हरदा| मध्यप्रदेश का हरदा जिला कृषि प्रधान जिला है,यहां के अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर हैं,बीते कई दिनों से बारिश नहीं होने की वजह से किसानों पर संकट के बादल मंडरा रहे है. किसानों ने खेतों में सोयाबीन की फसल लगाई है, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण किसान के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ रही हैं. इसलिए ग्रामीण अंचलों में रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए तरह तरह के जतन किए जा रहे हैं.
मध्यप्रदेश के हरदा जिले के गांवों में लोग रूठे इंद्रदेव को मनाने के प्रयास में अलग अलग तरीके से जतन कर रहे हैं. हालांकि गत दिवस इंद्रदेव ने कुछ देर बारिश कर खेतों में लगी सोयाबीन की फसल को जीवनदान प्रदान कर दिया है. लेकिन जलस्तर में कमी और पिछले साल की तुलना में अब तक हुई कम बारिश के चलते सभी लोगों के चहेरे पर चिंता और हैरानी है. अब गांव में रूठे मानसून की बेरुखी के लिए लोगों ने भगवान की शरण ली है. हरदा में राजपूत समाज की महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर राम कथा का आयोजन किया है.
राजपूत समाज महिला मंडल की सदस्य ने बताया कि पीला रंग भगवान को प्रिय होता है, जिसके चलते आज महिलाओं ने पीला वस्त्र पहनकर इंद्रदेव को मनाने के लिए चौबीस घंटे तक खड़े रहकर भगवत गीत का पाठ किये जा रहे हैं. महिलाओं के द्वारा भजनों के माध्यम से इंद्रदेव को मनाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है.