ETV Bharat / state

कलेक्ट्रेट में मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक, FPO के निर्माण पर हुई चर्चा

हरदा कलेक्टर की अध्यक्षता में शुक्रवार को कृषक उत्पादन संगठनों की जिला स्‍तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक आयोजित की गई. जिसमें एफपीओ के निर्माण पर चर्चा की गई.

District level monitoring committee meeting held in Collectorate
कलेक्ट्रेट में जिला स्‍तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक
author img

By

Published : Jul 10, 2020, 4:54 PM IST

हरदा। कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में कृषक उत्पादन संगठनों की जिला स्‍तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के निर्माण और विकास पर चर्चा की गई. बैठक में बताया गया कि एफपीओ किसानों का समूह है, जो कि एक पंजीकृत संस्था है. यह इसलिये बनाई जाती है, ताकि कृषि और संबद्ध क्षेत्र में उत्पादन और मार्केटिंग में आर्थिक स्तर का सामुहिक लाभ लिया जा सके. एफपीओ का मुख्य उद्देश्य कृषकों को उत्पादकता बढ़ाने के लिए कुशल, लागत प्रभावी और स्थायी संसाधन के उपयोग को और बेहतर रिटर्न के लिये तरलता और बाजार से लिंकेज करना है.

कम दाम में मिले खाद और बीज

बैठक में बताया गया कि एफपीओ के सदस्यों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक जैसे गुणवत्तापूर्ण आदानों की आपूर्ति कम थोक दरों पर उपलब्ध कराना, उत्पादन और उत्पादन के बाद मशीनरी (टिलर, स्प्रिंकलर सेट, कम्बाईन हार्वेस्टर) आदि सदस्यों को किराये पर उपलब्ध कराना, जिससे प्रति ईकाई लागत कम हो, मूल्य संवर्धन सुविधा, उच्च आय वाली गतिविधियां जैसे बीज उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन आदि शामिल हैं.

10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन का लक्ष्य

आरंभिक रूप से देशभर में दस हजार नए कृषक उत्पादक संगठन आने वाले पांच वर्ष में बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस योजना में कृषक उत्पादक संगठन को वित्तीय सहायता अधिकतम रूपए 18 लाख प्रति कृषक उत्पादक संगठन होगी, जो कि प्रत्येक उत्पादक संगठन के निर्माण से 3 वर्ष की अवधि के लिए रहेगी. कृषक उत्पादक संगठनों को इस योजना में मैचिंग इक्विटी ग्रांट सपोर्ट का भी प्रावधान किया गया है, जो कि दो हजार प्रति किसान सदस्य होगी. वहीं अधिकतम 15 लाख रुपए प्रति किसान उत्पारदन संगठन रहेगी.

तीन-तीन एफपीओ बनाने का टारगेट

कलेक्टर वर्मा ने प्रत्येक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को तीन-तीन एफपीओ बनाने के लक्ष्य निर्धारित किए हैं. उन्होंने निर्देशित किया कि इसके लिए तीन सौ सक्रीय सदस्य लें, जिनको कृषि कार्य की समझ हो और इस कार्य में रूचि रखते हो. कलेक्टर वर्मा ने कहा, योजना के लिए लोगों को जागरूक करें, इसके लिए उन्हें योजना का लाभ बताएं. शासन आपको सीमित समय तक सहयोग कर सकता है, उसके बाद आपको स्वयं कार्य करना होगा. बैठक में कमोडिटी वाईज एफपीओ के निर्माण और अप्रवासी श्रमिकों के विकास पर चर्चा की गई.

ये रहे मौजूद

बैठक में जिला पंचायत सीईओ दिलीप कुमार यादव, उप संचालक कृषि एम.पी.एस. चन्द्रावत, नाबार्ड के जिला प्रबंधक खालिद अंसारी, एफपीओ के प्रतिनिधि और कृषि से संबद्ध विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे.

हरदा। कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में कृषक उत्पादन संगठनों की जिला स्‍तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के निर्माण और विकास पर चर्चा की गई. बैठक में बताया गया कि एफपीओ किसानों का समूह है, जो कि एक पंजीकृत संस्था है. यह इसलिये बनाई जाती है, ताकि कृषि और संबद्ध क्षेत्र में उत्पादन और मार्केटिंग में आर्थिक स्तर का सामुहिक लाभ लिया जा सके. एफपीओ का मुख्य उद्देश्य कृषकों को उत्पादकता बढ़ाने के लिए कुशल, लागत प्रभावी और स्थायी संसाधन के उपयोग को और बेहतर रिटर्न के लिये तरलता और बाजार से लिंकेज करना है.

कम दाम में मिले खाद और बीज

बैठक में बताया गया कि एफपीओ के सदस्यों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक जैसे गुणवत्तापूर्ण आदानों की आपूर्ति कम थोक दरों पर उपलब्ध कराना, उत्पादन और उत्पादन के बाद मशीनरी (टिलर, स्प्रिंकलर सेट, कम्बाईन हार्वेस्टर) आदि सदस्यों को किराये पर उपलब्ध कराना, जिससे प्रति ईकाई लागत कम हो, मूल्य संवर्धन सुविधा, उच्च आय वाली गतिविधियां जैसे बीज उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन आदि शामिल हैं.

10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन का लक्ष्य

आरंभिक रूप से देशभर में दस हजार नए कृषक उत्पादक संगठन आने वाले पांच वर्ष में बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस योजना में कृषक उत्पादक संगठन को वित्तीय सहायता अधिकतम रूपए 18 लाख प्रति कृषक उत्पादक संगठन होगी, जो कि प्रत्येक उत्पादक संगठन के निर्माण से 3 वर्ष की अवधि के लिए रहेगी. कृषक उत्पादक संगठनों को इस योजना में मैचिंग इक्विटी ग्रांट सपोर्ट का भी प्रावधान किया गया है, जो कि दो हजार प्रति किसान सदस्य होगी. वहीं अधिकतम 15 लाख रुपए प्रति किसान उत्पारदन संगठन रहेगी.

तीन-तीन एफपीओ बनाने का टारगेट

कलेक्टर वर्मा ने प्रत्येक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को तीन-तीन एफपीओ बनाने के लक्ष्य निर्धारित किए हैं. उन्होंने निर्देशित किया कि इसके लिए तीन सौ सक्रीय सदस्य लें, जिनको कृषि कार्य की समझ हो और इस कार्य में रूचि रखते हो. कलेक्टर वर्मा ने कहा, योजना के लिए लोगों को जागरूक करें, इसके लिए उन्हें योजना का लाभ बताएं. शासन आपको सीमित समय तक सहयोग कर सकता है, उसके बाद आपको स्वयं कार्य करना होगा. बैठक में कमोडिटी वाईज एफपीओ के निर्माण और अप्रवासी श्रमिकों के विकास पर चर्चा की गई.

ये रहे मौजूद

बैठक में जिला पंचायत सीईओ दिलीप कुमार यादव, उप संचालक कृषि एम.पी.एस. चन्द्रावत, नाबार्ड के जिला प्रबंधक खालिद अंसारी, एफपीओ के प्रतिनिधि और कृषि से संबद्ध विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.