ETV Bharat / state

मदर्स डे स्पेशल: 71 की उम्र में भी नहीं थमे हरदा की मम्मी के कदम, मां की तरह रखती हैं सबका ख्याल

मदर्स डे पर ETV भारत पर पढ़िए हरदा की मम्मी की कहानी, जो एक समाज सेवी हैं और लॉकडाउन के दौरान भी उनका ये कारवां नहीं थमा है. एक ओर जहां वो पुलिसकर्मियों और हॉस्पिटल्स में खुद मास्क बनाकर बांट रही हैं. वहीं दूसरी तरफ मजदूरों को भोजन और चप्पल भी मुहैया करा रही हैं.

mothers-day-special
मदर्स डे स्पेशल
author img

By

Published : May 10, 2020, 7:00 PM IST

Updated : May 10, 2020, 7:41 PM IST

हरदा। जिले के सरकारी अस्पताल में किसी नवजात शिशु को कपड़े की जरूरत हो या किसी गर्भवती महिला को पौष्टिक आहार की. तपती गर्मी में ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों के सूखे गले की प्यास बुझाने की बात हो या शहर में किसी लावारिस लाश के अंतिम संस्कार की. असहाय बुजुर्गों की आंखों की रोशनी के लिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना हो या किसी गरीब को राशन मुहैया, इन सबके लिए पूरे हरदा जिले में हमेशा तत्पर रहती हैं 'हरदा की मम्मी'. 71 साल की हरदा की मम्मी का ये कारवां लॉकडाउन के दौरान भी जारी है.

हरदा की मम्मी

ये भी पढ़ें- मां तुझे सलाम ! भीख मांगकर संवारा बेटी का भविष्य

हरदा की मम्मी के नाम से अपनी पहचान बना चुकी 71 साल की ऊषा गोयल का समाजसेवा का कारवां लगातार जारी है. वे कोरोना से जारी जंग में भी अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. कोरोना काल में पुलिसकर्मियों और हॉस्पिटल्स में मास्क उपल्बध कराना हो या भूखे आ रहे मजदूरों को खाना मुहैया कराना. लॉकडाउन के दौरान पैदल अपना सफर तय कर रहे मजदूरों को चप्पल देने का काम हो या उनके आगे के सफर के लिए बिस्किट देना, ये सब काम समाज सेवी ऊषा कर रही हैं.

social-worker-usha-goyal
मजदूरों को भोजन मुहैया कराती ऊषा

ये भी पढ़ें- मदर्स डे: एक महिला ऐसी भी, पूरा जीवन और कमाई बेजुबानों पर समर्पित
हरदा की पहचान बन चुकी समाजसेवी ऊषा गोयल रोजाना अपने घर पर कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए अपने हाथों से मास्क बनाकर बांट रही हैं. साथ ही साथ भूखे-प्यासे पलायन कर रहे मजदूरों को भोजन मुहैया करा रही हैं. इसके साथ ही पैदल आ रहे उन मजदूरों को चप्पल भी मुहैया करा रही हैं. बता दें, अब तक ऊषा दस हजार मास्क बांट चुकी हैं. इसके अलावा ग्रामीणों से मही लेकर इकट्ठा कर रही हैं, जिसका वे ठंडा छाछ बनाकर गर्मी में सफर कर रहे मजबूर लोगों को पिलाती हैं, जिससे उन्हें इस तपती गर्मी में राहत मिल सके.

social-worker-usha-goyal
लोगों के लिए मास्क बनाती ऊषा

ये भी पढ़ें- मदर्स डे: बच्चे को हुआ कोरोना तो मां भी 14 दिन रहीं अस्पताल में, स्वस्थ करा कर ही लौटीं, आज CM करेंगे चर्चा

समाजसेवी ऊषा गोयल कहती हैं कि सबको इस महामारी के दौर में आगे आकर जितना हो सके उतना लोगों की मदद करनी चाहिए. बता दें, जिले में जब भी किसी शख्स को किसी भी चीज या मदद की जरुरत होती है, तब वे हरदा को मम्मी को फोन लगाते हैं, जिसके बाद वो तुरंत मदद के लिए आगे आती हैं और हर संभव मदद करती हैं. ETV भारत उनके इस जुनून और दरियादिली को सलाम करता हैं.

हरदा। जिले के सरकारी अस्पताल में किसी नवजात शिशु को कपड़े की जरूरत हो या किसी गर्भवती महिला को पौष्टिक आहार की. तपती गर्मी में ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों के सूखे गले की प्यास बुझाने की बात हो या शहर में किसी लावारिस लाश के अंतिम संस्कार की. असहाय बुजुर्गों की आंखों की रोशनी के लिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना हो या किसी गरीब को राशन मुहैया, इन सबके लिए पूरे हरदा जिले में हमेशा तत्पर रहती हैं 'हरदा की मम्मी'. 71 साल की हरदा की मम्मी का ये कारवां लॉकडाउन के दौरान भी जारी है.

हरदा की मम्मी

ये भी पढ़ें- मां तुझे सलाम ! भीख मांगकर संवारा बेटी का भविष्य

हरदा की मम्मी के नाम से अपनी पहचान बना चुकी 71 साल की ऊषा गोयल का समाजसेवा का कारवां लगातार जारी है. वे कोरोना से जारी जंग में भी अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. कोरोना काल में पुलिसकर्मियों और हॉस्पिटल्स में मास्क उपल्बध कराना हो या भूखे आ रहे मजदूरों को खाना मुहैया कराना. लॉकडाउन के दौरान पैदल अपना सफर तय कर रहे मजदूरों को चप्पल देने का काम हो या उनके आगे के सफर के लिए बिस्किट देना, ये सब काम समाज सेवी ऊषा कर रही हैं.

social-worker-usha-goyal
मजदूरों को भोजन मुहैया कराती ऊषा

ये भी पढ़ें- मदर्स डे: एक महिला ऐसी भी, पूरा जीवन और कमाई बेजुबानों पर समर्पित
हरदा की पहचान बन चुकी समाजसेवी ऊषा गोयल रोजाना अपने घर पर कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए अपने हाथों से मास्क बनाकर बांट रही हैं. साथ ही साथ भूखे-प्यासे पलायन कर रहे मजदूरों को भोजन मुहैया करा रही हैं. इसके साथ ही पैदल आ रहे उन मजदूरों को चप्पल भी मुहैया करा रही हैं. बता दें, अब तक ऊषा दस हजार मास्क बांट चुकी हैं. इसके अलावा ग्रामीणों से मही लेकर इकट्ठा कर रही हैं, जिसका वे ठंडा छाछ बनाकर गर्मी में सफर कर रहे मजबूर लोगों को पिलाती हैं, जिससे उन्हें इस तपती गर्मी में राहत मिल सके.

social-worker-usha-goyal
लोगों के लिए मास्क बनाती ऊषा

ये भी पढ़ें- मदर्स डे: बच्चे को हुआ कोरोना तो मां भी 14 दिन रहीं अस्पताल में, स्वस्थ करा कर ही लौटीं, आज CM करेंगे चर्चा

समाजसेवी ऊषा गोयल कहती हैं कि सबको इस महामारी के दौर में आगे आकर जितना हो सके उतना लोगों की मदद करनी चाहिए. बता दें, जिले में जब भी किसी शख्स को किसी भी चीज या मदद की जरुरत होती है, तब वे हरदा को मम्मी को फोन लगाते हैं, जिसके बाद वो तुरंत मदद के लिए आगे आती हैं और हर संभव मदद करती हैं. ETV भारत उनके इस जुनून और दरियादिली को सलाम करता हैं.

Last Updated : May 10, 2020, 7:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.