ETV Bharat / state

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल यह दुर्गा मंदिर, भक्तों की लगती है भारी भीड़ - कुआरी कन्याओं के अच्छे वर

हरदा के तवा कालोनी के दुर्गा मंदिर में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिलती है. जहां नवरात्रि पर हिंदु-मुस्लिम मिलकर आयोजनों में भाग लेते हैं.

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बना हुआ है तवा कालोनी का दुर्गा मंदिर
author img

By

Published : Oct 2, 2019, 11:44 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 12:15 PM IST

हरदा। शहर की तवा कालोनी का दुर्गा मंदिर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बना हुआ है. इस मंदिर की आधार शिला मुस्लिम समुदाय के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मेहंदी साहब ने रखी थी. मंदिर में देवी भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. मंदिर में नवरात्रि के दौरान होने वाले आयोजनों में मुस्लिम परिवार भी बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं.

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल यह दुर्गा मंदिर

तवा कालोनी में रहने वाले उपयंत्री वाय एस यादव ने बताया कि मंदिर की स्थापना 23 सितंबर 1990 को की गई थी. यहां पर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एसई मेहंदी की अध्यक्षता में मंदिर निर्माण का भूमिपूजन किया गया था. तब से लेकर आज तक यहां पर हिंदु और मुस्लिम परिवार मिलकर नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाते है. यह मंदिर हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है.

मंदिर के पुजारी ने बताया कि देवी नो देवियों में से माता का नौवां रुप सिद्धदात्री इस मंदिर में विराजमान है. यहां पर कुआरी कन्याओं को अच्छे वर ओर परिवार की कामना को लेकर मंदिर के पीछे-सीधे हथले देकर कामना की जाती है. जब मनमाफिक वर की प्राप्ति होती है तो वह जोड़े से आकर उनके लगाये गए हथेलो को सीधा लगाती है.

हरदा। शहर की तवा कालोनी का दुर्गा मंदिर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बना हुआ है. इस मंदिर की आधार शिला मुस्लिम समुदाय के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मेहंदी साहब ने रखी थी. मंदिर में देवी भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. मंदिर में नवरात्रि के दौरान होने वाले आयोजनों में मुस्लिम परिवार भी बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं.

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल यह दुर्गा मंदिर

तवा कालोनी में रहने वाले उपयंत्री वाय एस यादव ने बताया कि मंदिर की स्थापना 23 सितंबर 1990 को की गई थी. यहां पर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एसई मेहंदी की अध्यक्षता में मंदिर निर्माण का भूमिपूजन किया गया था. तब से लेकर आज तक यहां पर हिंदु और मुस्लिम परिवार मिलकर नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाते है. यह मंदिर हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है.

मंदिर के पुजारी ने बताया कि देवी नो देवियों में से माता का नौवां रुप सिद्धदात्री इस मंदिर में विराजमान है. यहां पर कुआरी कन्याओं को अच्छे वर ओर परिवार की कामना को लेकर मंदिर के पीछे-सीधे हथले देकर कामना की जाती है. जब मनमाफिक वर की प्राप्ति होती है तो वह जोड़े से आकर उनके लगाये गए हथेलो को सीधा लगाती है.

Intro:हरदा नगर की तवा कालोनी का दुर्गा मंदिर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बना हुआ है।इस मंदिर की आधार शिला मुस्लिम समुदाय के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मेहंदी साहब के द्वारा रखी गई थी।वही जनसहयोग से मन्दिर का निर्माण किया गया था।यहां पर अलग अलग नगरों से आकर रहने वाले लोग सिंचाई विभाग की कालोनी में एक परिवार की तरह रहते है।यहां मंदिर के आयोजनों में जितने उत्साह से हिंदू परिवार शामिल होते है वही कालोनी के मुस्लिम परिवार भी बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते है।यहां नवरात्रि में महिलाओं के द्वारा रोजाना भजन किये जाते है।


Body:मन्दिर के पुजारी ने बताया कि देवी का नवमा रूप सिद्धदात्री देवी का होता है।यही रूप मन्दिर में विराजित है।इस मंदिर की यह विशेषता है कि यहां पर कुआरी कन्याओं के द्वारा अच्छे वर ओर परिवार की कामना को लेकर मंदिर के पीछे सीधे हथले देकर कामना की जातो है।जब उस कन्या को उसके मनमाफिक वर की प्राप्ति होती है तो वह जोड़े से आकर उनके द्वारा पूर्व में लगाये गए हथेलो को सीधा लगाती है।उनका कहना है कि देवी के दरबार में सैकड़ों लोगो को संतान की भी प्राप्ति हुई है।इस मंदिर में शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है।
बाईट-विजय शर्मा
पुजारी दुर्गा मंदिर तवा कालोनी


Conclusion:तवा कालोनी में रहने वाले उपयंत्री वाय एस यादव ने बताया कि मन्दिर की स्थापना 23 सितंबर 1990 को की गई थी।यहां पर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एस ई मेहंदी की अध्यक्षता में मंदिर निर्माण का भूमिपूजन किया गया था।तब से लेकर आज तक यहां पर हिन्दू ओर मुस्लिम परिवार मिलकर नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाते है।यह मंदिर हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल है।
बाईट - वाय एस यादव
उपयंत्री,सिंचाई विभाग,हरदा
Last Updated : Oct 2, 2019, 12:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.