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जिस दुकान में दिन भर काटते थे बाल, अब उसी के सामने बेच रहे सुरक्षा का सामान - दिनेश श्रीवास

लॉकडाउन में जब सब कुछ ठप हो गया, तब सैलून संचालक के सामने परिवार चलाने की चुनौती खड़ी हो गई, उसके बाद उसने मास्क बेचने का फैसला लिया, जबकि उसकी पत्नी और बच्चे मास्क तैयार कर रहे हैं.

Salon operators selling masks in lockdown
लॉकडाउन में मास्क बेच रहा सैलून संचालक
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Published : May 19, 2020, 7:30 PM IST

Updated : May 19, 2020, 9:10 PM IST

हरदा। शहर के अन्नापुरा मोहल्ले में रहने वाले दिनेश श्रीवास कई सालों से सैलून चलाते रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनका कामकाज पूरी तरह से ठप है और परिवार के भरण पोषण में दिक्कत आने लगी, लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों में निराश न होकर दिनेश सैलून का विकल्प निकाल लिए और अपने सैलून के सामने ही मास्क बेचने लगे. उनके इस रोजगार में उनकी पत्नी और दोनों बेटे भी सहयोग कर परिवार की गाड़ी को खींच रहे हैं.

मास्क बेच रहा बार्बर

दिनेश श्रीवास को लॉकडाउन के दौरान परिवार के भरण पोषण के साथ-साथ दोनों बेटों की पढ़ाई और उनके अन्य खर्चों के साथ ही सैलून का किराया चुकाने की भी चिंता थी, जिसकी वजह से वे शहर की सूनी सड़कों पर तपती गर्मी के बीच सुबह से ही छाता लेकर मास्क बेचते हैं, उनकी पत्नी गीता श्रीवास ने ही उन्हें मास्क बेचने की सलाह दी थी, अब पूरा परिवार मिलकर मास्क बनाता है और दिनेश उन मास्क को शहर में बेचते हैं.

शहर की गली-मोहल्लों और बाजार में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए मास्क बेचकर 300 से 400 रुपए कमाकर अपना परिवार पाल रहे हैं. उनका कहना है कि जब लॉकडाउन लगा उस दौरान उन्हें काफी निराशा हो रही थी कि वह अब किस तरह अपने परिवार का खर्च चलाएंगे, लेकिन उनकी पत्नी ने उनका मनोबल बढ़ाते हुए मास्क बेचने की सलाह दी.

हरदा। शहर के अन्नापुरा मोहल्ले में रहने वाले दिनेश श्रीवास कई सालों से सैलून चलाते रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनका कामकाज पूरी तरह से ठप है और परिवार के भरण पोषण में दिक्कत आने लगी, लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों में निराश न होकर दिनेश सैलून का विकल्प निकाल लिए और अपने सैलून के सामने ही मास्क बेचने लगे. उनके इस रोजगार में उनकी पत्नी और दोनों बेटे भी सहयोग कर परिवार की गाड़ी को खींच रहे हैं.

मास्क बेच रहा बार्बर

दिनेश श्रीवास को लॉकडाउन के दौरान परिवार के भरण पोषण के साथ-साथ दोनों बेटों की पढ़ाई और उनके अन्य खर्चों के साथ ही सैलून का किराया चुकाने की भी चिंता थी, जिसकी वजह से वे शहर की सूनी सड़कों पर तपती गर्मी के बीच सुबह से ही छाता लेकर मास्क बेचते हैं, उनकी पत्नी गीता श्रीवास ने ही उन्हें मास्क बेचने की सलाह दी थी, अब पूरा परिवार मिलकर मास्क बनाता है और दिनेश उन मास्क को शहर में बेचते हैं.

शहर की गली-मोहल्लों और बाजार में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए मास्क बेचकर 300 से 400 रुपए कमाकर अपना परिवार पाल रहे हैं. उनका कहना है कि जब लॉकडाउन लगा उस दौरान उन्हें काफी निराशा हो रही थी कि वह अब किस तरह अपने परिवार का खर्च चलाएंगे, लेकिन उनकी पत्नी ने उनका मनोबल बढ़ाते हुए मास्क बेचने की सलाह दी.

Last Updated : May 19, 2020, 9:10 PM IST
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