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उपचुनाव से पहले फिर कर्जमाफी पर सियासत, कृषि मंत्री ने मांगा नेता प्रतिपक्ष पद से कमलनाथ का इस्तीफा

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Published : Sep 23, 2020, 3:16 PM IST

Updated : Sep 23, 2020, 3:23 PM IST

उपचुनाव से पहले गरमाई मध्यप्रदेश की सियासत में एक बार फिर किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर दोनोंं दल आमने-सामने हैं. हरदा के सर्किट हाउस में एक प्रेसवार्ता के दौरान कृषि मंत्री कमल पटेल ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफे की मांग भी की. पढ़िए पूरी खबर...

Agriculture Minister Kamal Patel
कृषि मंत्री कमल पटेल

हरदा। उपचुनाव से पहले मध्यप्रदेश में एक बार फिर किसान कर्जमाफी का मुद्दा गूंज रहा है. किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से माफी मांगने की मांग की थी, उन्होंने तर्क ये दिया था कि बीजेपी सरकार ने विधानसभा में किसान कर्जमाफी स्वीकारी है. कमलनाथ के इस बयान पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने पलटवार किया है.

कृषि मंत्री ने मांगा कमलनाथ का इस्तीफा

कमल पटेल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ लेने के साथ ही सबसे पहली फाइल पर साइन कर प्रदेश के सभी 48 लाख किसानों का दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने की बात कही थी, जिस पर प्रदेश के प्रमुख सचिव के भी साइन हैं, जिसका हमारे पास प्रमाण हैं.

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के भाजपा नेताओं के माफी मांगी जाने को लेकर दिए गए बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चोर खुद कोतवाल को डांटे. कांग्रेस ने किसानों के साथ धोखा किया है.

कमल पटेल ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों को गुमराह किया गया है. इसलिए पहले कमलनाथ खुद प्रदेश के किसानों से अपने इस प्रमाणित झूठ के लिए माफी मांगें और नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दें.

कृषि मंत्री कमल पटेल ने आरोप लगाया कि प्रदेश के किसानों को 1553 करोड़ रूपए का बीमा कमलनाथ की वजह से कम मिला है. उन्होंने कहा कि पीएम सम्मान निधि में मिलने वाली 6 हजार रूपए की राशि में अब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 हजार रूपए और जोड़ दिए हैं, जिससे किसानों को राहत मिलेगी. खासकर छोटे किसानों को खाद्य बीज खरीदने में इस राशि से मदद मिलेगी.

कमल पटेल ने कहा कि भाजपा की सरकार में जो कहा जाता है वो बात पूरी की जाती है. उन्होंने मांग की है कि प्रदेश के किसानों को बीमा राशि में मिलने वाली राशि या तो खुद कमलनाथ जमा कराएं या सोनिया गांधी से बोलकर किसानों के खातों में जमा कराएं.

हरदा। उपचुनाव से पहले मध्यप्रदेश में एक बार फिर किसान कर्जमाफी का मुद्दा गूंज रहा है. किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से माफी मांगने की मांग की थी, उन्होंने तर्क ये दिया था कि बीजेपी सरकार ने विधानसभा में किसान कर्जमाफी स्वीकारी है. कमलनाथ के इस बयान पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने पलटवार किया है.

कृषि मंत्री ने मांगा कमलनाथ का इस्तीफा

कमल पटेल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ लेने के साथ ही सबसे पहली फाइल पर साइन कर प्रदेश के सभी 48 लाख किसानों का दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने की बात कही थी, जिस पर प्रदेश के प्रमुख सचिव के भी साइन हैं, जिसका हमारे पास प्रमाण हैं.

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के भाजपा नेताओं के माफी मांगी जाने को लेकर दिए गए बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चोर खुद कोतवाल को डांटे. कांग्रेस ने किसानों के साथ धोखा किया है.

कमल पटेल ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों को गुमराह किया गया है. इसलिए पहले कमलनाथ खुद प्रदेश के किसानों से अपने इस प्रमाणित झूठ के लिए माफी मांगें और नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दें.

कृषि मंत्री कमल पटेल ने आरोप लगाया कि प्रदेश के किसानों को 1553 करोड़ रूपए का बीमा कमलनाथ की वजह से कम मिला है. उन्होंने कहा कि पीएम सम्मान निधि में मिलने वाली 6 हजार रूपए की राशि में अब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 हजार रूपए और जोड़ दिए हैं, जिससे किसानों को राहत मिलेगी. खासकर छोटे किसानों को खाद्य बीज खरीदने में इस राशि से मदद मिलेगी.

कमल पटेल ने कहा कि भाजपा की सरकार में जो कहा जाता है वो बात पूरी की जाती है. उन्होंने मांग की है कि प्रदेश के किसानों को बीमा राशि में मिलने वाली राशि या तो खुद कमलनाथ जमा कराएं या सोनिया गांधी से बोलकर किसानों के खातों में जमा कराएं.

Last Updated : Sep 23, 2020, 3:23 PM IST
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