हरदा। बैतूल- हरदा संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने इस चुनाव में गायत्री परिवार से जुड़े और पेशे से टीचर रहे डीडी उइके को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं बीजेपी की टिकट से पिछले दो लोकसभा चुनाव में सासंद रहीं ज्योति धुर्वे के आदिवासी प्रमाण पत्र को फर्जी करार देते हुए प्रदेश सरकार की छानबीन समिति ने टिकट काट दिया है. दूसरी ओर कांग्रेस ने युवा चेहरे पर भरोसा जताते हुए एक युवा वकील रामू टेकाम पर भरोसा जताया है.
डीडी उइके ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि पूर्व सांसद ज्योति धुर्वे के आदिवासी होने के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के लिए बीजेपी नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारी (तत्कालीन एसडीएम) दोषी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने तो उनके आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को देखकर ही टिकट दिया था और जनता ने उन्हें प्रचंड बहुमत से जीत दिलाई थी. इस चुनाव में भी जनता बीजेपी के पक्ष में ही मतदान करेगी.
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जनता को गुमराह करके जीत हासिल की है, लेकिन अब जनता अपने किये पर पछता रही है. कांग्रेस के द्वारा जनता को गुमराह किए जाने से हमारी विधानसभा सीट कम हुई है. लेकिन फिर भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी इस सीट से भारी मतों से जीत हासिल करेगी. शिक्षक के पेशे से नेता बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे एक जनसेवक के रूप में काम करेंगे. भाजपा में पद या प्रतिष्ठा महत्वपूर्ण नही होती, यहां जो जिम्मेदारी मिलती है उसे हमारे द्वारा पूरा किया जाता है.
टिकट मिलने के बाद पहली बार बीजेपी कार्यकर्ताओं से मिलने आये डीडी उइके ने कार्यकर्ताओं से अपने-अपने बूथों पर बीजेपी के पक्ष में मतदान कराने की अपील की. वहीं अपनी जीत के बाद अपने संसदीय क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की सुविधा को सबसे पहले लाने की भी बात कही है. इस दौरान हरदा विधायक कमल पटेल, टिमरनी विधायक संजय शाह, बीजेपी जिलाध्यक्ष अमर सिंह पटेल, होशंगाबाद जिले के पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष संतोष पारिख, प्रह्लाद पटेल, राजदीप शर्मा राधेश्याम डूडी सहित अन्य बीजेपी पदाधिकारी मौजूद थे.