हरदा। समर्थन मूल्य पर चना की खरीदी शनिवार से शुरू हो गई है. जिले में बने 25 केंद्रों में से सात केंद्रों पर पहले दिन खरीदी का खाता नहीं खुल पाया है. वहीं, कुछ केंद्रों पर तकनीकी खराबी के चलते किसानों के बिल जनरेट नहीं हो पाए हैं. देर शाम हरदा की कृषि उपज मंडी परिसर में बने खरीदी केंद्र पर निरीक्षण करने प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल पहुंचे.
तुलाई के दौरान गड़बड़ी करने वालों पर होगी कार्रवाई
पटेल का किसानों ने तिलक लगाकर स्वागत किया. मंत्री ने केंद्र पर तुलाई के दौरान गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सीधे एफआईआर कराए जाने की बात कही. मंत्री पटेल ने कहा कि हर खरीदी केंद्र पर पहले छोटे फिर मध्यम और फिर बड़े किसानों को बुलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार गेहूं से पहले चना, सरसों और मसूर की खरीदी शुरू हो गई है. जिससे इन फसलों का लाभ समर्थन मूल्य से भी अधिक हो गया है. किसानों को आर्थिक रूप से बड़ा फायदा हुआ है.
जिले में हैं कुल 25 केंद्र
बता दें कि जिले में कुल 25 केंद्र बनाए गए है. 20 केंद्र वेयरहाउस एवं 5 केंद्र मंडियों में बनाएं गए हैं. जहां हर रोज 10-10 किसनों से चना खरीदी की जाएगी. गुरुवार को 250 किसानों को चना खरीदी के लिए एसएमएस भेजे गए. जिले में इस बार किसानों ने 59500 हेक्टेयर में चने की फसल लगाई है. जिले के 22232 किसानों ने गेहूं बेचने एवं 20892 किसानों ने चने की फसल बेचने के लिए पंजीयन कराया है.
4.40 लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य
प्रशासन के द्वारा हरदा जिले में 74000 मेट्रिक टन चना एवं 4.96 लाख मेट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है. गत वर्ष 1706 किसानों से 9 दिनों में 6 लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था. इस बार 4.40 लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. प्रशासन के द्वारा चने की गुणवत्ता की जांच करने के लिए 20 सर्वेयर तैनात किए गए हैं, जो खरीदी केंद्र पर चने की फसल की गुणवत्ता की जांच कर अंतिम निर्णय लेंगे.
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बढ़ाए गए चना खरीदी केंद्र
बीते साल जिले में चना खरीदी के लिए 10 केंद्र बनाए गए थे, जो इस बार बढ़ाकर 25 कर दिए गए हैं. वहीं, बीते साल 9339 किसानों ने समर्थन मूल्य पर चने की फसल बेची थी. लेकिन इस वर्ष चने का रकबा बढ़ने से किसानों की संख्या दोगुनी हो गई है. इस बार 20892 किसानों ने चने की फसल बेचने के लिए पंजीयन कराया है. चने की खरीदी करीब 7 दिन तक चलेगी, जिसमें किसानों को समर्थन मूल्य 5100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से 7 दिन के भीतर भुगतान होगा.