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हरदाः गेहूं की फसल पर जड़ माहू रोग का प्रकोप - हरदा न्यूज

हरदा जिले में गेहूं की खेती करने वाले किसान इस समय परेशान हैं. फसल में जड़ माहू रोग लग रहा है. जिससे फसल को नुकसान हो रहा है.

wheat crops
गेहूं की फसल
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Published : Jan 23, 2021, 4:37 AM IST

हरदा। इन दिनों हरदा हरदा जिले के ग्रामीण इलाकों में गेहूं की फसल पर जड़माहू के रोग के प्रकोप आने से किसान परेशान हैं. बदलते मौसम के कारण गेहूं की फसल पर जन्मे इस रोग का प्रभाव कुछ क्षेत्रों में देखने को मिला है. कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों को उनके खेतो पर जाकर इस रोग से बचाव के उपाय बताए जा रहे है. हालांकि अभी हरदा जिले के सिराली के आस-पास कुछ गांवों में यह रोग देखने को मिला है.

जड़ माहू रोग का प्रकोप

इस रोग के चलते गेहूं की बालियां सूख रही हैं.यह रोग गेहूं के पौधे की जड़ में लगता है. रस चूस कर पौधे को निर्जीव कर देता है. जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है. हरदा जिले में किसानों ने करीब 132000 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं लगाया है.

डीडीए एमपीएस चंद्रावत का कहना है कि किसानों के द्वारा लगातार एक ही वैरायटी का बीज लगाया जा रहा है. इसलिए ये समस्याएं देखने को मिल रहीं हैं. एक निश्चित समय अवधि में फसल को बोलने में लगाई गई वैरायटी को किसानों के द्वारा परिवर्तित कर दिया जाना चाहिए. इस रोग के संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. कृषि वैज्ञानिक की टीम किसानों को इस रोग बचाव के उपाय बताएगी. हालांकि इस रोग प्रभाव क्षेत्र कुल रकवे का करीब एक या दो परसेंट ही है.

हरदा। इन दिनों हरदा हरदा जिले के ग्रामीण इलाकों में गेहूं की फसल पर जड़माहू के रोग के प्रकोप आने से किसान परेशान हैं. बदलते मौसम के कारण गेहूं की फसल पर जन्मे इस रोग का प्रभाव कुछ क्षेत्रों में देखने को मिला है. कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों को उनके खेतो पर जाकर इस रोग से बचाव के उपाय बताए जा रहे है. हालांकि अभी हरदा जिले के सिराली के आस-पास कुछ गांवों में यह रोग देखने को मिला है.

जड़ माहू रोग का प्रकोप

इस रोग के चलते गेहूं की बालियां सूख रही हैं.यह रोग गेहूं के पौधे की जड़ में लगता है. रस चूस कर पौधे को निर्जीव कर देता है. जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है. हरदा जिले में किसानों ने करीब 132000 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं लगाया है.

डीडीए एमपीएस चंद्रावत का कहना है कि किसानों के द्वारा लगातार एक ही वैरायटी का बीज लगाया जा रहा है. इसलिए ये समस्याएं देखने को मिल रहीं हैं. एक निश्चित समय अवधि में फसल को बोलने में लगाई गई वैरायटी को किसानों के द्वारा परिवर्तित कर दिया जाना चाहिए. इस रोग के संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. कृषि वैज्ञानिक की टीम किसानों को इस रोग बचाव के उपाय बताएगी. हालांकि इस रोग प्रभाव क्षेत्र कुल रकवे का करीब एक या दो परसेंट ही है.

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