरान पूरे दिन निगरानी भी रखनी पड़ रही है. उधर शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पालकों ने सरकार की इस व्यवस्था को समझने का प्रयास किया है. सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक डॉ. आर एस तिवारी ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के निर्देश पर पहली से 8वीं तक के सभी बच्चों और 9वीं से 12वीं तक के सभी छात्र छात्राओं को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षण कार्य कराया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कई पैरेंट्स अब अपने काम-धंधे के दौरान मोबाइल अपने साथ ले जाते हैं. इस दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, लेकिन उनके पालकों से घर आने के दौरान अपने बच्चों को ऑनलाइन क्लास के साथ पढ़ाई करने की अपील की है.

हरदा। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन में स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों को शिक्षा से जुड़े रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने की व्यवस्था की है, लेकिन अब ये व्यवस्था पालकों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. पहले बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए पालकों से कहा जाता था. अब पढ़ाई और कोर्स पूरा करने के लिए बच्चों के हाथ में पूरा दिन एंड्रायड मोबाइल रहने से उनकी आंखों की रोशनी कम हो रही है, साथ ही मोबाइल के दुरुपयोग की चिंता भी अभिभावकों को सताने लगी है.

लॉकडाउन खुलने के बाद अब अभिभावकों को अपने दैनिक कार्यों से बाहर जाना पड़ रहा है, ऐसे में कई छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन क्लास से दूर रहना पड़ रहा है. लॉकडाउन खुलने के बाद अभिभावक अपने साथ मोबाइल ले जाते हैं. जिसके चलते कई छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह जा रहे हैं, जबकि बच्चों के लगातार मोबाइल के सामने रहने से उनकी आंखों का पानी सूखने लगा है, साथ ही आंखों में जलन, थकान, सिर दर्द और दृष्टि दोष की संभावना बढ़ने लगी है.

पालकों को अब अपने बच्चों को पढ़ाई करने के दौरान पूरे दिन निगरानी भी रखनी पड़ रही है. उधर शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पालकों ने सरकार की इस व्यवस्था को समझने का प्रयास किया है. सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक डॉ. आर एस तिवारी ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के निर्देश पर पहली से 8वीं तक के सभी बच्चों और 9वीं से 12वीं तक के सभी छात्र छात्राओं को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षण कार्य कराया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कई पैरेंट्स अब अपने काम-धंधे के दौरान मोबाइल अपने साथ ले जाते हैं. इस दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, लेकिन उनके पालकों से घर आने के दौरान अपने बच्चों को ऑनलाइन क्लास के साथ पढ़ाई करने की अपील की है.

Last Updated : Jun 18, 2020, 4:41 PM IST
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